Opposition Leader’s Side After Session : नेता प्रतिपक्ष ने कहा, जनहित के सवालों से सरकार भागती क्यों, विपक्ष ने जनता की आवाज़ उठाई!

कुबरेश्वर धाम की घटना पर कार्रवाई हो, कानून से ऊपर कोई नहीं!

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Opposition Leader’s Side After Session : नेता प्रतिपक्ष ने कहा, जनहित के सवालों से सरकार भागती क्यों, विपक्ष ने जनता की आवाज़ उठाई!

Bhopal : विधानसभा के मानसून सत्र की समाप्ति के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अनं भोपाल में मीडिया से चर्चा की। उन्होंने सरकार को जनहित के मुद्दों पर जवाबदेही से बचने के लिए कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान सरकार की नीयत साफ़ तौर पर जनविरोधी रही और वह लगातार चर्चा से भागती रही। सिंघार ने कहा कि अधिकतर सवालों पर मंत्रियों के जवाब थे, जानकारी एकत्र की जा रही है। जब विपक्ष जनता की बात उठा रहा था, मुख्यमंत्री मौन या अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि लगभग 9 करोड़ की आबादी वाले राज्य के लिए सरकार ने केवल कुछ दिन का सत्र तय किया। कांग्रेस ने सीमित समय में भी पूरी मजबूती से जनहित के मुद्दे उठाए।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमने बार-बार सदन में ओबीसी आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की मांग की। लेकिन, सरकार चर्चा से भागती रही। यह मुद्दा सामाजिक न्याय से जुड़ा है, सरकार की चुप्पी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा सरकार आदिवासी अधिकारों, वनाधिकार और जमीन से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा से बचना चाहती रही। लेकिन, विपक्ष का संघर्ष जारी रहेगा और हम अपने मुद्दों पर अडिग हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने आधुनिक तकनीक की हमारी बात पर आश्वासन दिया है। अब देखना होगा कि आदिवासियों को उनका हक देती है या नहीं। उन्होंने कहा कि कुछ प्रभावशाली लोग वन अधिकारियों के साथ मिलकर अवैध जंगल कटवा रहे हैं। यह आदिवासियों के जीवन, पर्यावरण और जंगल की आत्मा पर हमला है।

कुबरेश्वर धाम मामले पर कार्रवाई होना चाहिए

पंडित प्रदीप मिश्रा एक विद्वान हैं, पर कानून सबसे ऊपर होता है। किसी की मृत्यु पर रुद्राक्ष वितरण जैसे आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती। पहले भी ऐसे मामलों में कार्रवाई हो चुकी है जैसे कोहली प्रकरण। सवाल यह है कि अगर नियम का उल्लंघन हुआ तो जिम्मेदार कौन है, उस पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।

युवाओं और बेरोजगारी के मुद्दे

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जनसेवा मित्र, संविदा शिक्षक और अतिथि कर्मचारियों को सरकार नियमित नहीं करना चाहती। प्रदेश के युवाओं के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। साथ ही नए श्रम कानूनों के तहत मज़दूरों का हक छीना जा रहा है। हड़ताल से कई दिन पहले नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है, जिससे तत्काल मुद्दों पर विरोध असंभव हो गया।

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महानगर विधेयक पर सरकार चुप 

उमंग सिंघार ने कहा कि जबलपुर, ग्वालियर और रीवा को मेट्रोपोलिटन घोषित करने पर न कोई विधेयक आया, न चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि भोपाल और इंदौर को महानगर बनाए जाने से लाखों हेक्टेयर जमीन जाएगी। क्या किसानों को बाज़ार मूल्य पर मुआवज़ा मिलेगा!

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि प्रदेश के किसान खाद के लिए लाइन में खड़े हैं, लेकिन सरकार आंख मूंदे बैठी है। मुख्यमंत्री और मंत्री वास्तविकता से कटे हुए हैं, ज़मीन पर जाकर किसानों से मिलना जरूरी है। तब सच्चाई पता चलेगी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि विपक्ष की मांग के बाद सरकार ने मूंग की खरीदी तो शुरू की। लेकिन, रजिस्ट्रेशन में कमी और गड़बड़ियां यह दर्शाती हैं कि सरकार की नीयत में खोट है।

 

स्टाम्प ड्यूटी में भारी वृद्धि

सरकार ने 100% से 400% तक स्टाम्प शुल्क बढ़ाकर आम जनता पर महंगाई का बोझ डाला है। एक तरफ सरकार कहती है कि हम कर्ज ले रहे हैं दूसरी तरफ जनता पर मंहगाई का बोझ डाल रही है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमराई, लेकिन मुख्यमंत्री गृह विभाग का मोह छोड़ने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि झूठे मुक़दमे दर्ज कर पुलिस राज चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा चंबल में ‘डकैती अधिनियम’ समाप्त किया जाए। इसके साथ ही विधायकों पर भी फर्जी मुकदमे दर्ज किए जाने की बात भी नेता प्रतिपक्ष ने कही।