
Clash Between Lawyers & Police : वकीलों और पुलिस में टकराव, FIR कराने गए वकील और पक्षकार को बंद करने पर वकीलों में आक्रोश!
Indore : एरोड्रम थाना क्षेत्र में शुक्रवार देर शाम वकीलों और पुलिस के बीच गंभीर विवाद की स्थिति बन गई। एक वकील और उनकी महिला क्लाइंट को थाने में शिकायत दर्ज करवाने के बाद पूरी रात लॉकअप में बंद कर दिया गया, जिससे वकीलों में जबरदस्त रोष है।
वकील साहिल खान अपनी पक्षकार शोभा वर्मा के साथ पड़ौसी द्वारा तलवार लहराने और जान से मारने की धमकी के मामले में एफआईआर दर्ज कराने पहुंचे थे। एफआईआर तो दर्ज कर ली गई, लेकिन पुलिस ने दोनों को जमानती धाराओं के बावजूद थाने में बंद कर दिया। आरोप यह भी है कि एफआईआर में तलवार का ज़िक्र नहीं किया गया और वकील के साथ बदसलूकी की गई। वकील ने पुलिस पर आरोप लगाया है कि आरोपियों को बचाने के एवज में थाने में पैसे का लेनदेन हुआ जब उन्होंने विरोध किया तो कहा गया कि अपनी वकालत कोर्ट में जाकर दिखाओ।
इंदौर जिला बार एसोसिएशन के पदाधिकारी डीसीपी विनोद मीणा से मिले और थाना प्रभारी नुहू कुंजुर तथा दिलीप मीणा को निलंबित करने की मांग की। बार अध्यक्ष अनीस कुरैशी ने चेताया कि यदि दोषियों पर तत्काल कार्रवाई नहीं हुई तो वकील सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे। डीसीपी विनोद मीणा ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। वकीलों ने कहा कि यह केवल पेशेवर अपमान नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक और न्यायिक व्यवस्था पर हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
घटना के अनुसार, मामला शोभा वर्मा नाम की महिला से जुड़ा है, जिनके साथ पड़ोसी ने गाली-गलौज की और हवा में तलवार लहराई। इस घटना का वीडियो वकील साहिल खान के पास मौजूद था। वे सीधे थाने पहुंचे और उप निरीक्षक दिनेश मीणा से शिकायत की। शुरुआत में मामला दर्ज तो किया गया, लेकिन हल्की धाराओं में। तलवार का ज़िक्र तक नहीं किया गया। हैरानी की हद तब पार हो गई, जब कुछ देर बाद पुलिस ने वकील साहिल खान पर ही मारपीट की धाराओं में झूठा केस दर्ज कर दिया। वकील का कहना है कि उन्होंने स्पष्ट रूप से बताया कि वे वकील हैं, लेकिन पुलिसकर्मी ने कहा ‘यहाँ मत चलाओ वकालत, कोर्ट में जाकर दिखाना।’
वकील साहिल ने आरोप लगाया कि आरोपियों को बचाने के लिए थाने में डील हुई। इसमें एडिशनल डीसीपी आलोक शर्मा की भूमिका पर भी सवाल उठे। बिना उनकी अनुमति के एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती, फिर कैसे दर्ज हुई?





