शराबबंदी और गायों की मौत पर उमा भारती ने बात को टाला

शराबबंदी आंदोलन 14 फ़रवरी से भी नहीं, सरकार भाजपा की तो गायों की मौत पर चुप!

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Bhopal : शराबबंदी और गायों की मौत पर एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती उलझ गई। पहले उन्होंने 14 जनवरी से मध्य प्रदेश में शराबबंदी आंदोलन शुरू करने की बात कही, जिसमें लट्ठ लेकर शराबबंदी का कहा था! फिर 14 फ़रवरी से आंदोलन शुरू करने को कहा, पर अब वे इससे भी कन्नी काटने लगी।

सोमवार को फिर उनका एक बार सामने आया है। इसमें उमा भारती ने कहा कि मैं कोई तीस मार खां नहीं हूं। बहुत सारे लोग हैं, जिनको आंदोलन करना चाहिए। वे लोग आगे क्यों नहीं आ रहे! उमा भारती ने शराबबंदी पर अपनी रणनीति 14 फरवरी के बाद बताने की बात कही। शिवराज सिंह और वीडी शर्मा दोनों संत समान सदचरित्र के व्यक्ति हैं, मुझे नहीं पता इसके बाद भी शराबबंदी में कहाँ अड़चन आ रही है। मैं शराब के खिलाफ हूं।

 

एक बात मुझे अच्छी लगी कि जिस तरह गंगा को साफ करने को लेकर सभी ने एकता दिखाई, उसी प्रकार शराब को लेकर भी मीडिया में एकता है। कोई भी शराबबंदी के खिलाफ नहीं है। हमें इसका उपयोग करना चाहिए। उमा भारती ने कहा कि शराब बंदी को लेकर सीएम शिवराज से बात करेंगीं। शराबबंदी पर इस मामले में शिवराज वक्तव्य देंगे।

गायों की मौत टालमटोली

उमा ने भोपाल जिले में हुई गायों की अकाल मौत पर भी दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि वे बेहद दुखी हैं। इस मामले में सीएम से बात करेंगी। लेकिन, राजनीतिक मज़बूरी के कारण वे मध्य प्रदेश में गायों की हो रही मौत और दोषियों पर कार्रवाई को लेकर कुछ बोल नहीं पा रही हैं। इसका कारण उन्होंने ख़ुद स्पष्ट किया और कहा ‘मै किसी वजह से नहीं बोल पा रही हूँ …! सरकार ही हमारी है न, आप समझो तो … और दूसरा भाई से मेरे बड़े आदर व आत्मीयता के संबंध है!’