मनुष्यता की रहनुमाई करती हैं कविता- संतोष चौबे

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मनुष्यता की रहनुमाई करती हैं कविता- संतोष चौबे

वनमाली सृजन केन्द्र की काव्य गोष्ठी आयोजित!

Ratlam : कविता मनुष्यता की रहनुमाई करती हैं। वह मानवता के पक्ष में खड़ी होकर जीवन के उन संदर्भों को सामने लाती है जो हमारी संवेदनशीलता और आपसी सौहार्द्र को कायम रखते हैं। प्रत्येक मनुष्य रचनाधर्मी होता है। उसका सृजन ही उसके पक्ष में मुसीबत के समय खड़ा होता है।

उक्त विचार वनमाली सृजन केन्द्र रतलाम द्वारा आयोजित काव्य गोष्ठी में वरिष्ठ कवि एवं रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय (भोपाल) तथा डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय (खंडवा) के कुलाधिपति संतोष चौबे ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि रतलाम सृजन का पुराना केंद्र रहा है। यहां के साहित्य से पूरे मालवा की पहचान प्रदेश और देश में होती हैं। वनमाली सृजन केंद्र के माध्यम से हो रही गतिविधियाँ इस वैभव को और बढ़ा रही हैं।

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राष्ट्रीय आजीविका संसाधन संस्थान के सभागार में आयोजित गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवि, अनुवादक प्रो. रतन चौहान ने कहा कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण मनुष्य की ही देन हैं, मगर जब विज्ञान सृजनशील हाथों में जाता है तो वह नवनिर्माण करता है और विध्वंसक हाथों में जाता है तो वह हानिकारक साबित होता है। हमारी रचनाशीलता उस मनुष्य के पक्ष में होनी चाहिए जो सृजनशील है और जिसके पक्ष में आवाज़ उठाई जानी चाहिए।

इस अवसर पर कार्यकारी संपादक, इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए डॉ. विनीता चौबे, डॉ. सीवी रामन विश्वविद्यालय, खंडवा के कुलगुरू डॉ.अरुण जोशी, एवं एन. एल. आर.आई. के निदेशक डॉ. अनिल सैनी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

इन्होंने रचना पाठ किया

इस अवसर पर वरिष्ठ रचनाकार संतोष चौबे, प्रो.रतन चौहान, डॉ. मुरलीधर चांदनीवाला, शिवमंगल सिंह सुमन शोध संस्थान की निदेशक डॉ. शोभना तिवारी, शायर सिद्दीक रतलामी, वरिष्ठ कवि एवं इलेक्ट्रॉनिकी आपके लिए पत्रिका के संपादक मोहन सगोरिया, विश्व रंग सचिवालय के सचिव संजय सिंह राठौर, टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के सह-निर्देशक विक्रांत भट्ट, डॉ. कारूलाल जमड़ा, कीर्ति शर्मा, सुनील व्यास, प्रकाश हेमावत, सुभाष यादव, विनोद झालानी, दुष्यंत व्यास, जुझार सिंह भाटी, कैलाश वशिष्ठ, सुश्री अलका जोशी, गौरीशंकर खींची, श्याम सुंदर भाटी ने रचना पाठ किया। आयोजन में वरिष्ठ चित्रकार महावीर वर्मा, मदनलाल यादव, गोपाल उपाध्याय सहित साहित्य प्रेमी मौजूद थे।

पुस्तकों का विमोचन हुआ

इस अवसर पर मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के सहयोग से प्रकाशित संजय सिंह राठौर के प्रथम कविता संग्रह ‘बरसाती नदियां’ और विक्रांत भट्ट के कविता संग्रह ‘सबको पीछे छोड़ चुका है आदमी’ का विमोचन हुआ। गोष्ठी का संचालन वनमाली सृजन केन्द्र के अध्यक्ष आशीष दशोत्तर ने किया तथा आभार अरूण जोशी ने माना!