Increasing Heart Crisis for Youth: भारत में युवाओं के लिए बढ़ता हृदय संकट : जागरूकता ही बचाव

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Increasing Heart Crisis for Youth

Increasing Heart Crisis for Youth:भारत में युवाओं के लिए बढ़ता हृदय संकट : जागरूकता ही बचाव

                  2030 तक भारत हार्ट अटैक की राजधानी बन सकता है!

 

 डॉ. तेज प्रकाश व्यास
भारत विश्व की सबसे युवा आबादी वाला देश है। लेकिन चिंता की बात यह है कि इसी युवावस्था में हार्ट अटैक के सबसे अधिक मामले भारत में होंगे। विशेषज्ञों का अनुमान है कि वर्ष 2030 तक भारत में हृदयाघात के रोगियों की संख्या विश्व में सबसे अधिक होगी।

कारण साफ हैं—

असंयमित जीवनशैली

जंक फूड और तैलीय आहार

धूम्रपान और शराब

तनाव और नींद की कमी

आनुवंशिक (परिवार से जुड़ा) जोखिम

परिवार का इतिहास हो तो खतरा 4 गुना!

यदि परिवार में पहले से हृदय रोग या हार्ट अटैक का इतिहास है, तो खतरा सामान्य से चार गुना अधिक हो जाता है। ऐसे लोगों को हर वर्ष अपना हेल्थ चेकअप अवश्य कराना चाहिए।

भारत की कठोर सच्चाई -हर साल लगभग 28 लाख लोग हृदयाघात से मरते हैं।लगभग 2 करोड़ लोग सीओपीडी (फेफड़ों की गंभीर बीमारी) से पीड़ित हैं, जो हृदय को कमजोर बनाती है।युवाओं में बैठे-बैठे जीवन (Sedentary Lifestyle) और मोबाइल-लैपटॉप पर बिताए घंटे भी इस स्थिति को और बिगाड़ रहे हैं।

 

लक्षणों को कभी न नज़रअंदाज़ करें- सीने में दबाव या दर्द,सांस लेने में कठिनाई,असामान्य पसीना ,थकान व बेचैनी ,ये संकेत तुरंत डॉक्टर को दिखाने की चेतावनी हैं।

समाधान हमारे हाथ में है

हृदय रोग भाग्य नहीं, जीवनशैली का परिणाम है।
यदि हम अभी से अनुशासित जीवन अपनाएँ तो भारत इस संकट से बच सकता है।

क्या करें: व्यापक हृदय-रक्षक जीवनशैली

1. योग और प्राणायाम के प्रकार

सूर्य नमस्कार – पूरे शरीर में रकत संचार को सुधारता है।

वृक्षासन, त्रिकोणासन, भुजंगासन – हृदय और स्ट्रेस नियंत्रण में सहायक।

प्राणायाम:

अनुलोम–विलोम, भ्रामरी, कपालभाति, श्वास-दीर्घाचार – तनाव कम, रक्तचाप नियंत्रित।

ये धीरे-धीरे दिल और मस्तिष्क में ऑक्सीजन पहुंच बढ़ाते हैं।

2. नाइट्रिक ऑक्साइड (NO)–समृद्ध फल

बीट्स, गाजर, पालक, ककड़ी, खीरा, लेट्यूस, लहसुन, अनार, तरबूज़, साइट्रस फल (संतरा, नींबू, ग्रेपफ्रूट), अखरोट, बीज (लशुन, सूरजमुखी, कद्दू)
ये नाइट्रेट्स और पॉलीफेनोल्स से समृद्ध होते हैं, जो NO उत्पादन को बढ़ाते हैं—रक्त वाहिकाओं को फैलाकर रक्तचाप नियंत्रित करते हैं और हृदय पर भार घटाते हैं ।

3. हरे घास पर नंगे पाँव चलना

दिन के शुरूआती समय में तीन बार, 20-20-20 मिनट (तीन सत्र, बीच में ब्रेक सहित), 100% प्रदूषण-मुक्त क्षेत्र में कदम रखें।

यह प्राकृतिक ऊर्जा, वज़न संतुलन, और पैर में सर्कुलेशन सुधारने में मद्द करता है—Earthing के लाभ।

