रोटी मेकर मशीन टेंडर पर बड़ा घमासान: संशोधनों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप, जांच की मांग और प्रशासनिक पलटवार

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रोटी मेकर मशीन टेंडर पर बड़ा घमासान: संशोधनों को लेकर आरोप-प्रत्यारोप, जांच की मांग और प्रशासनिक पलटवार

राजेश जयंत की रिपोर्ट 

Alirajpur: जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले में जनजातीय कार्य विभाग द्वारा रोटी मेकर मशीनों की खरीद के लिए निकाले गए टेंडर में लगातार संशोधनों और शर्तों में बदलाव के चलते बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। मप्र आदिवासी विकास परिषद के उपाध्यक्ष महेश पटेल ने इस प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, पक्षपात की आशंका और तकनीकी प्रक्रिया के दौरान नियमों के उल्लंघन जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए स्वतंत्र उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। वहीं, जिला प्रशासन ने सारे आरोपों को बेबुनियाद और निरर्थक बताते हुए अपने ऊपर उठी ऊंगलियों को सिरे से खारिज किया है। पूरा मामला अब जिले की प्रशासनिक पारदर्शिता और जवाबदेही पर बहस का मुद्दा बन गया है।

महेश पटेल ने प्रेसवार्ता लेकर आरोप लगाया कि अलीराजपुर जिले के जनजातीय कार्य विभाग ने 24 जून को 65 सेमी-ऑटोमैटिक रोटी मेकर मशीनों की आपूर्ति के लिए बिड (क्रमांक GEM/2025/B/6372229) आमंत्रित की थी, जिसकी अंतिम तिथि 9 जुलाई और तकनीकी बिड की प्रक्रिया भी उसी दिन पूरी हो चुकी थी। पटेल ने कहा कि इसके बावजूद 11 जुलाई की शाम को पोर्टल पर संशोधन जारी किया गया, जिसमें फिजिकल डेमो की नई तिथि 16 जुलाई निर्धारित की गई और पात्रता शर्तों में बदलाव कर अब ट्रेडर/रिसेलर को भी भागीदारी का मौका दिया गया। साथ ही बिड की अंतिम तारीख बढ़ाकर 18 जुलाई और फिर आगे बड़ा दी गई। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि तकनीकी बिड के मूल्यांकन के बाद पात्रता में इस प्रकार का बदलाव पारदर्शिता, ईमानदारी और प्रतिस्पर्धा के सिद्धांतों के खिलाफ है तथा यह किसी खास प्रतिभागी को अनुचित लाभ देने के इरादे की ओर इशारा करता है।

पटेल ने बताया कि यह प्रक्रिया न केवल अन्य प्रतिभागियों के अधिकारों का हनन है, बल्कि सरकारी राशि के उचित उपयोग पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जिन बिंदुओं का तकनीकी तौर पर मूल्यांकन हो चुका है, उनमें बीच में संशोधन कर नए प्रतिभागियों को प्रवेश देना पूरी प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है। पटेल ने इस संबंध में आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग मप्र, संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक, लेखा एवं लोक परिसंपत्ति प्रबंधन भोपाल तथा वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय भारत सरकार तक शिकायत पहुंचाई। उन्होंने मांग की कि इस बिड को तत्काल निरस्त किया जाए, संलिप्त अधिकारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो और नई निष्पक्ष व पारदर्शी बिड केवल प्रमाणित निर्माता कंपनियों के लिए जारी की जाए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो पटेल ने चेतावनी दी है कि यह विषय वे विधानसभा सत्र में भी उठाएंगे।

*मुख्य बिंदु:*

-24 जून को रोटी मेकर मशीन के लिए निविदा आमंत्रित, 9 जुलाई को तकनीकी बिड पूर्ण।

-11 जुलाई की शाम को टेक्निकल बिड के बाद पात्रता में संशोधन, ट्रेडर/रिसेलर को भी भागीदारी की अनुमति, डेमो की नई तारीख घोषित, बिड की आखिरी तारीख बढ़ाई गई।

-महेश पटेल का आरोप- पारदर्शिता का हनन, ईमानदार प्रतिभागियों के अधिकारों पर चोट, किसी खास पक्ष को अनुचित लाभ।

-स्वतंत्र, निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच की पुरजोर मांग; दोषियों पर कार्रवाई और नई बिड की अपील।

-कार्रवाई नहीं होने की स्थिति में विधानसभा में मामला उठाने की चेतावनी।

*पूरी प्रक्रिया नियम संगत- कलेक्टर*

इन गंभीर आरोपों के जवाब में अलीराजपुर कलेक्टर डॉ. अरविंद अभय बेडेकर ने स्पष्ट किया कि शासन द्वारा निर्धारित किसी भी शर्त को बदला नहीं गया है और टेंडर प्रक्रिया में पूरी पारदर्शिता बरती जा रही है। वे बताते हैं कि प्री-बिड मीटिंग के जरिए सभी इच्छुक विक्रेताओं को अपनी-अपनी मशीन प्रस्तुत करने का समान अवसर दिया गया। न तो अब तक कोई तकनीकी या वित्तीय बिड खोली गई है और न ही मशीनों की खरीदी-पेमेण्ट संबंधित कार्रवाई हुई है। कलेक्टर के मुताबिक, धारणा भ्रामक और निराधार है, और किसी को भी विभाग के सारे दस्तावेज देखने की खुली छूट है। उन्होंने जोर दिया कि पूरा मामला पूरी तरह नियमों के अनुसार पारदर्शी तरीके से चल रहा है और आरोपों का कोई आधार नहीं है।

कुल मिलाकर रोटी मेकर मशीन की खरीदी को लेकर जिला प्रशासन और आदिवासी विकास परिषद आमने-सामने आ गए हैं। एक ओर परिषद पारदर्शिता, निष्पक्ष जांच और भ्रष्टाचार पर कार्यवाही के लिए आवाज बुलंद कर रही है, तो दूसरी ओर प्रशासन ने पूरे मामले को सही प्रक्रिया वाला और निराधार आरोप करार दिया है। फिलहाल, जिले में सुशासन और जवाबदेही की मिसाल कायम करने के लिए सभी की निगाहें संभावित जांच और उसके निष्कर्षों पर टिकी हैं। यह मामला जिले में प्रशासनिक प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और विश्वसनीयता की असल परीक्षा बन गया है।