Road Accidents: बीती रात ग्राम जामली में 2 दुर्घटनाओं में 2 पिकअप पलटी, 2 की मौत, 5 घायल

424

Road Accidents: बीती रात ग्राम जामली में 2 दुर्घटनाओं में 2 पिकअप पलटी, 2 की मौत, 5 घायल

सिविल अस्पताल महू में इलाज नहीं मिला

दिनेश सोलंकी की रिपोर्ट

MHOW: महू में बीती रात मुंबई – आगरा पुराने राजमार्ग पर ग्राम जामली के पहले और बाद में एक के बाद एक दो दुर्घटनाओं में दो पिकअप वाहन पलटे, जिसमें सवार 30 से अधिक मजदूरों में से एक की मौत हो गई और पांच घायल हो गए। जबकि बाइक सवार की भी मौत हो गई। मजदूर घायलों को महू अंबेडकर अस्पताल में इलाज नहीं मिला, वहां की एंबुलेंस से गंभीर घायलों को नगर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

WhatsApp Image 2025 07 25 at 13.43.31

प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार की रात को महू से लगभग 11 किलोमीटर दूर नंदलाई घाटी के पास एक कार और आवारा ढोर के बीच में आने के कारण पिकअप पलट गई जिसमें लगभग 20 मजदूर महिलाएं सवार थी जो अपने घरों को लौट रही थी, इनमें से घायल महिलाओं को सिविल अस्पताल में 108 नहीं आने के कारण निजी एंबुलेंस द्वारा छोड़ा गया
लेकिन उक्त अस्पताल में हमेशा की तरह लापरवाही और मनमानी के चलते घायल महिलाओं को मामूली प्राथमिक उपचार देने के बाद उसी निजी एंबुलेंस के द्वारा एम वाय अस्पताल रवाना किया गया। मगर घायलों को महू के गेटवेल अस्पताल लाया गया। इसमें दो गंभीर घायल महिलाएं हैं संगीता पति मंगल सिंह और किरण पिता सामलिया। ये गुजरी की रहने वाली है।

दूसरी दुर्घटना में 2 मरे

दूसरी दुर्घटना ग्राम जामली के पहले बड़गोंदा पुलिस थाने के नजदीक घटित हुई जिसमें मोटरसाइकिल और मजदूरों से भरी पिकअप MP 09 DZ 8104 में टक्कर हुई। मौके पर थवलाय के पास के गांव का बाइक सवार रोहित पिता भेरूलाल की मौत हो गई, जबकि पिकअप पलटने से माधव नामक मजदूर की मौत निजी अस्पताल गेटवेल में हो गई। घायल धर्मेंद्र, कालू को भी यहां निजी अस्पताल में भर्ती किया गया।
निजी एंबुलेंस चालक अरुण पंवार के अनुसार 108 के पहुंचने से पहले उन्होंने घायलों को निःशुल्क सेवा करते हुए सिविल अस्पताल में पहुंचाया। अरुण ने बताया कि जब अस्पताल से घायलों को एम वाय अस्पताल ले जाने को कहा गया तो परिजनों के कहने पर उसने निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

गौरतलब है कि तीन दिन पहले आदिवासी छात्रावास के बालकों की तबियत बिगड़ने पर जब सिविल अस्पताल महू में बच्चों को लाया गया था, तब भी उन्हें तत्काल उपचार नहीं मिला था।