Jawed Akhtar : सोनम और मुस्कान मामले पर जावेद अख्तर ने कहा ‘अब सामाजिक बदलाव की जरूरत, समाज बेशर्म!’

जब महिलाएं पतियों की हिंसा का शिकार होती हैं, तब समाज चुप क्यों रहता!

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Jawed Akhtar : सोनम और मुस्कान मामले पर जावेद अख्तर ने कहा ‘अब सामाजिक बदलाव की जरूरत, समाज बेशर्म!’

New Delhi : नई दिल्ली के महाराष्ट्र सदन में आयोजित ‘क्रिएटर्स मंच’ कार्यक्रम में बोलते हुए जाने माने गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने आज के समाज पर टिप्पणी की। उन्होंने इंदौर की सोनम रघुवंशी और मेरठ की मुस्कान के कृत्यों पर भी अपनी बेबाक राय रखी। जावेद अख्तर से जब हाल ही में हुए सोनम और मुस्कान के मामलों पर सवाल पूछा गया, जहां दोनों महिलाओं ने अपने पतियों की हत्या करवा दी और इन घटनाओं ने समाज को झकझोर दिया है। जावेद ने कहा कि इन घटनाओं पर उनकी मिश्रित भावनाएं हैं। इस मौके पर उन्होंने अपनी जिंदगी के अनुभव भी साझा किए।

उन्होंने सवाल उठाया कि जब महिलाएं अपने पतियों की हिंसा का शिकार होती हैं, तब समाज चुप क्यों रहता है? उन्होंने कहा कि दो महिलाओं ने अपने पतियों की हत्या करवाई, इससे समाज को झटका लगा। लेकिन, हर दिन महिलाओं को जिंदा जलाया जाता है या उनके साथ घर में मारपीट होती है, तब समाज को कोई फर्क क्यों नहीं पड़ता? जावेद अख्तर ने साफ कहा कि इन महिलाओं का कृत्य गलत था। लेकिन, समाज को सोचना चाहिए कि क्या उनकी शादी उनकी मर्जी से हुई थी? हिंदुस्तान में एक छोटे शहर की लड़की के लिए अपने माता-पिता से यह कहना आसान नहीं कि वह शादी नहीं करना चाहती। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर महिलाओं के साथ बुरा बर्ताव बंद नहीं हुआ, तो ऐसी घटनाएं बढ़ती रहेंगी।

जावेद अख्तर ने समाज से अपील की कि वह महिलाओं के प्रति अपनी सोच बदले। समाज को पुरुषों द्वारा महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए, जितना इन हत्याओं पर दिया जा रहा है। इस मंच ने न केवल रचनात्मक चर्चा को बढ़ावा दिया, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर भी गहरी बातचीत को जन्म दिया। जावेद अख्तर ने महिलाओं द्वारा अपने पतियों की हत्या करने के हाल के मामलों पर जनता के आक्रोश पर सवाल उठाया और इसे ‘बेशर्म’ बताया। जावेद ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में, जहां एक व्यक्ति के शरीर को काटकर ड्रम में भर दिया गया था। दूसरा मामला मेघालय का है जहां एक महिला ने अपने हनीमून के दौरान अपने पति की हत्या कर दी।
मेघालय में सोनम से जुड़े मामले पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए जावेद अख्तर ने कहा कि उसने जो किया वह बहुत गलत था। लेकिन, अगर उसने अपनी शादी के तुरंत बाद ऐसा किया, तो पता लगाएं कि क्या उसकी इच्छा के विरुद्ध उस पर शादी थोपी गई थी। यह पता लगाना आसान होगा। क्या हिंदुस्तान के एक छोटे शहर की महिला के लिए अपने माता-पिता से यह कहना आसान है कि वह शादी नहीं करेगी? क्या वह ऐसा कह सकती है?

जावेद ने इस बात को क्लियर करते हुए कि वो अपराधों का बचाव नहीं कर रहे हैं कहा कि मैं पतियों सहित किसी की हत्या को उचित नहीं ठहरा रहा हूं। एक समय था जब प्रेशर कुकर फटने में कई बहुएं मर जाती थीं। प्रेशर कुकर भी पहचान लेता था कि कौन बहू है। सास या उसकी बेटी कभी नहीं मरती थी। इस कार्यक्रम में कवि कुमार विश्वास, फिल्म निर्देशक इम्तियाज अली और उपन्यासकार चेतन भगत जैसे मशहूर हस्तियों ने शिरकत की और हाल की चर्चित घटनाओं पर अपनी राय रखी।