Bhopal Love Jihad: छांगुर और कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, फंडिंग के एंगल पर हो रहा है काम

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Bhopal Love Jihad: छांगुर और कनेक्शन खंगाल रही पुलिस, फंडिंग के एंगल पर हो रहा है काम

भोपाल:  राजधानी में तीन महीने पहले प्रकाश में आए लव जिहाद के मामले में एक बार फिर सख्ती से कार्रवाई शुरू हो गई है। बताया जा रहा है कि हाल ही में ड्रग्स और अवैध हथियार मामले में गिरफ्तार हुए यासीन अहमद उर्फ मछली और उसके चाचा शावर अहमद से पूछताछ के बाद अब जांच में शारिक अहमद मछली का नाम आने के बाद खुफिया तंत्र तेजी से सक्रिय हो गया है।

दरअसल, कुछ माह पहले एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में दो बहनों के साथ हुए बलात्कार और लव जिहाद के मामले में भी शारिक मछली का नाम सामने आया था। इस संबंध में पूरे भोपाल में 36 स्थानों पर प्रदर्शन हुआ था और सीएम डॉ. मोहन यादव को शारिक मछली के खिलाफ आरोपियों को संरक्षण देने के भी आरोप लगे थे। इस दौरान क्लब 90 पर भी एक्शन हुआ था, जिसमें मासूम युवतियों को लेकर जाकर उनके साथ शारीरिक और मानसिक शोषण किया जाता था। अब एक बार फिर तीनों मामले एक साथ आने के कारण पुलिस की जांच फंडिंग को लेकर शुरू हो गई है।

विभागीय सूत्रों की मानें तो पुलिस इसकी जांच कर रही है कि कहीं मछली परिवार, छांगुर बाबा और आगरा में हुए लव जिहाद के तार एक साथ तो नहीं जुड़े हैं। कहीं लव जिहाद को लेकर फंडिंग का काम छांगुर बाबा अथवा अन्य दूसरी संस्थाओं के द्वारा तो नहीं किया जा रहा था।

 

*तीन महीने से क्यों दब रहा था मामला*

बताया जा रहा है कि तीन महीने पहले प्रकाश में आए भोपाल लव जिहाद के मामले में शारिक मछली का नाम आने के बाद पुलिस ने इस मामले में सुस्ती दिखाई। जबकि, हाल ही में पिपलानी में एक युवती ने शिकायत की है कि शारिक मछली के एक गुर्गे ने न्यूड फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर शोषण किया था। साथ ही, शारिक मछली को भी न्यूज वीडियो भेजे थे। ऐसे में तीन महीने तक पुलिस ने इस मामले में जांच क्यों नहीं की। आखिर किसके इशारे में ये जांच रिपोर्ट दबाकर रखी गई। अब इस मामले में राजनीतिक कनेक्शन सामने आने के कारण जांच की कार्रवाई तेजी से चल रही है।

 

*मानव अधिकार आयोग और महिला आयोग ने भी जताई थी आपत्ति* 

बताया जा रहा है कि तीन महीने पहले जब मानव अधिकार आयोग और महिला आयोग की टीम जांच के लिए भोपाल आई थी। उन्होंने लव जिहाद की पीड़िताओं से मुलाकात की थी, तो सामने आया था कि पुलिस और नेताओं के कनेक्शन के कारण इस जांच में काफी लापरवाही बरती गई है। इस कारण तत्कालीन निरीक्षण और बयान लेने के बाद दोनों संस्थाओं ने पुलिस की जांच पर सवाल खड़े किए थे। अभी हाल ही में गिरफ्तार किए गए आरोपियों के साथ कई राजनेताओं और पुलिस अफसरों के फोटो सोशल मीडिया में वायरल हुए थे।