अभी तो असली उड़ान बाकी है …

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अभी तो असली उड़ान बाकी है …

कौशल किशोर चतुर्वेदी

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 79 वें स्वतंत्रता दिवस स्थापना समारोह में लाल परेड ग्राउंड पर ध्वजारोहण करते हुए अपने ‘मन की बात’ प्रदेश की करीब 9 करोड़ आबादी के सामने रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों के साथ अपनी बात शुरू करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी सरकार की उपलब्धियों और कार्यों को साझा किया। अगर देखा जाए तो अपने भाषण में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आत्मविश्वास से भरे रहे। यह लगातार दूसरे स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शेरों के जरिए भी अपनी बात खुलकर रखी। भाषण का अंत यादव ने इस शेर के साथ किया।

‘अभी तो असली उड़ान बाकी है

अभी तो कुछ प्रतिमान बाकी हैं

अभी तो हमने पर्वतों को पार किया है

अभी तो आसमान बाकी है…’

यह शेर मुख्यमंत्री बनने के बाद करीब पौने दो साल के डॉ. मोहन यादव की पूरी पारी को खुद में समेटे हुए नजर आ रहा है। अभी तो असली उड़ान बाकी है… के मायनों को प्रदेश के विकास के पथ पर डॉ. मोहन यादव के बढ़ते कदमों के रूप में देखा जा सकता है, तो राजनीतिक चुनौतियों से पार पाने की विजयी दास्तान के साथ ही अगले पड़ाव की तरफ भी बड़ा संकेत माना जा सकता है। अभी तो असली उड़ान बाकी है… का मायना यह भी हो सकता है कि अभी तक जो उपलब्धियां हैं, वह तो संकेत मात्र हैं। उपलब्धियों की असली कहानी अब सामने आने वाली है।

अभी तो कुछ प्रतिमान बाकी है… की व्याख्या भी राजनीतिक गलियारों में अपनी-अपनी तरह से की जा सकती है। कितने प्रतिमान ढह गए हैं या कितने प्रतिमान फतेह हो चुके हैं और कितने प्रतिमान बाकी हैं… इसका हिसाब किताब जिसको जिस तरह से करना हो वह कर सकता है। राजनीति में हर शब्द की बड़ी कीमत होती है और राजनेता हर शब्द का इस्तेमाल खूब सोच- समझकर ही करता है। ऐसे में अगर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वतंत्रता दिवस के भाषण के अंत में चुनी हुई चार पंक्तियां बोल रहे हैं तो यह बहुत सोच समझ कर ही भाषण का हिस्सा बनी हैं। अब विकास के कुछ प्रतिमान बचे हैं या फिर विरोध करने वाले कुछ प्रतिमान बाकी हैं या फिर सामाजिक-धार्मिक संदर्भ में बात कही जा रही है, यह तो अपनी-अपनी व्याख्या के लिए सभी स्वतंत्र हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इसके आगे भी अपनी बात जारी रखी कि अभी तो हमने पर्वतों को पार किया है यानी कि एक महत्वपूर्ण पड़ाव करीब पौने दो साल के कार्यकाल में पार किया जा चुका है। और जिन पर्वतों को पार किया गया है इसका एहसास भी सभी को है। पर्वत पार करने का सीधा-सीधा मतलब यही होता है कि कठिन और दुर्गम रास्तों को पार कर लिया गया है। यह मतलब भी लगाया जा सकता है कि संकटों के रास्ते अब पार हो चुके हैं। और आगे की राह अब सुगम है। अब असल उपलब्धि का समय आ चुका है।

इसीलिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अंतिम पंक्ति में अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि ‘आसमान अभी बाकी है’। तो असली उड़ान अभी बाकी है… के शब्दों की माया में मोहन की छवि को सभी दृष्टियों से आंका जा सकता है।

