Historical Decision in Digital Arrest: कोर्ट ने 9 साइबर अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई, 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी का पर्दाफाश

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Historical Decision in Digital Arrest: कोर्ट ने 9 साइबर अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाई, 100 करोड़ से ज्यादा की ठगी का पर्दाफाश

भारत में लगातार बढ़ते साइबर अपराधों के बीच हाल ही में पश्चिम बंगाल की कल्याणी अदालत ने digital arrest के कुख्यात गिरोह को ऐतिहासिक सजा सुनाई। डिजिटल तकनीक का फायदा उठाकर लोगों को ‘पुलिस या एजेंसी’ का डर दिखाकर करोड़ों की ठगी करने वाले इस नेटवर्क को अदालत ने पहली बार ‘आर्थिक आतंकवाद’ मानते हुए 9 आरोपियों को उम्रकैद दी है। यह फैसला न केवल साइबर अपराधियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम लोगों के लिए बड़ा जागरूकता संदेश भी है।

कल्याणी कोर्ट ने 6 नवंबर 2024 की घटना पर सुनवाई करते हुए, 9 साइबर अपराधियों को उम्रकैद की सजा सुनाकर Cyber fraud मामलों में‌ नया इतिहास रच दिया है। इन लोगों ने रानाघाट के सेवानिवृत्त कृषि वैज्ञानिक पार्थ कुमार मुखर्जी को व्हाट्सएप वीडियो कॉल और फर्जी पुलिस/सीबीआई अफसर बनकर झांसा दिया, 7 दिन तक लगातार ‘डिजिटल अरेस्ट’ का भय दिखाया और 1.1 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए।

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी महाराष्ट्र, हरियाणा, गुजरात जैसे राज्यों से ताल्लुक रखते हैं और यह गिरोह देशभर में 108 लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर चुका है। आरोपियों में मोहम्मद इम्तियाज अंसारी, शाहिद अली शेख, शाहरुख रफीक शेख, जतिन अनूप लडवाल, रोहित सिंह, रूपेश यादव, साहिल सिंह, पठान सुमैया बानो (महिला) और फाल्दु अशोक शामिल हैं।

अदालत में मामले की सुनवाई केवल साढ़े चार महीने में पूरी हुई; 2600 पन्नों की चार्जशीट, 4 राज्यों के 29 गवाह और मजबूत डिजिटल सबूतों के आधार पर सभी को भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 338, IT एक्ट समेत 11 धाराओं में दोषी पाया गया। स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर बिवास चटर्जी ने इस कांड को ‘आर्थिक आतंकवाद’ बताते हुए अदालत से सुनवाई में पूरी सख्ती बरती और अदालत ने भी इस पर पूरी गंभीरता दिखाते हुए फैसला सुनाया।

पुलिस ने पूछताछ में सैकड़ों पासबुक, एटीएम कार्ड, सिम कार्ड, मोबाइल तथा फर्जी दस्तावेज बरामद किए और पेमेंट ट्रेल को ट्रेस कर पूरी चेन को बेनकाब किया। इस फैसले से अब भारत में डिजिटल अरेस्ट जैसी ठगी करने वालों में दहशत फैल गई है और आमजन को सतर्क रहने की खास सलाह दी जा रही है।

मुख्य बिंदु:

1. बंगाल की कल्याणी कोर्ट ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ घोटाले के 9 अभियुक्तों को उम्रकैद सुनाई।
2. यह अदालत का देश में डिजिटल अरेस्ट मामले में पहला बड़ा ऐतिहासिक फैसला है।
3. गिरोह देशभर के 108 लोगों से करीब 100 करोड़ रुपये की साइबर ठगी कर चुका है।
4. रिटायर्ड वैज्ञानिक पार्थ मुखर्जी से 1.1 करोड़ रुपये की ठगी सबसे चर्चित मामला रहा।
5. पुलिस ने आरोपियों के पास से भारी मात्रा में पासबुक, एटीएम, मोबाइल, सिम और फर्जी दस्तावेज जब्त किए।
6. 2600 पन्नों की चार्जशीट, 4 राज्यों के 29 गवाह, 11 धाराओं में सुनवाई।
7. अदालत ने आर्थिक अपराध को ‘आर्थिक आतंकवाद’ घोषित किया।
8. देशभर में ऐसे स्कैम से सतर्क रहने और साइबर सुरक्षा की जागरूकता बढ़ाने का संदेश।