
कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने वाले आबकारी अधिकारी को हटाने पूर्व मंत्री ने लिखा CM को पत्र
भोपाल: विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल को मदद करने वाले सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी को हटाने के लिए पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ विधायक गोपाल भार्गव ने सीएम डॉ मोहन यादव को पत्र लिखा है। उनका यह पत्र अब सोशल मीडिया पर वाइरल हो रहा है हालाकि जून में लिखे इस पत्र पर अब तक सीएम सचिवालय ने कोई कार्यवाही नहीं की है और अफसर मलाईदार पदस्थापना पर पदस्थ है।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री चाहते है कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने वाले आबकारी अफसर को हटाया जाए। उन्होंने सीएम को लिखे गोपनीय पत्र में आरोप लगाया है कि सहायक आयुक्त आबकारी राकेश कुर्मी ने वर्ष 2023 के चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ज्योति पटेल की मदद की थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि आबकारी अधिकारी कुर्मी ने कांग्रेस प्रत्याशी को शराब, रुपए की मदद की है। मुख्यमंत्री को संबोधित जो पत्र इस समय सोशल मीडिया में वाइरल हो रहा है उसमें पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने सीएम को लिखा है कि प्रभारी सहायक आयुक्त आबकारी ग्वालिीयर राकेश कुर्मी उनके विधानसभा क्षेत्र रहली जिला सागर के ग्राम सांवल खिरिया के निवासी है। विधानसभा चुनाव 2023 में कुर्मी तथा उनके परिवार ने उनके खिलाफ चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया, जातिगत विद्वेष फैलाया एवं विभिन्न प्रकार के षड़यंत्र रचे। अपनी मैदानी पोस्टिंग में रहते हुए तथा पद का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी के लिए शराब और पैसे से मदद की जिससे उनके और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ माहौल बना। भार्गव ने सीएम को कहा है कि उनका मानना है कि पार्टी तथा सरकार के खिलाफ प्रचार करने, षड़यंत्र रचने और पद का दुरुपयोग करने वाले अधिकारी का फील्ड में पदस्थ रहना पार्टी तथा सरकार दोनो के लिए हानिकारक है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने दो जून को सीएम डॉ मोहन यादव को यह गोपनीय पत्र लिखा था। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी की मदद करने वाले आबकारी अधिकारी कर्मी को विधानसभा चुनाव तक प्रभारी सहायक आयुक्त ग्वालियर की मैदानी पोस्टिंग से पृथक रखे जाने के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने की मांग सीएम से की थी।
दो जून को लिखे इस पत्र पर विभाग की ओर से अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है लेकिन सोशल मीडिया पर पत्र वाइरल होंने के बाद यह चर्चा में आ गया है। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव से जब इस मसले पर बात की गई तो उन्होंनें पत्र लिखने की पुष्टि करते हुए कहा कि यह पत्र गोपनीय तौर पर उन्होंने लिखा था। अब इस पर उन्हें कुछ नहीं कहना है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ही बता पाएंगे कि इस पत्र पर क्या कार्यवाही हुई।