इसके पहले भी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने अपने भाषण में एक और शेर स्वतंत्रता दिवस को लेकर कहा था। वह यह था कि-

‘रोशनी होगी चिरागों को जलाए रखना यह बात हवाओं को बताए रखना

लहू देकर हिफाजत वीरों ने की

ऐसे तिरंगे को दिल में बसाए रखना’

आगे-पीछे पढ़े जाने वाले इन दो शेरों के भावों में भी जमीन और आसमान की तरह फासला था। वैसे मुख्यमंत्री डॉ. यादव के भाषण का सार यह समझा जा सकता है कि स्वदेशी के प्रति समर्पण के साथ आत्मनिर्भर और विकसित भारत बनाने का संकल्प है। प्रधानमंत्री मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘लोकल फॉर ग्लोबल’ के आह्वान के लिए प्रदेशवासी प्रतिबद्ध हैं। औद्योगिक गतिविधियों और सिंचाई सुविधा के विस्तार से स्वदेशी मंत्र साकार होगा। राज्य सरकार गरीब, युवा,अन्नदाता और नारी कल्याण के लिए संकल्पबद्ध होकर कार्य कर रही है।

मध्य प्रदेश के लिए स्वतंत्रता दिवस का यह आयोजन इस मायने में भी ऐतिहासिक रहा कि पहली बार मुख्यमंत्री के संदेश का पूरे प्रदेश में लाइव टेलीकास्ट हुआ। यह उपलब्धि भी एक नए प्रतिमान के रूप में दर्ज हो गई है। सही मायने में देखा जाए तो मुख्यमंत्री और प्रदेश की आबादी के बीच अब सीधा संवाद इस स्वतंत्रता दिवस से शुरू हो चुका है। अभी तक हर जिले में मंत्री या कलेक्टर भी मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि के रूप में जो भाषण पढ़ते थे, अब वह सीधे मुख्यमंत्री के लाइव टेलीकास्ट में लोगों ने पहली बार सीधे तौर पर सुना। तो मंत्रियों और कलेक्टर के जरिए जिले की उपलब्धियां भी जन-जन तक पहुंचाने में सरकार सफल हुई है।

मुख्यमंत्री के भाषण का यह अंतिम पैरा पूरे भाव प्रकट करता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर में भारतीय सेनाओं के अप्रतिम साहस और शौर्य के सम्मान में प्रदेशभर में तिरंगा यात्राएं निकाली गईं। देश में आस्था से अर्थव्यवस्था तक, परम्परा से प्रौद्योगिकी तक, सुविधा से सरोकार तक, कृषि से उद्योग तक, नौकरी से स्टार्ट-अप तक हर क्षेत्र में नए-नए कीर्तिमान रचे जा रहे हैं। मध्यप्रदेश ने स्थापना से लेकर अब तक विकास यात्रा के अनेक पड़ाव सफलतापूर्वक पार किए हैं। प्रदेश की प्रगति के निर्णयों को नागरिकों का व्यापक समर्थन मिला है और हम विकास की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। प्रदेशवासियों के सहयोग से विकास का यह कारवां निरंतर आगे बढ़ता रहेगा। और अंत में फिर वही चार पंक्तियां एक बार फिर जो न केवल मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव का हौसला दिखती हैं बल्कि उनकी दृष्टि को भी पूरी तरह से सामने रखती हैं।

‘अभी तो असली उड़ान बाकी है

अभी तो कुछ प्रतिमान बाकी हैं

अभी तो हमने पर्वतों को पार किया है

अभी तो आसमान बाकी है…’

इन पंक्तियों के साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपनी इस पारी के दूसरे स्वतंत्रता दिवस समारोह पर आत्मविश्वास से भरे नजर आए तो उनकी बॉडी लैंग्वेज भी लोगों के मन में आशा, उत्साह और उमंग का संदेश दे रही थी। और यह भी बयां कर रही थी कि वास्तव में अभी असली उड़ान बाकी है…।