सालाना आय केवल 3 रुपए! सतना के तहसीलदार ने जारी किया चौंकाने वाला इनकम सर्टिफिकेट

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सालाना आय केवल 3 रुपए! सतना के तहसीलदार ने जारी किया चौंकाने वाला इनकम सर्टिफिकेट

 

Satna [Madhya Pradesh]: मध्य प्रदेश के सतना में तहसीलदार द्वारा एक आम नागरिक के लिए जारी आय प्रमाण-पत्र ने सभी को हैरान कर दिया। दस्तावेज में उस व्यक्ति की सालाना आय महज 3 रुपये दर्ज कर दी गई- यानी, उसकी एक माह की कमाई सिर्फ 25 पैसे! सोशल मीडिया पर इस इनकम सर्टिफिकेट का फोटो वायरल होते ही प्रशासन से लेकर जनता तक, हर कोई चर्चाओं में हैरान है।

 

यह मामला सतना जिले के नागौद तहसील का है। मिली जानकारी के अनुसार, आवदनकर्ता ने सरकारी योजना या निजी काम के लिए आय प्रमाण पत्र बनवाने के लिए आवेदन दिया था। लेकिन जब उसे प्रमाण-पत्र हाथ में मिला, तो उसमें उसकी सालाना आय सिर्फ 3 रुपये लिखी थी! इसका मतलब, औसतन हर महीने केवल 25 पैसे की आय दिखाई गई, जो कि असंभव और हास्यास्पद है।

जैसे ही यह “इनकम सर्टिफिकेट” सामने आया, सोशल मीडिया पर इसकी फोटो वायरल हो गई और लोग तहसील के सिस्टम, कर्मचारियों और जमीनी हकीकत की आलोचना करने लगे। कई यूजर, नेताओं और मीडिया संस्थानों ने सवाल उठाए कि अथॉरिटी द्वारा ठोस जांच के बिना कैसे इतनी बड़ी भूल की जा सकती है?

स्थानीय प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं और पूरे मामले में जिम्मेदारी तय करने की बात कही है। इसके साथ ही अन्य आय प्रमाण-पत्रों की भी स्क्रूटिनी शुरू कर दी गई है, ताकि कहीं और भी ऐसे ‘आपसी नकल या तकनीकी गड़बड़ी’ के मामले तो नहीं हैं।

 

*एक नजर में:*

1. सतना जिले के नागौद तहसील में व्यक्ति का सालाना इनकम सर्टिफिकेट सिर्फ 3 रुपये दर्शाया गया।

2. सोशल मीडिया पर दस्तावेज वायरल, व्यवस्था की जबरदस्त आलोचना।

3. प्रमाण पत्र किन हालात में, किस प्रक्रिया से बनाया गया, इसकी जांच शुरू।

4. स्थानीय प्रशासन ने संबंधित कर्मचारियों से जवाब-तलब किया।

5. इसी बहाने अन्य पुराने सर्टिफिकेट्स की भी दोबारा जांच की जा रही है।

 

*अब आगे क्या?*

 

यह मामला सरकारी दस्तावेजों में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर एक बार फिर बड़ा सवाल बन गया है।

अब जिला प्रशासन जांच करेगा कि आखिर गड़बड़ी कहां, किस स्तर पर, कैसे हुई…?

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लापरवाही किसकी, जिम्मेदार कौन… यह तय किया जाएगा.. संभवत कोई कार्रवाई भी हो। इसके साथ ही भविष्य में ऐसी तकनीकी या मानवीय गड़बड़ी न हो, उसके लिए नया “डबल वेरिफिकेशन सिस्टम” लागू किया जा सकता है।

तो फिर इंतजार कीजिए कि अब आगे से फरमान रियलिटी चेक से होकर गुजरेगा, या ऐसी ही चौंकाने वाली गलतियां अपना सिलसिला जारी रखेंगी…?