ट्रंप को आइना दिखाती, भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड डील…

348

ट्रंप को आइना दिखाती, भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड डील…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

इन दिनों जब पूरी दुनिया के देशों को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भारी भरकम ट्रेड टैरिफ लगाने का डर दिखा रहे हैं, तब भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील पर हस्ताक्षर ट्रंप को आईना दिखाने जैसा है। भारत और ब्रिटेन ने गुरुवार यानि 24 जुलाई 2025 को ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए। इससे दोनों देशों की मार्केट पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होने के साथ वार्षिक द्विपक्षीय कारोबार में करीब 34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी। वहीं ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने बुधवार यानि 23 जुलाई 2025 को एक समझौते की घोषणा की जिसके तहत जापान से अमेरिकी आयात पर 15 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा, जो अमेरिका द्वारा पहले प्रस्तावित 25 प्रतिशत जवाबी शुल्क से कम है। यानी अमेरिका ने ज्यादा टैरिफ लगाने का डर दिखाकर उसमें जो कमी की है, बस वही संतोष करने के लिए काफी है। पर अब ब्रिटेन-भारत फ्री ट्रेड एग्रीमेंट ने अमेरिका की आंखें खोल दी होंगी। और यह भी जता दिया होगा कि भावी वैश्विक व्यापार की दिशा एफटीए ही है। और एफटीए यह भी बता रहा है कि व्यापार संबंधों में भी भारत दुनिया को राह दिखा रहा है और आगे वैश्विक संबंधों में भी विश्व गुरु बन पूरी दुनिया को राह दिखाने में सक्षम है।

भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर कर व्यापार के नए युग का संदेश दे दिया है। इससे दोनों देशों की मार्केट पहुंच में उल्लेखनीय सुधार होने के साथ वार्षिक द्विपक्षीय कारोबार में करीब 34 अरब डॉलर की बढ़ोतरी होगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर की मौजूदगी में एफटीए पर हस्ताक्षर किए गए। अधिकारियों ने कहा कि एफटीए के लागू होने पर 99% भारतीय निर्यात पर ब्रिटेन में शुल्क नहीं लगेगा।दूसरी तरफ ब्रिटिश कंपनियों के लिए व्हिस्की, कारों एवं अन्य प्रोडक्ट भारत में निर्यात करना आसान हो जाएगा। इस तरह समग्र द्विपक्षीय व्यापार में वृद्धि होगी। हालांकि इसकी तैयारी कई सालों से चल रही थी। दोनों देशों के बीच 3 साल की बातचीत के बाद इस समझौते को अंतिम रूप दिया जा सका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एफटीए के संदर्भ में कहा कि आज का दिन भारत-ब्रिटेन संबंधों में ऐतिहासिक है। कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद भारत और ब्रिटेन के बीच एक व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौता भारत के युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई क्षेत्र के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने एफटीए के संदर्भ में कहा कि यूरोपीय संघ छोड़ने के बाद यह ब्रिटेन द्वारा किया गया सबसे बड़ा और आर्थिक रूप से सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यापार समझौता है। भारत के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करके हम एक बहुत ही प्रभावशाली संदेश दे रहे हैं कि ब्रिटेन व्यापार के लिए खुला है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद कहा कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता, यूक्रेन संघर्ष और पश्चिम एशिया की स्थिति पर लगातार विचार शेयर कर रहे हैं।

दूसरी तरफ अमेरिका ने जापान समेत कई एशियाई देशों के साथ ट्रेड डील की घोषणा की। ट्रंप और जापानी प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने एक समझौते की घोषणा की जिसके तहत जापान से अमेरिकी आयात पर 15% शुल्क लगाया जाएगा, जो अमेरिका द्वारा पहले प्रस्तावित 25% से कम है।

वहीं अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि चीन के साथ वार्ता को अधिक समय देने को 12 अगस्त की समयसीमा को फिर से आगे बढ़ाया जा सकता है। भारत के साथ बातचीत की स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। हालांकि, इसकी प्रगति देश के अत्यधिक संरक्षित कृषि क्षेत्र पर निर्भर प्रतीत होती है। देश पर 26 प्रतिशत शुल्क का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि, कई खबरें आई हैं कि 1 अगस्त से पहले भारत और अमेरिका के बीच एक अंतरिम ट्रेड डील हो सकती है। इसके बाद अक्टूबर में फाइनल ट्रेड डील होगी। फिलिपीन के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर के साथ बैठक के बाद ट्रंप ने कहा कि उनके देश से आयातित उत्पादों पर 19 प्रतिशत का शुल्क लगेगा। यह पहले प्रस्तावित 20 प्रतिशत शुल्क से केवल एक प्रतिशत कम है। इंडोनेशिया को भी 19 प्रतिशत शुल्क सामना करना पड़ेगा, जो कि पहले प्रस्तावित 32 प्रतिशत की दर से कम है। इससे पहले, ट्रंप ने घोषणा की थी कि वियतनाम के निर्यात पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा, जो चीन से आने वाले सामान पर दोगुना होगा। हालांकि, इसकी कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है।

तो भारत ब्रिटेन के बीच एफटीए होने के बाद यह साफ हो गया है कि ट्रेड टैरिफ के मामले में पूरी दुनिया दो धड़ों में बंट गई है। और व्यापार यानि आर्थिक संबंधों के साथ-साथ सामरिक, सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध भी फलेंगे फूलेंगे। और भारत-ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड डील के साथ दुनिया का यह बदलता परिदृश्य अमेरिका और ट्रंप को आईना दिखाता रहेगा…।