Indore Collector’s Initiative: लंबित राजस्व प्रकरण की सूचना दो, 5000 इनाम पाओ

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Indore Collector’s Initiative: लंबित राजस्व प्रकरण की सूचना दो, 5000 इनाम पाओ

Indore: Indore Collector’s Initiative: इंदौर जिले में 31 जुलाई के बाद लंबित राजस्व प्रकरण की प्रमाणिक सूचना देने वाले को 5000 रुपए का इनाम मिलेगा। इनाम की राशि की वसूली संबंध राजस्व अधिकारी से की जाएगी।
दरअसल, इंदौर जिले में कलेक्टर आशीष सिंह की अगुवाई में 16 जून से 31 जुलाई 2025 तक “विशेष राजस्व अभियान” चला कर जिले के आम नागरिकों के लिए प्रशासनिक राहत का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वर्षों से फंसे नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन, रास्ता विवाद आदि राजस्व मामलों का समाधान अब महज हफ्तों में हो गया, जिससे हजारों परिवारों ने राहत की सांस ली।

आम तौर पर ऐसे मामलों का निपटारा महीनों या सालों तक लटकता रहता था, लेकिन इस बार नई तकनीक, फील्ड विजिट्स और जनता से त्वरित संवाद ने जनता-प्रशासन की दूरी पाट दी।

RCMS पोर्टल और लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से प्राप्त कुल 14,140 मामलों में से 5,079 नामांतरण, 642 बंटवारा, 2,305 सीमांकन, 1,994 बटांकन, 209 रास्ता विवाद, 271 ऋण बंदोबस्त व 1,404 अन्य विवाद सुलझा दिए गए। अभियान की पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए प्रशासन ने देश में अनूठी पहल करते हुए घोषणा की कि 31 जुलाई के बाद भी अगर कोई नागरिक प्रमाणित लंबित मामला सामने लाता है, तो उसे 5,000 रुपये का पुरस्कार मिलेगा। इनाम की राशि की वसूली संबंध राजस्व अधिकारी से की जाएगी। यह आम जनता की भागीदारी और प्रशासनिक जवाबदेही का अद्भुत उदाहरण है।

एक नजर में:

1. कलेक्टर आशीष सिंह की टीम ने सिर्फ 45 दिनों में 14,140 राजस्व मामलों का रिकॉर्ड समाधान किया।
2. नामांतरण, विभाजन, सीमांकन, रास्ता विवाद की दिक्कतें अब तेजी से दूर।
3. RCMS पोर्टल व लोक सेवा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन/फिजिकल आवेदन व त्वरित सुनवाई।
4. बकाया प्रमाणित मामलों की सूचना देने पर ₹5,000 नकद इनाम।
5. ग्रामीण, शहरी दोनों क्षेत्रों के नागरिकों की शिकायतों को समान महत्व।

कुल मिलाकर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा शुरू किए गए इस विशेष राजस्व अभियान ने इंदौर की जनता में विश्वास, प्रशासनिक संवेदनशीलता और समस्याओं का त्वरित समाधान देने की नई मिसाल पेश की है। यह मॉडल पूरे प्रदेश व देश के दूसरे जिलों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है, ऐसे कदम न केवल व्यवस्थागत सुधार बल्कि नागरिक-प्रशासन के रिश्तों में भी मजबूती लाने के लिए जरूरी हैं।