
हाई प्रोफाइल ड्रग तस्कर यासीन मछली और शाहवर भोपाल जेल में, ऐसे पकड़ाएं थे चाचा-भतीजे!
भोपाल: राजधानी के हाई प्रोफाइल ड्रग तस्कर यासीन अहमद उर्फ मछली को जेल में नई पहचान मिली है। उसे विचाराधीन बंदी नंबर 2318 है। इसी तरह, यासीन के चाचा शाहवर को बंदी नंबर 2253 के रूप में नई पहचान मिली है। जेल में रहने के दौरान अब यासीन गुमसुम देखा जा रहा है। हालांकि दोनों चाचा-भतीजे यानी यासीन और शाहवर अब जेल के अन्य कैदियों के बीच में घुल मिल गए हैं। जेल की दिनचर्या के हिसाब से अपने को ढाल लिया है। जेल जाने के बाद से ही दोनों की आपस में बातचीत नहीं हो सकी है। हालांकि उन्हें आपस में बात करने की इजाजत भी फिलहाल नहीं है।
*तीन लोगों से हुई है अब तक मुलाकात*
बताया जा रहा है कि जेल में शाहवर को 7 दिन और यासीन को 4 दिन बीत चुके हैं। जेल में रहने के दौरान उनसे तीन ही लोगों ने मुलाकात की है। इसमें यासीन का बड़ा भाई साहिल अहमद और करीबी रिश्तेदार अदनान व इरफान शामिल हैं। गुर्गों से घिरे रहने वाले यासीन से जेल में मिलने के लिए सगे रिश्तेदारों के सिवाए कोई भी दोस्त और बाहरी व्यक्ति नहीं पहुंचा है। यासीन मछली की रातें जेल में करवटें बदलते हुए बीत रहीं हैं। रात भर पार्टी कर दिन में सोने वाला यासीन जेल नियमों का कड़ाई से पालन कर रहा है। सुबह उठने के बाद व्यायाम करता है। समय में नाश्ता लेता है, बिना किसी विरोध जेल में दिया जाने वाला खाना दिन और रात के समय खाता है।
*ऐसे पकड़ाए चाचा-भतीजे*
पुलिस के अनुसार करीब दो सप्ताह पहले पुलिस ने सैफुद्दीन और शाहरुख नाम के दो ड्रग पैडलर को पकड़ा था। वे शहर के विभिन्न क्लबों और पार्टियों में एमडी (मेथामफेटामिन) पाउडर की सप्लाई करते थे। उनसे हुई पूछताछ के बाद पता चला था कि आरोपी पार्टी, क्लब और जिम के माध्यम से युवाओं को फिटनेस और पार्टी कल्चर के नाम पर ड्रग्स का आदी बनाते थे। लड़कियों को पहले मुफ्त में नशा करवा कर उनका शोषण किया जाता था ताकि वे क्लब पार्टियों का आकर्षण केंद्र बन सकें। इनसे 15 ग्राम एमडी पुलिस ने जब्त किया था। इन आरोपियों ने पुलिस के सामने जब चाचा-भतीजे के कारनामों का खुलासा किया, तो पुलिस ने फिल्मी स्टाइल में प्लानिंग कर इन दोनों ड्रग पैडलर यासीन और शाहवर को गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी के दौरान यासीन ने भागने की कोशिश की और अपनी स्कॉर्पियो से दो कारों को टक्कर मारी। पुलिस को इनके पास जो गाड़ी मिली उस पर विधानसभा का पास और प्रेस भी लिखा हुआ था।





