जलसंसाधन विभाग में पंद्रह सालों में एक तिहाई कर्मचारी रह जाएंगे,97 पद होंगे समाप्त

अफसरों से मांगे नए प्रस्ताव, जो पद जरुरी है वहीं भेजे 

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जलसंसाधन विभाग में पंद्रह सालों में एक तिहाई कर्मचारी रह जाएंगे,97 पद होंगे समाप्त

भोपाल: जलसंसाधन विभाग में इस समय चतुर्थ श्रेणी से प्रथम श्रेणी और नियम वेतनमान में कुल 154 अधिकारियों के पद स्वीकृत है। अगले पंद्रह वर्षो में इनमें से 97 पद समाप्त हो जाएंगे और केवल 57 कर्मचारी ही इन संवर्गो में शेष ह जाएंगे। लेकिन वर्तमान में कार्य का बोझ लगाता बढ़ रहा है। ऐसी स्थिति में जलसंसाधन विभाग ने सभी मैदानी अफसरों से उनके यहां जरुरत के अनुसार उपयोगी संवर्ग और पदों के प्रस्ताव मांगे है।

जलसंसाधन विभाग में प्रथम श्रेणी के चालीस पद स्वीकृत है। इनमें से 18 पद समाप्त हो जाएंगे। शेष केवल 22 कर्मचारी ही प्रथम श्रेणी के पंद्रह वर्ष बाद शेष बचेंगे। इसी तरह द्वितीय श्रेणी के 1 पद स्वीकृत है उनमें से 8 पद समाप्त हो हे है और केवल 9 कर्मचारी ही इनमें शेष रह जाएंगे। तृतीय श्रेणी के 58 कर्मचारियों के पद स्वीकृत है और इनमें से 38 पद समाप्त हो जाएंगे। इसके बाद केवल 20 कर्मचारी इस श्रेणी में शेष रह जाएंगे। चतुर्थ श्रेणी के 13 पद स्वीकृत है इनमें से 7 पद समाप्त हो रहे है इसके बाद केवल छह कर्मचारी ही रह जाएंगे। नियत वेतनमान में 26 पद स्वीकृत है इनमें से सभी पद पंद्रह साल बाद समाप्त हो जाएंगे इस तरह इस समय मैदानी जलसंरचनाओं में कुल 154 पद स्वीकृत है जिनमें से 97 पद समाप्त हो रहे है और केवल 57 पद ही शेष रह जाएंगे।

जलसंसाधन विभाग के अधीक्षण यंत्री प्रशासन आशीष महाजन ने आयुक्त भू अर्जन एवं पुर्नवास बाण सागर परियोजना जलसंसाधन विभाग रीवा, आयुक्त कमांड क्षेत्र विकास संचालनालय जलसंसाधन विभाग भोपाल, सभी मुख्य अभियंता जलसंसाधन विभाग, परियोजना संचालक मोहनपुरा कुडलिया परियोजना प्रबंधन इकाई जलसंसाधन विभाग राजगढ़, सभी परियोजना संचालक जलसंसाधन विभाग मध्यप्रदेश और वरिष्ठ प्रशासकीय अधिकारी कार्यालय मुख्य प्रमुख अभियंता जलसंसाधन विभाग भोपाल को पत्र लिखकर कहा है कि प्रमुख अभियंता, मुख्य अभियंता परियोजना संचालक सहित, मंडल, संभाग एवं उपसंभागीय कार्यालयों में स्वीकृत पदों में से बहुउद्देश्यी पदों की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए युक्तियुक्तकरण अंतर्गत पदों, संवर्ग को मृत घोषित करते हुए उन पदों के विुद्ध कार्यरत शासकीय सेवकों को वेतन आहरण की दृष्टि से सांख्येत्तर पद की स्वीकृति प्रदान की गई है। इन पदों के विरुद्ध कार्यरत शासकीय सेवकों के सेवानिवृत्त ओंने और अन्य कारणों से पद समर्पित होंनके के बाद धीरे-धीरे स्वमेव समाप्त माने जाएंगे।

वर्ष 2026-27 में अस्थाई संरचनाओं, पदों के निरंतरता प्रस्ताव के अनुक्रम में स्वीकृति आदेश प्राप्त करने हेतु वित्त विभाग की सहमति अनिवार्य है। इसलिए वर्ष 25-26 में प्राप्त स्वीकृति के तहत संचनाओं में बढ़े घटे कार्यबोझ के आधार पर किस-किस संवर्ग के पदों को बढ़ाया जाना अथवा घटाया जाना अबियाना अमले सहित प्रस्तावित है, वर्तमान में विभिन्न संवर्गो, नामों में स्वीकृत पद जलसंसाधन विभाग द्वारा निष्पादित कार्यो के अनुुरुप उपयोगी है इसकी पुन: अपने स्तर पर समीक्षा करते हुए एकजाई प्रस्ताव विभाग ने मांगे है। अगर पदों के सृजन की आवश्यकता होती है, इन पदों की आवश्यकता कब तक रहेगी, वर्ष, अवधि का लेख करते हुए तथा उसके एवज में पूर्व से स्वीकृत पदों को क्या समर्पण किया जा सकता है उल्लेख करते हुस पद समर्पण प्रस्तावित न होंने की दशा में वार्षिक वित्तीय भार कितना हाएगा और होेनें वाले व्यय की पूर्ति का स्रोत क्या होगा यह जानकारी भी मैदानी अधिकारियों से मांगी है।

वर्तमान में मंडल, संभाग एवं उप संभागीय कार्यालयों को जिले में उपलब्ध कार्यबोझ के आधार पर कार्य क्षेत्र का पुन: निर्धारण करते हुए एक से अधिक स्वीकृत कार्यालयों को अतिशेष किया जा सकता है, प्रशासकीय नियंत्रण परिवर्तित किया जाना प्रस्तावित हो तो प्रस्तावित करने को कहा गया है।

वर्ष 25-26 में सांख्येत्तर पद, कार्यभारित, स्थाईकर्मी कार्यरत थे उनमें से 31 मार्च 26 को सेवानिवृत्ति से पद समाप्त हो रहे हो तो उनकी भी जानकारी मांगी हे। यह सारी जानकारी 31 अगस्त 2025 तक मांगी गई है। निरंतरता की स्वीकृति समय पर प्रापत न होंने पर एक ओर शासकीय सेवकों का वेतन भी रोका जाएगा और विकास कार्य भी अवरुद्ध होंगे इसलिए समय से पहले जानकारी भेजने को कहा गया है।