Fake Bank Guarantee Scam : PNB के मैनेजर सहित 2 लोगों को CBI ने ₹183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया!

यह मामला मप्र जल निगम के साथ इंदौर की कंपनी द्वारा किए गए ₹974 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट्स से जुड़ा!

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Fake Bank Guarantee Scam : PNB के मैनेजर सहित 2 लोगों को CBI ने ₹183 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले में गिरफ्तार किया!

 

New Delhi : सीबीआई ने ₹183.21 करोड़ के फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का पर्दाफाश किया। इसीके तहत साल 2023 में इंदौर की एक निजी कंपनी को मध्य प्रदेश के जल निगम ने ₹974 करोड़ के तीन सिंचाई के प्रोजेक्ट्स दिए थे। जांच में सामने आया कि ये बैंक गारंटी फर्जी है। सीबीआई ने 183.21 ₹करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी घोटाले का भंडाफोड़ करते हुए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के वरिष्ठ मैनेजर गोविंद चंद्रा हंसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया।

यह मामला मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड (MPJNL) के साथ इंदौर की कंपनी M/S Teerth Gopicon Limited द्वारा किए गए ₹974 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट्स से जुड़ा है। 2023 में M/S Teerth Gopicon Limited ने मध्य प्रदेश में MPJNL से ₹974 करोड़ के तीन प्रोजेक्ट्स सिक्योर किए थे। इन कॉन्ट्रैक्ट्स को सपोर्ट करने के लिए कंपनी ने ₹183.21 करोड़ की 8 फर्जी बैंक गारंटी सबमिट की थी।

 

सीबीआई का एक्शन हाईकोर्ट के आदेश के बाद

सीबीआई ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश के बाद 9 मई 2025 को तीन अलग-अलग केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू की थी। इस मामले में इंदौर की कंपनी द्वारा मध्य प्रदेश जल निगम लिमिटेड को ₹183.21 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी का घोटाला सामने आया था। जानकारी के मुताबिक, शुरुआती वेरिफिकेशन के दौरान MPJNL को पीएनबी का अधिकारी बनकर मेल किए गए और झूठे तरीके से बैंक गारंटी को कन्फर्म कर दिया गया। इस फर्जी कन्फर्मेशन के बाद MPJNL ने इस कंपनी को ₹974 करोड़ के तीन कॉन्ट्रैक्ट्स दे दिए।

 

सीबीआई की जांच जारी

19 और 20 जून 2025 को सीबीआई की टीम ने दिल्ली, पश्चिम बंगाल, गुजरात, झारखंड और मध्य प्रदेश के 23 लोकेशनों पर छापेमारी की। वहीं इस मामले में 19 और 20 जून 2025 को पीएनबी के वरिष्ठ मैनेजर गोविंद चंद्रा हंसदा और मोहम्मद फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया।

इसके बाद दोनों आरोपियों को कलकत्ता कोर्ट में पेश करके ट्रांजिट रिमांड पर इंदौर लाया गया, जहां उनसे पूछताछ की गई। जांच में पता चला है कि कोलकाता आधारित एक सिंडिकेट सिस्टमैटिक तरीके से फर्जी बैंक गारंटी बनाती है। इसका इस्तेमाल सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स के लिए किया जाता है। सीबीआई की जांच जारी है और इस सिंडिकेट के नेटवर्क का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।