सीएम हेल्पलाइन पर डरा धमकाकर जबरन बंद कराई जा रहीं शिकायतें, पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

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सीएम हेल्पलाइन पर डरा धमकाकर जबरन बंद कराई जा रहीं शिकायतें, पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

परानिधेश भारद्वाज, भिण्ड

मध्यप्रदेश के पूर्व मंत्री और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने प्रेस वार्ता कर शासन प्रशासन पर सीएम हेल्पलाइन लगाने वाले लोगों को प्रताड़ित किये जाने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि अगर कोई सीएम हेल्पलाइन पर कॉल करके शिकायत दर्ज करवाता है तो कई मामलों में पुलिस प्रशासन के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा शिकायतकर्ता पर जबरन हेल्पलाइन की शिकायत बंद करने का दबाव बनाया जाता है। दबाव ना मानने पर थाने में बिठाकर रखा जाता है और गाली गलौज, मारपीट के साथ ही झूठे केसों में फंसाने की धमकी दी जाती है।

*सीएम हेल्पलाइन की शुरुआत होने पर मुख्यमंत्री को दी थी बधाई*

डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि 2014 में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के पिछड़े और शोषित वर्ग के लाभ के लिए सीएम हेल्पलाइन सेवा 181 शुरू की थी, तो उसे समय उन्होंने मुख्यमंत्री को इसके लिए बधाई भी दी थी। उन्होंने कहा था कि यह लोगों के लिए बहुत अच्छी पहल शासन द्वारा की जा रही है इससे वंचितों को न्याय की आस जागी है।लेकिन अब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने पर लोगों को प्रताड़ना दी जा रही है।

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*मुख्य सचिव को पत्र लिखकर की पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग*

डॉ गोविंद सिंह ने प्रेस वार्ता में बताया कि मुख्य सचिव को इसके लिए वह पत्र लिखकर दबाव बनाकर सीएम हेल्पलाइन की शिकायतें बंद करवाने वालों पर कार्यवाही और पीड़ितों को न्याय दिलवाने की मांग कर रहे हैं। ताकि महत्वाकांक्षी योजना सीएम हेल्पलाइन का प्रयोजन सफल हो सके और पीड़ितों को न्याय मिल सके।

*पीड़ित लोगों को लेकर आये प्रेस कॉन्फ्रेंस में*

डॉ गोविंद सिंह ने प्रेस वार्ता में उन पीड़ितों को भी बुलाया जो सीएम हेल्पलाइन में शिकायत करने के बाद प्रताड़ित किये गए थे। उन्होंने खुद अपने ऊपर की।गई ज्यादतियों के बारे में बताया। जबकि कुछ पीड़ित तो नहीं आये लेकिन डॉ गोविंद सिंह को भेजी गई शिकायतें उन्होंने बताईं।

केस 1- राधा राठौर को ससुरालियों द्वारा प्रताड़ित किये जाने पर जब स्थानीय स्तर पर सुनवाई नहीं हुई तो महिला ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। लेकिन सुनवाई करने की जगह लड़की के घर कर्मचारियों को भेजकर महिला और उसके परिजनों को प्रताड़ित किया, पिता के साथ गली गलौज और धक्का मुक्की की। साथ ही पिता को रात भर थाने में बिठाकर रखा।

 

केस 2- बालकिशन राठौर भागवत कथा सुनने गए थे। इसी दौरान मूंग के एक खेत मे करंट फैला हुआ था। जिसकी चपेट में आकर उनकी मौत हो गई। मछन्ड चौकी पर गुमशुदा की शिकायत की। जिन लोगों का मूंग का खेत था उन्होंने बालकिशन के लड़कों से कहा कि पिता करंट से मर गए हैं, उन्हें ढूंढने के कोई फायदा नहीं। तुम लोग मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते। उन्होंने इसके लिए शिकायत सीएम हेल्पलाइन में दर्ज कराई। जब एफआईआर दर्ज कराने मछन्ड चौकी पहुंचे तो चौकी प्रभारी रविन्द्र तोमर ने सीएम हेल्पलाइन वापस लेने के लिए दबाव बनाया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी।

 

केस 3- गोलू कुशवाह पानी टिक्की और चाट ठेला लगाते हैं। उनके सजातीय एक बदमाश ने पानी की टिक्की पी और पैसा मांगने पर झगड़ा किया। शाम को घर वापस जाते समय आरोपियों ने मारपीट की। पुलिस ने मेडिकल कराया लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की। फिर गोलू ने सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की। लेकिन रविन्द्र सिंह तोमर ने कथन के बहाने बुलाकर सीएम हेल्पलाइन बंद करवाने के लिए दबाव बनाने के लिए गाली गलौज और मारपीट की और झूठे आरोप में जेल भेजने की धमकी दी।

केस 4- सुनील कुशवाह निवासी ग्राम पंचायत रिदौली के द्वारा गांव में अतिक्रमण की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की थी। जिसके बाद पटवारी के द्वारा समस्या का निराकरण ना करते हुए उल्टा शिकायत कर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए डराया धमकाया गया। इसकी शिकायत उन्होंने कांग्रेस जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा को की।