Bhind Education Scam: शिक्षा विभाग में साढ़े 5 करोड़ का घोटाला, 14 बैंक खातों में डाल दी 50 लोगों की राशि

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Bhind Education Scam: शिक्षा विभाग में साढ़े 5 करोड़ का घोटाला, 14 बैंक खातों में डाल दी 50 लोगों की राशि

भोपाल:भिंड में शिक्षा विभाग में साढ़े पांच करोड़ का घोटाला सामने आया है। इसमें एक ही बैंक खाते से अलग-अलग कई लोगों का भुगतान कर दिया गया। जो भुगतान किए गए है उनमें खाताधारक कोई और है और भुगतान किसी और को किया जाना दर्शाया गया है। वस्तुत: हितग्राहियों के नाम पर यह राशि चुनिंदा लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर निकाल ली गई।
आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय ने इस गड़बड़ी को पकड़ा है। पहले यहां शिकायत मिलने पर 2018 से 2023 तक की जांच की गई थी। जांच के दौरान और गड़बड़ी मिलने पर 2012 तक और पीछे जाकर खातों और दस्तावेजों की गहन जांच की गई तो यह कुल साढ़े पांच करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पकड़ी गई है। इस मामले मेंं पहले एफआईआर दर्ज हो चुकी थी लेकिन अब गबन-घोटाले की राशि बढ़ने पर अब पुलिस से और गंभीरता से कार्यवाही करने को कहा गया है।
पकड़ी गड़बड़ी- आयुक्त कोष एवं लेखा कार्यालय के अंतर्गत गठित स्टेट फाइनेंस इंटेलीजेंस सेल ने आईएफएमआईएस और सीएसएफएमएस के अंतर्गत डीडीओ द्वारा किए गए वित्तीय व्यवहारों का विश्लेषण किया जिसमें कई संदिग्ध भुगतानों का पता चला। मई 2018 से जून 2013 के बीच के डाटा का एनालिसिस करने पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी भिंड में कपटपूर्ण भुगतान किए जाने की जानकारी सामने आने के बाद आयुक्त कोष एवं लेखा ने पांच जुलाई 2023 को संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ग्वालियर को जांच हेतु निर्देशित किया। इस जांच के बाद एक अगस्त 2023 में दिए गए प्रतिवेदन में बताया गया कि एक करोड़ 23 लाख 46 हजार 597 रुपए के कपटपूर्ण भुगतान किए गए। इस प्रकरण में थाना सिटी कोतवाली भिंड में एफआईआर दर्ज कराई गई। जो जांच प्रतिवेदन संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा ने दिया उससे खुलासा हुआ कि 2018-19 से पूर्व के वर्षो में भी किए गए भुगतानों में गबन किया गया है। इसके बाद आयुक्त कोष एवं लेखा ने 2011-12 से डाटा का गहन विश्लेषण करवाया। इस डाटा विश्लेषण में विकासखंड शिक्षा अधिकारी भिंड से संबद्ध नो संकुलों के डाटाको भी जोड़कर विस्तृत विश्लेषण किया गया। इसमें शासकीय उमावि नंबर एक भिंड के प्राचार्य, शासकीय उमावि नंबर दो भिंड के प्राचार्य,एमएलबी गर्ल्स शासकीय उमावि नंबर एक भिंड के प्राचार्य, शासकीय उमावि अकोडा उमावि बिलाव, उमावि उमरी, उमावि बबेड़ी, उमावि कनावर, उमावि भवनपुरा के डीडीओ कोड से हुए भुगतानों की जांच में ऐसे बैँक खाते जिनमें एक से अधिक अलग-अलग लोगों के नाम है उनको एक ही बैंक खाते से भुगतान किया जाना दर्शाया गया है। बैंक के डाटाबेस में खाताधारक का नाम सीएसएमएस, आईएफएमआईएस में दर्शित पार्टी नाम से भिन्न है।
चौदह बैंक खातों में कर दिया पचास लोेगों का भुगतान-
आयुक्त कोष एवं लेखा ने कुल चौदह संदिग्ध व्यक्तियों के बैंक खातों में पचास लोगों का भुगतान कर गड़बड़ी को पकड़ा है।
खाताधारक शकुंतला बाजपेयी के बैंक खाता क्रमांक 6307368485 में वर्ष 2011 से 2022 के बीच एक डीडीओ कोड से रामअवतार त्रिपाठी, कीर्ति देवी केयर आॅफ रामहरि सिह, खुशी कुमारी केयर आॅफ मुस्कान, खुखदेव सिंह सेंगर, दिलीप सिंह, सुरेन्द्र सिंह चौहान, राम स्वरुप जाटव, रमेश चंद्र शर्मा, शकुंन शाक्य, दिलासाराम गोयल, कमल सिंह भदौरिया, रामचंद दोहरे, राम दुबे सहित कुल तेरह हितग्राहियों को ग्रांट, स्कालरशिप, रिफंड पे बिल, जीपीएफ और डीपीएफ की राशि का भुगतान कर दिया गया। एक अन्य बैंक खाता क्रमांक 10959741739 से ग्रांट पे बिल का पांच लोगों को भुगतान किया गया। प्रमोद कुमार ओझा के बैंक खाते में शशि शर्मा का भुगतान, एक अन्य खाते में पांच लोगों का भुगतान, अर्चना बाजपेयी के बैंक खाते में सात लोगोें का भुगतान, अजमेर सिंह कुशवाह के बैंक खाते में दो पार्टियों का भुगतान, हरेन्द्र सिंह भदौरिया के खाते में अर्चना देवी का भुगतान, दिलीप शुक्ला के खाते में तीन अलग-अलग पार्टियों का भुगतान, संजीव सिंह राजावत के खाते में दो पार्टियों के भुगतान, शांति देवी के खाते में तीन पार्टियों के खाते में पे बिल सहित अन्य कामों और योजनाओं के भुगतान कर दिए गए।

आयुक्त कोष एवं लेखा भास्कर लक्षकार ने बताया कि
भिंड में शिक्षा विभाग में पहले पांच वर्षो की जांच में डेढ़ करोड़ की गड़बड़ी मिली थी। बाद में छह वर्ष और पहले के दस्तावेजों, खातों की जांच की गई तो यह घोटाला बढ़कर साढ़े पांच करोड़ हो गया है। अब अधिक राशि की गड़बड़ी सामने आने पर गंभीरता से पुलिस कार्यवाही की अपेक्षा है। कलेक्टर भिंड को इसमें आगे दोषियों पर कार्यवाही करने को कहा गया है।

भिंड के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि शिक्षा विभाग में मिली साढ़े पांच करोड़ की वित्तीय गड़बड़ी आयुक्त कोष एवं लेखा की जांच में सामने आई है। इस मामले में सख्त कार्यवाही की जा रही है। दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।