‘Sharad Smriti Prasanga’: प्रथम पुण्यतिथि पर डॉ . शरद पगारे के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए पुण्य स्मरण किया गया

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‘Sharad Smriti Prasanga’: प्रथम पुण्यतिथि पर डॉ . शरद पगारे के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए पुण्य स्मरण किया गया

                 ऐतिहासिक लेखन की विराट दृष्टि रखते थे डॉ. शरद पगारे

इंदौर प्रेस क्लब में आयोजित कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार, प्रतिष्ठित व्यास सम्मान से सम्मानित आदरणीय डाॅ. शरद  पगारे  को आप के प्रथम पुण्य स्मरण दिवस (28 जून) पर शनिवार शाम इंदौर प्रेस क्लब Indore Press club में भावपूर्वक याद किया गया। शरद स्मृति प्रसंग कार्यक्रम में आपके कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए अतिथि वक्ताओं ने आदरांजलि प्रकट की।
कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार स्व. डॉ. शरद पगारे का स्मरण करना साहित्य की परंपरा का स्मरण करना है। वे ऐतिहासिक लेखन की विराट दृष्टि रखते थे। उन्होंने सिखाया कि जब हम इतिहास पर लिखते हैं तो न्याय दृष्टि की कितनी जरूरत होती है। ऐतिहासिक विषयों पर लिखना बहुत कठिन और जवाबदारी का काम है। इस काम को डॉ. पगारे बहुत आसानी और कुशलता से करते थे।
यह बात साहित्य अकादमी मप्र के निदेशक डॉ. विकास दवे ने कही। वे शनिवार शाम इंदौर प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागृह में डॉ. शरद पगारे के प्रथम पुण्य स्मरण दिवस पर आयोजित शरद स्मृति प्रसंग कार्यक्रम में अध्यक्षीय उद्बोधन दे रहे थे। डॉ. दवे ने कहा कि डॉ. शरद पगारे का जिस तरह का साहित्यिक योगदान रहा है वैसा उन्हें रेखांकित नहीं किया गया है। जो थोड़ा रेखांकन हुआ भी वह सही समय पर नहीं हुआ। मुख्य अतिथि ख्यात कामेंटेटर श्री सुशील दोशी ने कहा कि क्रिकेट में जिस तरह का कार्य सचिन तेंदुलकर ने किया उसी तरह का काम साहित्य में स्व. डॉ. शरद पगारे ने किया है। उन्होंने ऐसे विषयों और पात्रों को चुनकर उन पर लिखा जिन पर कभी किसी ने नहीं लिखा। उनका लेखन ऐसा था जो दीर्घकाल तक याद किया जाएगा।
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विशेष अतिथि इलाहबाद विश्वविद्यालय में हिन्दी के प्रोफेसर डॉ. सुनील विक्रम सिंह ने डॉ. पगारे के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें बड़ा और महान रचनाकार बताया। कहा कि डॉ. पगारे का ऐतिहासिक पात्रों को लेकर लेखन के क्षेत्र में बड़ा योगदान तो था ही नई पीढ़ी में उनकी खासी लोकप्रियता थी। एक प्रसंग सुनाते हुए उन्होंने कहा कि डॉ. पगारे देश में जहां कही भी जाते थे बड़ी संख्या में युवा और विद्यार्थी उनसे मिलने व मार्गदर्शन लेने पहुंच जाया करते थे।
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इंदौर प्रेस क्लब अध्यक्ष श्री अरविंद तिवारी (Arvind Tiwari ) ने स्वागत उद्बोधन में डॉ. पगारे के साहित्यिक योगदान को रेखांकित करते हुए उन्हें इंदौर का गौरव निरुपित किया। अतिथियों का स्वागत प्रेस क्लब उपाध्यक्ष श्री दीपक कर्दम (Deepak Kardam) , श्री प्रदीप जोशी (Pradeep Joshi), कोषाध्यक्ष श्री संजय त्रिपाठी (Sanjay Tripathi) ने किया। संचालन विचार प्रवाह साहित्य मंच VICHAR PRAVAH SAHITYA MUNCH के अध्यक्ष श्री मुकेश तिवारी ने किया। आभार कार्यक्रम संयोजक डॉ. सुशीम पगारे (Sushim Pagare) ने माना। इस मौके पर साहित्य, पत्रकारिता और शिक्षा जगत से जुड़े अनेक प्रमुख लोग उपस्थित थे।