
Big Action of CM: हरदा में राजपूत छात्रावास में हुए लाठी चार्ज मामले में ASP, SDM व SDOP हटाए गए, 2 TI भी नपे
संभागीय ब्यूरो प्रमुख चंद्रकांत अग्रवाल की खास रिपोर्ट

हरदा। हरदा के राजपूत छात्रावास में पुलिस के द्वारा किए गए लाठीचार्ज और जिलाध्यक्ष सुनील सिंह पर गंभीर धाराओं में अपराध दर्ज करने के विवादास्पद मामले में राजपूत समाज की प्रदेश भर से उठी जांच की मांग पर आखिर आज शाम मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई की है। CM ने ASP, SDM और SDOP को तत्काल प्रभाव से हटा दिया है, वहीं कोतवाली और ट्रैफिक थाना प्रभारी को नर्मदापुरम आई जी कार्यालय में अटैच किया गया है। हरदा जिले में राजपूत छात्रावास में हुए लाठीचार्ज मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासनिक कार्रवाई की है।
मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP), अनुविभागीय दंडाधिकारी (SDM) और एसडीओपी (SDOP) को तत्काल प्रभाव से हटाने के निर्देश दिए हैं। वहीं, कोतवाली थाना प्रभारी और ट्रैफिक थाना प्रभारी को नर्मदापुरम IG कार्यालय में अटैच कर दिया गया है। मुख्यमंत्री द्वारा दिए निर्देश के बाद राज्य शासन ने आज शाम ही तत्काल सभी अधिकारियों के निलंबन आदेश जारी कर दिए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर इस कार्रवाई की जानकारी आज शाम 5.32 बजे स्वयं साझा करते हुए लिखा है कि “हरदा जिले में 13 जुलाई को राजपूत छात्रावास में घटित प्रकरण की जांच के उपरांत एएसपी, एसडीएम एवं एसडीओपी को तत्काल प्रभाव से हरदा जिले से हटाया गया है। थाना प्रभारी, कोतवाली एवं थाना प्रभारी (ट्रैफिक) को नर्मदापुरम् आईजी कार्यालय में अटैच किया गया है। समाज के छात्रावास में अनुचित बल प्रयोग एवं स्थिति को संवेदनशील रूप से निराकरण करने में की गई लापरवाही को लेकर यह एक्शन लिया गया है।” ज्ञात रहे कि मुंबई के एक व्यापारी द्वारा राजपूत समाज के व्यक्ति से हीरा बेचने के नाम पर की गई धोखाधड़ी के आरोप के मामले में पुलिस द्वारा आरोपित को संरक्षण देने के विरोध में करणी सेना ने हरदा शहर के खंडवा बायपास पर धरना प्रदर्शन किया था। यह विरोध प्रदर्शन करीब 16 घंटे तक चला। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस और अंततः लाठीचार्ज का सहारा लिया। हालात इतने बिगड़े कि पुलिस ने राजपूत छात्रावास के भीतर भी प्रवेश कर लाठी चार्ज किया, जिससे पूरे प्रदेश में आक्रोश फैल गया। करणी सेना के अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर सहित करीब 60 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया गया था। इस पूरी घटना के बाद राज्य सरकार पर विपक्ष ने भी गंभीर सवाल खड़े किए थे। भाजपा विधायक विजयपाल सिंह ने भी करणी सेना का समर्थन करते हुए जांच की मांग की थी। क्योंकि करणी सेना कार्यकर्ताओं से लाठीचार्ज का मामला जिले भर में और मीडिया में भी काफी गरमा गया था। जिसको लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन भी हुए, लेकिन सरकार की ओर से कोई एक्शन नहीं लिया गया। जिसके बाद करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना का बड़ा बयान सामने आया था। तब लाठीचार्ज पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने रिपोर्ट तलब की थी और कहा था कि सौहार्द बिगाड़ने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी।


करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने मध्यप्रदेश सरकार और भाजपा को खुली चेतावनी दी थी कि दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर राजपूत समाज राज्यव्यापी आंदोलन करेगा। माना जा रहा है कि इसके बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने जांच के निर्देश दिए थे।

भाजपा को सबक सिखाने की दी थी चेतावनी
करणी सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना ने चेताया था कि राजपूत समाज ने बीजेपी को महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव में जिताया है, यदि मामले में कार्रवाई नहीं हुई तो बिहार हाथ से निकल जाएगा। अगर राजपूत समाज को यूं ही अनदेखा किया गया, तो बिहार चुनाव में इसका जवाब जरूर मिलेगा। इस तरह अंततः आज शाम अभी अभी मुख्यमंत्री ने यह बड़ा कदम उठाया है। सीएम ने एडिशनल एसपी आरडी प्रजापति, एसडीएम कुमार शानू देवड़िया और एसडीओपी अर्चना शर्मा को हटा दिया गया है। इसके अलावा कोतवाली टीआई प्रह्लाद सिंह मर्सकोले और ट्रैफिक थाना प्रभारी संदीप सुनेश को नर्मदापुरम आईजी ऑफिस में अटैच किया है।





