Nomination to Rajya Sabha : उज्ज्वल निकम और हर्षवर्धन श्रृंगला समेत 4 को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया!

पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति से खाली हुई सीटों पर ये मनोनयन किया!

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Nomination to Rajya Sabha : उज्ज्वल निकम और हर्षवर्धन श्रृंगला समेत 4 को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया!

New Delhi : राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार लोगों को मनोनीत किया है। इनमें मुंबई के सरकारी वकील उज्ज्वल देवराव निकम, केरल के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद सी सदानंदन मास्टर, भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला और प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद् मीनाक्षी जैन का नाम है। ये नामांकन पूर्व में नामित सदस्यों की सेवानिवृत्ति के कारण खाली पड़ी सीटों को मद्देनजर किए गए।

राष्ट्रपति ने संविधान के अनुच्छेद 80 (1) (क) के खंड (3) द्वारा उन्हें दी गई शक्तियों के अंतर्गत इन लोगों को राज्यसभा के लिए चुना है। राष्ट्रपति राज्यसभा के लिए 12 लोगों को मनोनीत कर सकते हैं। ये मनोनीत लोग कला, साहित्य और लोक सेवा के क्षेत्र में अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाने जाते हैं।

● उज्जवल देवराव निकम : यह कानूनी क्षेत्र में एक जाना-माना नाम हैं। उन्होंने मुंबई आतंकवादी हमलों के मामले में सरकारी वकील के रूप में जिम्मेदारी का सफल निर्वहन किया था। उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने 2024 के आम चुनावों में मुंबई उत्तर मध्य लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे।

● मीनाक्षी जैन : राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामित की गई डॉ मीनाक्षी जैन प्रख्यात इतिहासकार एवं शिक्षाविद हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में इतिहास की पूर्व एसोसिएट प्रोफेसर रही हैं।

● हर्षवर्धन श्रृंगला : अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत रहे हर्षवर्धन श्रृंगला पूर्व विदेश सचिव रहे हैं। उन्होंने पूर्व में संयुक्त राज्य अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में राजदूत का पद भी संभाला है। उन्होंने 2023 में भारत की जी20 अध्यक्षता के लिए मुख्य समन्वयक के रूप में भी कार्य किया है।

● सी. सदानंदन : राज्यसभा के लिए नामित किए गए सी. सदानंदन मास्टर केरल के भाजपा सदस्य हैं। वे पूर्व में शिक्षक रहे हैं। उन्हें भाजपा ने 2021 के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया था। वहीं, सदानंदन को 25 जनवरी, 1994 में राजनीतिक हिंसा के शिकार बनाया गया था। तब उनके पैतृक गांव पेरिंचरी के पास माकपा कार्यकर्ताओं ने उनके दोनों पैर काट दिए थे।