Aniruddhacharya; ‘टेस्ट ड्राइव मतलब मुंह मारना’, वायरल बयान पर विवाद के बाद अनिरुद्धाचार्य ने दी सफाई

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Aniruddhacharya; ‘टेस्ट ड्राइव मतलब मुंह मारना’, वायरल बयान पर विवाद के बाद अनिरुद्धाचार्य ने दी सफाई

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) हाल ही में अपने एक विवादित बयान के चलते सुर्खियों में हैं। कथा के दौरान उन्होंने 25 साल की कुछ युवतियों को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। बढ़ते विवाद को देखते हुए उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी भी मांगी थी, लेकिन अब उन्होंने अपने बयान पर सफाई देते हुए बॉलीवुड पर तीखा हमला बोला है।अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया और उनके शब्दों का नहीं बल्कि संतों का विरोध किया जा रहा है. उन्होंने दावा किया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया.

शादी से पहले ‘टेस्ट ड्राइव’ ज़रूरी है—–

हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने ‘मुंह मारने’ वाले अपने कमेंट पर कहा कि हो सकता है उनके शब्द उचित न रहे हों, लेकिन पूज्य प्रेमानंदी जी महाराज के शब्द सही थे। उन्होंने सवाल उठाया कि जब बॉलीवुड ने श्रीकृष्ण के चरित्र पर सवाल खड़े किए थे, तब विरोध क्यों नहीं किया गया? उन्होंने कहा, “बॉलीवुड ने तो भगवान श्रीकृष्ण की छवि को भी निशाना बनाया, उस समय किसी ने आवाज क्यों नहीं उठाई?”मी‍डिया को दिए इंटरव्‍यू में अनिरुद्धाचार्य ने बताया कि कई लड़कियों ने उनके बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि शादी से पहले ‘टेस्ट ड्राइव’ ज़रूरी है। जिस पर उन्‍होंने अपनी बात को ग्रामीण परिप्रेक्ष्य से जोड़ते हुए कहा, “भले ही शहरों में शादी से पहले के अफेयर को ‘टेस्ट ड्राइव’ कहा जाता हो, लेकिन ग्रामीण इलाकों की भाषा में इसे ‘मुंह मारना’ ही समझा जाता है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणी को उसके सही संदर्भ में समझा जाना चाहिए। उन्होंने स्वीकार किया कि “मुंह मारना” जैसी ग्रामीण अभिव्यक्ति का उनका चुनाव शायद अनुचित रहा हो, लेकिन मूल संदेश वैध था।

श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाते हुए भी कड़े शब्दों का प्रयोग किया था—-

अनिरुद्धाचार्य ने भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन का भी किया जिक्र कथावाचक ने आगे कहा कि जब भी कोई गुरु या माता-पिता बच्चों को समझाने का प्रयास करते हैं, तो उनकी भाषा अक्सर थोड़ी कठोर होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता सुनाते हुए भी कड़े शब्दों का प्रयोग किया था, जैसे “तू क्यों नपुंसक बन रहा है, क्यों मैदान छोड़कर जा रहा है?” अनिरुद्धाचार्य ने रामचरितमानस का भी जिक्र अनिरुद्धाचार्य ने रामचरितमानस का जिक्र करते हुए कहा, “गुरु, सचिव और सलाहकार को हमेशा कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए, इसी से समाज सुधरता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि गुरु, सचिव या सलाहकार केवल मीठी बातें करने लगें, तो समाज का कभी भला नहीं हो सकता। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनका बयान एक गुरु और सलाहकार के तौर पर था, जिसका उद्देश्य समाज को सही दिशा देना था।

रणवीर सिंह पर साधा निशाना

इसी बातचीत में उन्होंने बॉलीवुड के कई कलाकारों पर कसा और रणवीर सिंह (Ranveer Singh) का नाम लिए बिना कहा, “बॉलीवुड में एक व्यक्ति है, जिसने पूरे कपड़े उतारकर फोटोशूट करवाया। मैंने इसका विरोध किया, क्या इसका विरोध नहीं होना चाहिए था?” बता दें कि रणवीर सिंह का न्यूड फोटोशूट उस समय काफी विवादों में रहा था और उन्हें सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी।

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अनिरुद्धाचार्य ने रामचरितमानस का भी जिक्र

अनिरुद्धाचार्य ने रामचरितमानस का भी जिक्र अनिरुद्धाचार्य ने रामचरितमानस का जिक्र करते हुए कहा, “गुरु, सचिव और सलाहकार को हमेशा कड़े शब्दों का इस्तेमाल करना चाहिए, इसी से समाज सुधरता है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि यदि गुरु, सचिव या सलाहकार केवल मीठी बातें करने लगें, तो समाज का कभी भला नहीं हो सकता। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उनका बयान एक गुरु और सलाहकार के तौर पर था, जिसका उद्देश्य समाज को सही दिशा देना था।

अमिताभ बच्चन को लेकर क्या कहा

जब उनसे पूछा गया कि वह कभी बिग बॉस जैसे रियलिटी शो पर और कभी अमिताभ बच्चन पर टिप्पणी क्यों करते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “जो गलत करता है, उसके लिए गलत बोला जाएगा। बॉलीवुड ने इस देश को उतना नुकसान पहुंचाया है, जितना अंग्रेजों और मुगलों ने भी नहीं किया।”

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अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) ने कहा कि बॉलीवुड ने बहन-बेटियों को छोटे कपड़े पहनाकर फिल्मों में दिखाया और समाज में अश्लीलता फैलाई। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या यह सही था? क्या महिलाओं को इसका विरोध नहीं करना चाहिए था?” उन्होंने आगे कहा कि फिल्मों के जरिए गुटखा, जुआ और ऑनलाइन गेमिंग ऐप्स जैसे जंगली रमी के प्रचार को बढ़ावा दिया गया, जो समाज के लिए हानिकारक है।

अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) का यह बयान एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि इससे पहले भी वह कई बार अपने तीखे और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियां बटोर चुके हैं। इस बार उन्होंने सीधे तौर पर बॉलीवुड की और वहां के कलाकारों को देश की सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

ऋतंभरा, अनिरुद्धाचार्य, प्रेमानंद महाराज की टिप्पणियां- महिलाओं पर विवादित बयान या समाज का आईना..?