New Disclosure in Raja Raghuvanshi Murder Case: इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में ड्रग्स एंगल से सनसनी!

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New Disclosure in Raja Raghuvanshi Murder Case: इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में ड्रग्स एंगल से सनसनी!

परिवार ने नार्को टेस्ट की मांग की

इंदौर। राजा रघुवंशी मर्डर केस में हर दिन नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब मृतक राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने मीडिया में दावा किया है कि राजा की पत्नी सोनम रघुवंशी और उसका प्रेमी राज कुशवाहा ड्रग्स के आदी थे, और दोनों ने नशे की हालत में मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी।

विपिन का कहना है कि यह मामला केवल पारिवारिक विवाद नहीं, बल्कि नशे और विश्वासघात से जुड़ा है—इसी वजह से उन्होंने दोनों के नार्को टेस्ट की मांग की है।

परिवार का आरोप है कि सोनम और राज लंबे समय से ड्रग्स लेते थे और इसी लत ने दोनों को अपराध की ओर धकेला। विपिन ने कहा, “राज और सोनम दोनों ड्रग्स लेते थे। हमारा भाई जिम्मेदार इंसान था, लेकिन उसे खतरनाक साजिश के तहत मारा गया।” परिवार का यह भी कहना है कि आरोपी लगातार बयान बदल रहे हैं, इसलिए सच्चाई सामने लाने के लिए नार्को टेस्ट जरूरी है।

हालांकि, पुलिस जांच या मेडिकल रिपोर्ट में अभी तक सोनम और राज के ड्रग्स लेने की पुष्टि नहीं हुई है।

यूपी पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना कि सोनम गाजीपुर में पकड़े जाने के वक्त नशे में थी, लेकिन हत्या की रात ड्रग्स का सेवन हुआ या नहीं, इसकी जांच जारी है। फिलहाल पुलिस के पास हत्या की साजिश, रिश्ते और शक के पर्याप्त सबूत हैं, लेकिन ड्रग्स एंगल की पुष्टि के लिए आगे की जांच चल रही है।

नार्को टेस्ट की प्रक्रिया क्या है..?

नार्को टेस्ट एक फोरेंसिक जांच है जिसमें आरोपी को ‘ट्रुथ सीरम’ (जैसे सोडियम पेंटोथल) का इंजेक्शन दिया जाता है। इससे व्यक्ति अर्ध-बेहोशी की हालत में आ जाता है और सच छुपा नहीं पाता। टेस्ट डॉक्टर, मनोवैज्ञानिक, पुलिस और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स की मौजूदगी में होता है और इसकी वीडियो रिकॉर्डिंग की जाती है।
यह टेस्ट अदालत की अनुमति और आरोपी की सहमति से ही किया जा सकता है। इसके नतीजे कोर्ट में अंतिम सबूत नहीं माने जाते, लेकिन जांच एजेंसियों को केस की कड़ियां जोड़ने में मदद मिलती है।