
‘मां’ का अपमान, क्या एनडीए के लिए बनेगा वरदान…
कौशल किशोर चतुर्वेदी
जापान और चीन के दौरे से लौटकर भारत पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा ध्यान बिहार चुनाव पर केंद्रित कर दिया। उधर ट्रंप को सबक सिखाने के लिए पुतिन और जिनपिंग के संग नए समीकरणों को खाद पानी देने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में कांग्रेस-राजद की मौजूदगी में उनकी मां के अपमान का मुद्दा घर-घर तक पहुंचा दिया। हर घर तिरंगा घर-घर तिरंगा की तरह ही मोदी ने हर घर मां, घर-घर मां से मां के अपमान का बदला लेने की भावनात्मक अपील कर डाली। मुद्दा गंभीर है और माताओं को इससे सीधे कनेक्ट कर सकता है। मोदी अपने दर्द को बयां करते हुए भावुक हुए तो वहीं बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष फूट-फूट का रो पड़े। दावा है कि राज्य की 20 लाख महिला मतदाता कार्यक्रम से सीधी जुड़ी थी। मोदी वर्चुअली जुड़े थे लेकिन उनकी भावनाएं सीधा असर डाल रही थीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअली बिहार राज्य जीविका निधि शाखा सहकारी संघ लिमिटेड की शुरुआत की।
मोदी ने कहा, ‘ बिहार में कुछ दिन पहले जो कुछ हुआ उसकी मैंने कल्पना नहीं की थी। बिहार में कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। ये गालियां सिर्फ मेरी मां का अपमान नहीं ये देश की मां-बहन, बेटी का अपमान है।’ आगे कहा कि आप सबको भी, बिहार की हर माँ को ये देख-सुनकर कितना बुरा लगा है। मैं जानता हूँ, इसकी जितनी पीड़ा मेरे दिल में है, उतनी ही तकलीफ मेरे बिहार के लोगों को भी है। बिहार में आरजेडी-कांग्रेस के मंच से मेरी मां को गालियां दी गईं। और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें सुनकर बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भावुक हो गए। इस दौरान उनकी आंखों से आंसू निकले लगे। वहीं, बाद में मीडिया से बात करते हुए दिलीप जायसवाल ने कहा, “आज प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन को 20 लाख मां, बहन, बेटी सुन रही थी। मां, बहन, बेटी मनुष्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। जिस प्रकार कांग्रेस-राजद के मंच से प्रधानमंत्री मोदी की स्वर्गीय माताजी को गंदी गाली दी गई। इससे बड़ा कोई पाप नहीं हो सकता। बिहार की धरती शर्मसार हो रही है। इसलिए मेरी आंखें नम हो गई।”
कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनके लिए रोजगार के नए अवसर खोलने की दिशा में अहम साबित होगा। नरेंद्र मोदी ने ‘मां जानकी’ से अपनी बात शुरू कर बिहार की मातृशक्ति को मातृ सम्मान की उनकी धरती पर कांग्रेस राजद द्वारा उनकी मां के अपमान से सीधे जोड़ दिया।
हालांकि मोदी पर निशाना साधते हुए लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा, ‘ममता सरकार के खिलाफ सड़क पर दीदी ओ दीदी के नारे से लेकर सोनिया गांधी जी के खिलाफ जर्सी गाय और कांग्रेस की विधवा से लेकर शशि थरूर की पत्नी के लिए 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड तक, माननीय नरेंद्र मोदी ने सब कुछ कह दिया है। आज उनका ‘माइंड योर लैंग्वेज’ भाषण थोड़ा अटपटा है!’
