
Dhankhar’s Decision is Unpredictable : कांग्रेस ने कहा, जगदीप धनखड़ का इस्तीफा ‘पूरी तरह अप्रत्याशित’ इसमें बहुत कुछ छुपा हुआ!
New Delhi : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को कांग्रेस ने अप्रत्याशित माना और कहा कि जो दिख रहा है असलियत उससे कहीं अधिक है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा हैरान करने वाला भी है और अकल्पनीय भी। मैं शाम करीब पांच बजे तक अन्य सांसदों के साथ उनके साथ था। शाम साढ़े 7 बजे उनसे फोन पर बात भी की थी।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि धनखड़ को अपने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी। लेकिन, स्पष्ट रूप से उनके अप्रत्याशित इस्तीफे के पीछे जो दिख रहा है उससे कहीं अधिक है। हालांकि, यह अटकलों का समय नहीं है। धनखड़ ने सरकार और विपक्ष दोनों को समान रूप से आड़े हाथों लिया। उन्होंने मंगलवार दोपहर 1 बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक तय की थी। वे न्यायपालिका से संबंधित कुछ बड़ी घोषणाएं भी करने वाले थे।
जयराम रमेश ने कहा कि हम उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करते हैं, लेकिन उनसे अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने का भी अनुरोध करते हैं। हम यह भी अपेक्षा करते हैं कि प्रधानमंत्री उनसे अपना निर्णय बदलने के लिए मना लेंगे। यह राष्ट्रहित में होगा। इससे विशेष रूप से कृषक समुदाय को बहुत राहत मिलेगी।
हमें इसे स्वीकार कर आगे बढ़ना होगा
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने भी सोमवार को उन्हें देशभक्त बताते हुए कहा कि चूँकि उन्होंने अपने फैसले के लिए स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया, इसलिए इसे स्वीकार कर आगे बढ़ना चाहिए। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने कहा कि धनखड़ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दिया है और इस पर आगे कोई चर्चा नहीं होनी चाहिए। सिब्बल ने संवाददाताओं से कहा कि हमें इसे स्वीकार करना होगा और आगे बढ़ना होगा।
यह भी कहा कि निजी तौर पर, मुझे अच्छा नहीं लगा और मेरे उनके साथ बहुत अच्छे संबंध थे। कोई बुरी भावना नहीं थी। वह अपनी बात कहते थे और बातों को दिल में नहीं रखते थे। हालाँकि, हमारी विचारधाराएँ मेल नहीं खाती थीं, फिर भी वह कभी बातों को दिल में नहीं रखते थे। जब मैं राज्यसभा में बोलने के लिए ज़्यादा समय चाहता था, तो वह मुझे और समय देते थे। वरिष्ठ अधिवक्ता सिब्बल ने कहा कि उनकी खूबियाँ थीं। वह एक राष्ट्रवादी और देशभक्त हैं। वह चाहते थे कि विपक्ष और सरकार मिलकर दुनिया में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ाने के लिए काम करें।
74 वर्षीय जगदीप धनखड़ ने अगस्त 2022 में पदभार ग्रहण किया था और उनका कार्यकाल 2027 तक था। वह राज्यसभा के पदेन सभापति भी हैं और उनका इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया था।
धनखड़ के इस्तीफे के बाद अब क्या होगा
– वीवी गिरी और भैरोसिंह शेखावत के बाद जगदीप धनखड़ ऐसे तीसरे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दिया है। गिरी ने 1969 में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दिया था। जबकि, शेखावत ने 2007 में चुनाव हारने के बाद पद छोड़ा था।
– उपराष्ट्रपति का पद खाली हो गया। लेकिन, संविधान में स्पष्ट नहीं है कि इस स्थिति में उपराष्ट्रपति की जिम्मेदारियां कौन निभाएगा।
– राज्यसभा के सभापति का कार्य संविधान के अनुसार उपसभापति या राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किसी अन्य सदस्य द्वारा किया जा सकता है।
– अनुच्छेद 66 के तहत, उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से किया जाता है।
– एनडीए के पास लोकसभा और राज्यसभा में बहुमत है, ऐसे में नए उम्मीदवार के चयन में उसे प्रमुख भूमिका निभानी है।
– उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को भारत का नागरिक, 35 वर्ष से अधिक आयु का और राज्यसभा का सदस्य बनने के योग्य होना चाहिए।
– कोई भी व्यक्ति जो भारत सरकार, राज्य सरकार या किसी स्थानीय निकाय के अधीन लाभ का पद रखता है, वह इस पद के लिए अयोग्य है।




