केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामला: मौत की सजा पर मृतक के भाई का नया मोड़, फांसी की मांग तेज़

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केरल की नर्स निमिषा प्रिया मामला: मौत की सजा पर मृतक के भाई का नया मोड़, फांसी की मांग तेज़

रुचि बागड़देव की रिपोर्ट

केरल के पलक्कड़ जिले की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में 2017 में हुए एक घिनौने हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई है। इस मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतक, यमनी कारोबारी तलाल अब्दो महदी के भाई अब्दुल फतह ने यमन के डिप्टी अटॉर्नी जनरल से तीसरी बार मिलकर सजा के त्वरित क्रियान्वयन की जोरदार मांग की।

फतह ने सोशल मीडिया पर बताया कि उन्होंने तलाल के उत्तराधिकारियों के नाम से डिप्टी एजी को एक पत्र भी सौंपा है, जिसमें हत्या को ‘यमन के इतिहास में अभूतपूर्व’ करार देते हुए बिना किसी देरी के तत्काल सजा की मांग की गई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अदालत के फैसले को लागू करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प स्वीकार नहीं करेंगे।

निमिषा प्रिया, जो केरल के कोल्लेंगोडे की निवासी हैं, को यमन की अदालत ने 2020 में तलाल के 2017 की हत्या के दोषी पाया था। विस्मयकारी रूप से, मृतक का शव जलाशय में छिपा पाया गया था। निमिषा के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने तलाल को बेहोशी की इंजेक्शन देकर उसकी हत्या की और बाद में उसकी देह के अवशेषों को अलग-अलग बैग में बंद कर छुपा दिया।

हालांकि निमिषा ने दावा किया था कि तलाल ने उनका पासपोर्ट उसके कब्जे में रखा था, जिसे वापस पाने के लिए उन्हें बेहोशी की दवा दी गई, जिससे उनके मौत हो गई। लेकिन यमन की न्यायपालिका ने इस दलील को खारिज कर दिया।

निमिषा की सजा पहले 7 जून 2025 को लागू होनी थी, लेकिन अधिकारियों के आदेश पर इसे स्थगित कर दिया गया था। राजनीतिक और धार्मिक नेताओं की मध्यस्थता के बाद जुलाई में आयोजित सजा भी टाल दी गई थी। मृतक के परिवार ने ब्लड मनी लेने से साफ इनकार कर दिया है और हर स्तर पर त्वरित निष्पादन की मांग कर रहा है।

इस बीच, भारत सरकार ने भी निमिषा प्रिया को कानूनी और कूटनीतिक सहायता देने का आश्वासन दिया है। परिवार की ओर से भी जुर्माना राशि यानी ‘दिया’ जमा करने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन मृतक पक्ष की सहमति नहीं है।

यह मामला भारत में भी विवादास्पद बन चुका है और विभिन्न मानवाधिकार समूह, धार्मिक तथा सामाजिक संगठन इस पर कड़ी नजर रखे हुए हैं। भारतीय सुप्रीम कोर्ट में भी मामला लंबित है, जहां अगली सुनवाई 14 अगस्त 2025 को निर्धारित है, जबकि केंद्र सरकार ने नर्स की सुरक्षा और सुरक्षित वापसी के लिए गंभीरतापूर्वक प्रयास शुरू किए हैं।

यमन की राजधानी सना की जेल में बंद निमिषा प्रिया के भविष्य को लेकर राजनीतिक और कानूनी समीकरण लगातार बदल रहे हैं। मृतक के भाई अब्दुल फतह ने बार-बार देश की न्यायपालिका से सजा के त्वरित क्रियान्वयन की मांग की है, जो इस मामले को और भी संवेदनशील और जटिल बना रहा है।

“पूरा मामला एक नजर में”-

1. निमिषा प्रिया को यमन में तलाल के हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई।
2. मृतक के भाई अब्दुल फतह ने तीसरी बार यमन के डिप्टी अटॉर्नी जनरल से सजा के त्वरित क्रियान्वयन की मांग की।
3. मृतक परिवार ने ब्लड मनी लेने से इनकार कर दिया है।
4. सजा के लागू होने की तारीख स्थगित हो चुकी है, राजनीतिक-धार्मिक हस्तक्षेप के कारण।
5. भारत सरकार कानूनी एवं कूटनीतिक मदद दे रही है, सुप्रीम कोर्ट में मामला लंबित।
6. जेल में बंद निमिषा प्रिया की सुरक्षा और वापसी के लिए प्रयास जारी।

यह मामला केवल एक अपराध और सजा का प्रश्न नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति, न्याय और मानवाधिकारों की परीक्षा भी बन चुका है।