वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में तीन खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित

5348

वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में तीन खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित

 

– राजेश जयंत

 

Alirajpur जिले के उदयगढ़ खंड शिक्षा कार्यालय में वित्तीय अनियमितताओं के मामले में इंदौर संभागायुक्त दीपक सिंह ने दो पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी और एक वर्तमान अधिकारी को निलंबित कर दिया है। निलंबित अधिकारियों में वर्तमान प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी रामसिंह सोलंकी, पूर्व खंड शिक्षा अधिकारी गिरधर ठाकरे (वर्तमान में प्राचार्य, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लक्ष्मणी, अलीराजपुर) और भारत नामदेव (वर्तमान में प्राचार्य, कन्या शिक्षा परिसर, निसरपुर, धार) शामिल हैं।

 

इन अधिकारियों पर उदयगढ़ खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्यकाल के दौरान डीडीओ कोड 4912506050 के तहत कपटपूर्ण भुगतान एवं वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है।

संदिग्ध भुगतान में लापरवाही और वित्तीय अनियमितता की प्रथम दृष्टया संलिप्तता पाए जाने पर कलेक्टर अलीराजपुर डॉ. अभय अरविंद बेडेकर ने इन तीनों लोक सेवकों के खिलाफ मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1966 के अंतर्गत अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए कमिश्नर को प्रतिवेदन भेजा था।

प्रतिवेदन की समीक्षा के बाद संभागायुक्त दीपक सिंह ने मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत इन अधिकारियों को निलंबित किया है।

 

निलंबन अवधि में इन्हें केवल जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा। गिरधर ठाकरे और रामसिंह सोलंकी का मुख्यालय कलेक्टर जिला अलीराजपुर में तथा भारत नामदेव का मुख्यालय कलेक्टर जिला धार में निर्धारित किया गया है।

संभागायुक्त दीपक सिंह ने निलंबन आदेश में कहा है कि इस कार्रवाई से प्रशासनिक जवाबदेही और पारदर्शिता मजबूत होगी, साथ ही जांच पूरी पारदर्शिता और तेजी से पूरी की जाएगी।

 

मालूम हो कि जनजातीय बहुल अलीराजपुर जिले में उदयगढ़ विकासखंड शिक्षा कार्यालय में वेतन भत्तों के वितरण में 1.27 करोड़ रुपये से अधिक की गड़बड़ी का खुलासा स्टेट फाइनेंस इंटेलिजेंस सेल की रिपोर्ट से हुआ था। रिपोर्ट में कहा गया कि पात्र कर्मचारियों के अलावा अन्य व्यक्तियों के नाम पर भी वर्षों से भारी राशि ट्रांसफर होती रही।

जांच में सामने आया कि कुछ कर्मचारियों को निर्धारित मानकों से अधिक गृह भाड़ा भत्ता मिला, जबकि अतिथि शिक्षकों को 54,000 रुपए तक की राशि दी गई, जबकि उनका मूल वेतन मात्र 6,080 रुपए था। कई खातों में अलग-अलग नामों से संदिग्ध भुगतान हुए, जिससे बड़ा फर्जीवाड़ा होने की आशंका जताई गई है।

इस गड़बड़ी के खुलासे के बाद कलेक्टर ने कोष एवं लेखा विभाग को पत्र लिखकर मामले की जांच तथा FIR दर्ज करने के आदेश दिए। साथ ही 2018-19 से अभी तक के सभी लेनदेन की पड़ताल कर घोटाले की पुष्टि पर सख्त विभागीय कार्रवाई करने का निर्देश भी जारी किया गया है।