Ram Rahim: गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल

पंजाब चुनाव से पहले राम रहीम को पैरोल मिलने के राजनीतिक कारण

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Ram Rahim: गुरमीत राम रहीम को 21 दिन की पैरोल

Rohtak : डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) को 3 सप्ताह की पैरोल मिल गई। राम रहीम आज जेल से बाहर आ सकते हैं। पंजाब चुनाव (Punjab Election 2022) से पहले राम रहीम को मिली इस पैरोल के कई राजनीतिक मामले निकाले जा रहे हैं। दुष्कर्म के दोषी राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद हैं। वे दुष्कर्म और हत्या मामले में सजा काट रहे हैं।

डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मां की बीमारी के चलते 21 दिन की फरलो मिली है। राम रहीम 25 अगस्त 2017 से रोहतक की सुनारिया जेल में बंद है। 2 साध्वियों से दुष्कर्म में 10-10 साल और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

क्या होता है पैरोल

किसी मुजरिम को 5 पांच साल या उससे ज्यादा की सजा हुई हो और वह 3 साल की सजा काट चुका हो, उसे साल में चार सप्ताह के लिए पैरोल दिए जाने का प्रावधान है। पैरोल एक छुट्टी की तरह होती है, जिसमें जेल में सजा पाए कैदियों को छुट्टी मिलती है। तय समय के लिए वह अपने घर जा सकते हैं।

डेरा सच्चा सौदा का राजनीतिक प्रभाव 

पंजाब की राजनीति में डेरों का अहम किरदार रहा है। समय-समय पर राजनीतिक दल डेरों की शरण में जाते रहे हैं। डेरा सच्चा सौदा पिछले कई सालों से पंजाब में हुए हर चुनाव में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता दिखा है। पंजाब के मोगा में 29 नवम्बर 2021 को डेरा सच्चा सौदा की एक विशाल सभा हुई थी जिसे डेरा ‘नाम चर्चा’ कहा गया। सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदे के पंजाब में डेरों की संख्या करीब 10 हजार है। पूरे भारत 6 करोड़ अनुयायियों वाले इस डेरा का प्रभाव राज्य के मालवा क्षेत्र में 35-40 सीटों पर माना जाता है।

2009 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल ने डेरा सच्चा सौदा को अपने पाले में कर लिया था। इसका नतीजा ये रहा कि हरसिमरत कौर ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेटे रनिंदर सिंह को एक लाख वोटों से हराया। 2014 के हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले खुद विदेश मंत्री सुषमा स्वराज डेरा सच्चा सदा गई थीं।