
Death by Falling from a Bridge : मालवा मिल ब्रिज से गिरकर युवक की मौत, लोगों में भारी गुस्सा!
100 दिन में बनने वाला पुल 4 महीने बाद भी अधूरा, अभी भी 40% काम अधूरा!
Indore : नगर निगम की लापरवाही से मालवा मिल ब्रिज के नीचे गिरने से रविवार रात एक युवक की मौत हो गई। यह ब्रिज फिलहाल बन रहा है, मौके पर न तो किसी तरह की बैरिकेडिंग की गई थी और न किसी गार्ड की तैनाती थी। मृतक की पहचान गोलू कुशवाहा निवासी भागीरथपुरा के रूप में हुई है। इस पुल की निर्माण अवधि 100 दिन तय की गई थी, लेकिन 4 महीने बाद भी यह अभी तक अधूरा पड़ा है।
स्थानीय दुकानदारों के अनुसार, युवक तेज गति से बाइक चलाते हुए ब्रिज के उस हिस्से तक पहुंच गया, जहां खुदाई और मलबे का ढेर लगा था। बताया जा रहा है कि ब्रिज अधूरा होने के कारण वहां गड्ढा था, जिसे युवक अंधेरे में नहीं देख पाया और बाइक समेत उसमें गिर पड़ा। घटना के बाद स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए युवक को बाहर निकाला और 108 एम्बुलेंस की मदद से उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुल का काम चलने के कारण चार महीने से अधिक समय से यह सड़क बंद है। नगर निगम और ठेकेदार कंपनी के वादों के बावजूद 40% से ज्यादा काम अभी भी अधूरा है। हादसे के बाद क्षेत्र के व्यापारी और निवासी आक्रोशित हैं, उन्होंने सोमवार को जोरदार प्रदर्शन किया।।30 मार्च 2025 को नगर निगम ने इस पुल को तोड़कर नया निर्माण शुरू किया था। उस समय दावा किया गया था कि 100 दिन में पुल चालू हो जाएगा। लेकिन, अब साढ़े चार माह बीत चुके। अभी भी निर्माण कार्य का बड़ा हिस्सा बाकी है। पुल 30 मीटर चौड़ा और 21 मीटर लंबा बनाया जाना है, जिस पर करीब 6 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सुरक्षा इंतजाम में लापरवाही
टेंडर की शर्तों के मुताबिक निर्माण स्थल के दोनों ओर पर्याप्त रोशनी और बेरिकैडिंग का इंतजाम होना चाहिए था। लेकिन, मौके पर रोशनी नहीं है व बेरिकैडिंग के भी ठीक इंतजाम नहीं हैं। सड़क पर मिट्टी के ढेर डालकर रास्ता रोका गया है, जो रात के अंधेरे में दिखाई नहीं देता। हादसे की रात राधेश्याम का वाहन ऐसे ही एक ढेर से टकराकर नाले में गिर गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
काम चलने से पुल बंद है और आसपास के व्यापारियों का कारोबार ठप हो गया। लोगों का कहना है कि चार महीने से वे आर्थिक संकट में हैं। सोमवार को आक्रोशित व्यापारी और निवासी निर्माणाधीन पुल के पास पहुंचे और निगम व ठेकेदार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका आरोप है कि सुरक्षा इंतजाम में लापरवाही के कारण ही यह हादसा हुआ है। मुख्य मार्ग बंद होने से वाहन चालकों को छोटी गलियों से होकर गुजरना पड़ रहा है। इन गलियों में दिन-रात यातायात का दबाव रहता है और गड्ढों के कारण हालत और भी खराब हो गई है।
पुल 2 अक्टूबर तक चालू होगा
जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने कहा कि ठेकेदार एजेंसी को काम की गति बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं और 2 अक्टूबर तक पुल पूरी तरह चालू कर दिया जाएगा। इससे पहले दोपहिया वाहनों का आवागमन शुरू करने की योजना है। साथ ही, बेरिकैडिंग और रोशनी की व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा गया है।