पर पीएम मोदी ने कहा कि यह बिहार की सभी माताओं और बेटियों का अपमान है। तेजस्वी यादव और राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजघरानों में जन्मे ये ‘युवराज’ एक गरीब मां की तपस्या और उसके बेटे के दर्द को नहीं समझ सकते। पीएम मोदी ने कहा, ‘ये मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। इन्हें लगता है कि देश और बिहार की सत्ता इनके परिवार की है। इन्हें लगता है कि इन्हें सिर्फ़ कुर्सी मिलनी चाहिए।’
बिहार के दरभंगा जिले में राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिवंगत मां को लेकर 27 अगस्त 2025 को आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। पिछले 2 हफ्तों से देश में राहुल गांधी की वोटर्स अधिकार यात्रा को लेकर को लेकर बहुत चर्चे थे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार विधानसभा चुनावों की दिशा ही मोड़ दी है। मोदी ने राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस द्वारा अपनी स्वर्गीय मां हीराबेन मोदी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणियों को एक शक्तिशाली भावनात्मक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने का संकेत दे दिया है. मां की गाली के नैरेटिव को बिहार की सांस्कृतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखते हुए मातृ-सम्मान से जोड़कर मोदी ने मतदाताओं को प्रभावित करने की रणनीति अपनाई है। वोटर अधिकार यात्रा के दौरान कांग्रेस के एक स्थानीय नेता मो. नौशाद ने कथित तौर पर मंच से मोदी और उनकी मां के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की। इस वायरल वीडियो को बीजेपी ने मां की गाली बताया था। बीजेपी का कहना था कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव इस मंच पर मौजूद थे, पर इस टिप्पणी को रोकने की कोशिश नहीं की।
तो मोदी ने इस मुद्दे को भावनात्मक रूप से उठा दिया है। उन्होंने कहा, मां हमारे लिए संसार है, स्वाभिमान है। कांग्रेस और आरजेडी ने बिहार की धरती पर मेरी मां को गालियां दीं। यह हर बिहारी मां, बहन, और बेटी का अपमान है। इसे छठ पूजा और नवरात्रि जैसे त्योहारों से जोड़कर, मोदी ने इसे छठी मैया का अपमान बताया। जाहिर है कि महिलाओं के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में मोदी की बातों ने बहुत से लोगों को इमोशनल कर दिया। खुद मोदी का भी यह सब बोलते हुए गला भर आया। मोदी की यह भावनाएं क्या पूरे बिहार की महिला शक्ति की भावनाएं बनकर कांग्रेस-आरजेडी को सबक सिखाने का काम कर सकती हैं? ‘मां’ का अपमान, क्या बिहार में एनडीए के लिए वरदान बन सकता है? या विपक्ष की तरफ से लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा की बात बिहार की मातृशक्ति का ध्यान मोदी की भावनात्मक अपील से हटा सकती है? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना काम कर दिया है और अब इन सब बातों का जवाब देने का काम बिहार की जनता करने वाली है…।
लेखक के बारे में –
कौशल किशोर चतुर्वेदी मध्यप्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार हैं। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में पिछले ढ़ाई दशक से सक्रिय हैं। पांच पुस्तकों व्यंग्य संग्रह “मोटे पतरे सबई तो बिकाऊ हैं”, पुस्तक “द बिगेस्ट अचीवर शिवराज”, ” सबका कमल” और काव्य संग्रह “जीवन राग” के लेखक हैं। वहीं काव्य संग्रह “अष्टछाप के अर्वाचीन कवि” में एक कवि के रूप में शामिल हैं। इन्होंने स्तंभकार के बतौर अपनी विशेष पहचान बनाई है।
वर्तमान में भोपाल और इंदौर से प्रकाशित दैनिक समाचार पत्र “एलएन स्टार” में कार्यकारी संपादक हैं। इससे पहले इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में एसीएन भारत न्यूज चैनल में स्टेट हेड, स्वराज एक्सप्रेस नेशनल न्यूज चैनल में मध्यप्रदेश संवाददाता, ईटीवी मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ में संवाददाता रह चुके हैं। प्रिंट मीडिया में दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में राजनैतिक एवं प्रशासनिक संवाददाता, भास्कर में प्रशासनिक संवाददाता, दैनिक जागरण में संवाददाता, लोकमत समाचार में इंदौर ब्यूरो चीफ दायित्वों का निर्वहन कर चुके हैं। नई दुनिया, नवभारत, चौथा संसार सहित अन्य अखबारों के लिए स्वतंत्र पत्रकार के तौर पर कार्य कर चुके हैं।





