‘विश्व’ में ‘सनातन’ को पुनर्स्थापित करेगी ‘मोहन’ की ‘वैदिक घड़ी’…

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‘विश्व’ में ‘सनातन’ को पुनर्स्थापित करेगी ‘मोहन’ की ‘वैदिक घड़ी’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विरासत से विकास’ के मंत्र को समर्पित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विश्व में सनातन की पुनर्स्थापना के वाहक बन गए हैं। वैसे तो देश के कई राज्यों में भाजपा की सरकारें हैं, लेकिन भारतीय काल गणना के अनुसार सनातनी भाव को अभिव्यक्त करती वैदिक घड़ी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की पहल पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री निवास के प्रवेश द्वार पर ही सबका ध्यान आकर्षित करेगी। वैदिक घड़ी के माध्यम से डॉ. मोहन यादव कालगणना के प्राचीनतम केंद्र उज्जैन के डोंगला को भी विश्व पटल पर स्थापित करने में सफल हो रहे हैं। यह वैदिक घड़ी सनातन, स्वदेशी और सुशासन का संगम है। डॉ. मोहन यादव के विशेष प्रयासों से सभी का ध्यान आकर्षित करने वाली वैदिक घड़ी जहां पूरी दुनिया में सनातन की पुनर्स्थापना करेगी और उज्जैन की महत्ता को एक बार फिर स्थापित करेगी तो दूसरी तरफ यह स्वदेशी का जीवंत प्रतीक बनकर सभी को प्रेरित करेगी। और विक्रमादित्य की वैदिक घड़ी के रूप में यह सुशासन की पर्याय बनकर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को हर समय, हर पल, हर घड़ी, उनके कर्तव्य निर्वहन का स्मरण कराएगी।

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का यह प्रयास विकास, विरासत और सनातन का पर्याय बन गया है। 1 सितंबर 2025 की तारीख मुख्यमंत्री निवास में वैदिक घड़ी के विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के अनावरण और उसके ऐप लोकार्पण के साथ मध्य प्रदेश के इतिहास में दर्ज हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि भारतवर्ष ने अपने ज्ञान से सम्पूर्ण ब्रह्मांड को अलौकिक किया है। कालगणना की पद्धति 300 साल पहले तक हमारे देश से दुनिया तक जाती थी। भारतीय संस्कृति का प्रत्येक पहलू प्रकृति और विज्ञान का ऐसा विलक्षण उदाहरण है, जो विश्व कल्याण का पोषक है। इन्हीं धरोहरों के आधार पर निर्मित विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय परम्परा का गौरवपूर्ण प्रतीक है। इस घड़ी के माध्यम से भारत के गौरवपूर्ण समय को पुनर्स्थापित किया जा रहा है। विरासत-विकास-प्रकृति और तकनीक के संतुलन का प्रकटीकरण विक्रमादित्य वैदिक घड़ी से होगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने वैदिक घड़ी के उपयोग को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया और उपस्थित युवाओं से मोबाइल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी ऐप भी डाउनलोड करवाया।

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विरासत और सनातन के जिन पहलुओं पर वर्तमान में किसी का ध्यान नहीं जाता, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अब सनातन और भारत की गौरवपूर्ण विरासत के प्रति सभी को जागरूक करने के वाहक बन गए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि सनातन संस्कृति के व्रत, त्यौहार अंग्रेजी कैलेंडर के आधार पर नहीं आते, उनकी गणना में ऋतुओं का प्रभाव शामिल है। सावन-भादो-कार्तिक माह का प्रभाव हम सब अपने जीवन में अनुभव कर रहे हैं। पूर्णिमा और अमावस्या का समुद्र पर प्रभाव ज्वार-भाटा से आंका जा सकता है, इससे हमारी तिथियों की सत्यता भी प्रमाणित होती है। मानसिक रोगियों पर अमावस्या और पूर्णिमा का प्रभाव चिकित्सा शास्त्र भी स्वीकार करता है। मानव शरीर संरचना में 70 प्रतिशत जल का अंश है, जो अमावस्या और पूर्णिमा पर प्रभावित होता है। इसी का परिणाम है कि मानसिक चिकित्सालयों को अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष सतर्कता बरतने के स्थाई निर्देश हैं।

विक्रमादित्य वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित विश्व की पहली घड़ी है, जो भारतीय परंपरा, वैदिक गणना और वैज्ञानिक दृष्टि का अद्भुत संगम है। यह भारत की सांस्कृतिक धुरी बनकर वैश्विक भाषाओं, पंरपराओं, आस्था और धार्मिक कार्यों को जोड़ने वाली महत्वपूर्ण कड़ी बनेगी। साथ ही विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के तैयार किये गये मोबाइल ऐप में 3179 विक्रम पूर्व, महाभारतकाल से लेकर 7 हजार से अधिक वर्षों के पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत एवं त्यौहारों की दुर्लभ जानकारियां समाहित की गई हैं। धार्मिक कार्यों, व्रत और साधना के लिए 30 अलग-अलग शुभ मुहूर्तों की जानकारी एवं अलार्म की सुविधा भी है। प्रचलित समय में वैदिक समय (30 घंटे), वर्तमान मुहूर्त स्थान, जीएमटी और आईएसटी समय, तापमान, हवा की गति, आर्द्रता एवं मौसम संबंधी सूचनाएं भी लोगों को उपलब्ध करायी गई है। यह ऐप 189 से अधिक वैश्विक भाषाओं में उपलब्ध है। इसमें दैनिक सूर्योदय और सूर्यास्त की गणना तथा इसी आधार पर हर दिन के 30 मुहूर्तों का सटीक विवरण शामिल है।

तो भारतीय शास्त्रों में समय की गणना सूक्ष्मतम स्तर तक की गई है। सनातन संस्कृति में सूर्योदय से सूर्योदय तक की गणना का विधान है। भारत का केन्द्र उज्जैन है और उज्जैन का केन्द्र वर्तमान में डोंगला में स्थित है। डोंगला का प्रसंग भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा से जुड़ता है। मुख्यमंत्री निवास के द्वार पर विक्रमादित्य वैदिक घड़ी स्थापित की गई है। मुख्यमंत्री निवास केवल मुख्यमंत्री का नहीं, अपितु सभी प्रदेशवासियों की धरोहर है। और अब यह सनातन और वैदिक घड़ी को दुनिया तक पहुंचाएगा। भारतीय कालगणना की पद्धति की जानकारी का वैश्विक रूप से भी प्रचार-प्रसार किया जाएगा।

वैदिक घड़ी के ऐप के माध्यम से हम अपने मोबाइल में वैदिक घड़ी का संचालन कर सकते हैं। हम आजादी के अमृतकाल में चल रहे हैं। पूरी दुनिया का समय बदल रहा है, पश्चिम के बाद अब पूर्व का समय आया है।

वास्तव में मोहन यादव के सनातनी प्रयास, पूरी दुनिया तक सनातन को पहुंचाने की उम्मीद जगा रहे है। और अब यह लग रहा है कि ‘सूर्योदय से सूर्योदय तक’ मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रयासों से सनातन का परचम पूरी दुनिया में फहराएगा। और ‘मोहन’ की यह ‘वैदिक घड़ी’, ‘विश्व’ में ‘सनातन’ को अवश्य ही पुनर्स्थापित करेगी। आइए मोबाइल में विक्रमादित्य वैदिक घड़ी ऐप डाउनलोड कर सनातन की पुनर्स्थापना में हम सभी अपना-अपना योगदान देते हैं…।

 

 

लेखक के बारे में –

कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।

वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश‌ संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।