Newborn Care : 15 जिलों के शासकीय अस्पतालों के SNCU में भर्ती नवजातों की देखभाल इंदौर से होगी! 

हैदराबाद के शासकीय नीलोफर अस्पताल में सफल प्रयोग के बाद इसे इंदौर में अपनाया जा रहा!

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Newborn Care : 15 जिलों के शासकीय अस्पतालों के SNCU में भर्ती नवजातों की देखभाल इंदौर से होगी! 

Indore : शहर के निजी अस्पतालों की तरह ही शासकीय अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। अब एमजीएम मेडिकल कॉलेज के एमटीएच अस्पताल से इंदौर और उज्जैन संभाग के 15 जिलों के जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज के 16 एसएनसीयू में भर्ती नवजात की देखभाल की जाएगी। यहां राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत ई-शिशु पोर्टल शुरू किया जा रहा है।

इसमें वीडियो कॉलिंग के माध्यम से यहां के विशेषज्ञ नवजात का इलाज करेंगे। इससे उन्हें वहीं इलाज मिल सकेगा और रेफर करने की संख्या में भी कमी आएगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की टीम भी एमटीएच अस्पताल में निरीक्षण के लिए आई थी। विशेषज्ञों के मुताबिक जिला अस्पतालों में जो भी नवजात उपचार के लिए आएंगे, यहां से शिशु रोग विशेषज्ञ वीडियो कॉलिंग के माध्यम से देखकर उपचार करेंगे। यदि आवश्यकता होगी तभी उन्हें इलाज के लिए इंदौर बुलाएंगे।

इस प्रोजेक्ट से इंदौर संभाग के इंदौर, अलीराजपुर, बड़वानी, बुरहानपुर, धार, झाबुआ, खंडवा, खरगोन शामिल है। वहीं उज्जैन संभाग के उज्जैन, देवास, मंदसौर, नीमच, रतलाम, शाजापुर, आगर मालवा शामिल है। प्रदेश में पहली बार इस तरह से नवजातों की देखभाल की सुविधा शुरू की जा रही है। इससे पहले हैदराबाद के शासकीय नीलोफर अस्पताल में करीब 44 अस्पतालों के एसएनसीयू को इस तरह के प्रोजेक्ट से जोड़ा गया है। वहां यह प्रोजेक्ट सफल रहा है। यह टेलीमेडिसिन के अंतर्गत कार्य करेगा।

 

एमटीएच में लगेगी बड़ी स्क्रीन

प्रोजेक्ट के तहत एमटीएच अस्पताल में बड़ी स्क्रीन लगेगी, जिसमें 24 घंटे सभी जिलों के अस्पतालों के एसएनसीयू वार्ड की मॉनिटरिंग की जाएगी। वहीं 16 एसएनसीयू वार्ड में टैबलेट दिए जाएंगे। जिससे वह मरीज को दिखा सकेंगे और इलाज की हिस्ट्री भेज सकेंगे।

 

इलाज के नहीं आना होगा इंदौर

विशेषज्ञों के मुताबिक इस सुविधा से छोटे जिलों के जिला अस्पताल में आने वाले नवजात को स्थानीय स्तर पर ही इलाज मिल सकेगा। यहां से विशेषज्ञ नवजात को देखकर इलाज और दवाइयों की सलाह देंगे। बता दें कि अभी तक जिला अस्पतालों में जटिल मामलों के लिए बच्चों को इंदौर रेफर किया जाता है।

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद घनघोरिया ने बताया कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए एनएचएम द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। इस तरह के प्रोजेक्ट से दर में कमी आएगी। एनएचएम में अन्य प्रोजेक्ट भी संचालित हो रहे, जिससे मरीजों को लाभ मिल रहा है।

एमटीएच अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड प्रभारी डॉ सुनिल आर्य के मुताबिक, एमटीएच अस्पताल में ई-शिशु पोर्टल शुरू किया जाएगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्वास्थ्य मिशन की टीम द्वारा निरीक्षण भी किया जा चुका है। इसके शुरू होने से इंदौर और उज्जैन संभाग के जिलों के मरीजों को लाभ मिलेगा।