4. फर्मेंटेड खाद्य पदार्थों का उपयोग

दही, छाछ, किफिर, सौकरक्राट, सोया या लोबिया पर फर्मेंट किए उत्पाद

ये प्रॉबायोटिक्स से भरपूर होते हैं, जो गट स्वास्थ्य सुधारते हैं और उपयोगी माइक्रोबायोम को पोषण देते हैं ।

5. अनाज अंकुरित (Germinated Grains)

गेहूं, जौ, मूंग, चना आदि को अंकुरित करें।
अंकुरण से एंजाइम, विटामिन्स और पाचन क्षमता बढ़ती है—पोषकता में सुधार, सूजन कम।

6. आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ

अश्वगंधा, त्रिफला, गिलोय, हल्दी (कुर्क्यूमिन)
ये तनाव, सूजन और वसा चयापचय नियंत्रित करते हैं—सहायक हृदय स्वास्थ्य के लिए।

7. आर्जिनिन-युक्त फल

तरबूज़ (साइट्रुलिन), अनार, नारंगी, कीवी
इनमें आर्जिनिन या साइट्रुलिन होते हैं, जो NO के माध्यम से रक्त प्रवाह सुधारते हैं ।

8. इंद्रधनुषी (बहुरंगी) भोजन

फल: स्ट्रॉबेरी (लाल), कीवी (हरे), ब्लूबेरी (नीले), आम (पीले), आदि।

सब्ज़ियाँ: टमाटर (लाल), शिमला मिर्च (बहुरंगी), गोभी (सफेद/बैंगनी), गाजर (नारंगी), पालक (हरा), बैंगन (बैंगनी)।
विविध रंग = अलग-अलग एंटीऑक्सीडेंट्स व पोषक तत्व—गट और हृदय दोनों को लाभ।

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9. जीरे और सौंफ़ में भिगोया पानी (सुबह और रात)

एक गिलास पानी में 1/2 छोटा चम्मच जीरा + 1/2 छोटा चम्मच सौंफ़ रात में भिगोएँ। सुबह खाली पेट और रात को सोने से पहले लें।

पाचन सुधारता है, सूजन कम, और पानी में कार्डियो-बायोएक्टिव कम्पाउंड्स भी मिलते हैं।

10. ओमेगा-3 युक्त नट्स (एक-एक करके)

अलसी, चिया, अखरोट, बादाम, काजू:

काजू, बादाम नहीं बल्कि रात को भिगोकर सुबह खाएं ये बीज, फायदे मिलेंगे इतने हर मेवा इसके आगे फेल | Ditch Cashews and Almonds: Soaked Chia, Flax, Pumpkin and Sunflower Seeds Offer

अलसी और चिया: अल्फा-लिनोलिक एसिड (ALA) – सूजन कम, हृदय सुरक्षा।

अखरोट: ओमेगा-3 फैटी एसिड, मेग्निशियम—रक्तचाप नियंत्रित और एंटीऑक्सीडेंट ।

बादाम/काजू: हेल्दी फैट, विटामिन-ई, पोटैशियम—कोलेस्ट्रॉल और रक्तचाप नियंत्रण।

11. गहरी और गुणात्मक नींद (Sound Sleep)

7-8 घंटे की गहरी नींद: हार्मोन्स (मेलाटोनिन, ग्रोथ हार्मोन) नियंत्रित करते हैं।

ये हार्मोन्स तनाव, इंसुलिन रेजिस्टेंस, और सूजन को नियंत्रित कर हृदय पर सकारात्मक प्रभाव डालते हैं।

12. खुशी हार्मोन्स (Happy Hormones)

सेरोटोनिन, डोपामिन, ऑक्सीटोसिन, एंडोर्फिन्स
सकारात्मक मानसिक स्थिति बनाये रखते हैं, तनाव कम करते हैं और हृदय स्वास्थ्य बेहतर करते हैं—मूड और सहयोगी व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।

13. GHA (Gut-Heart Axis / गट-हार्ट एक्सिस)

गट–हार्ट कनेक्शन: गट में फाइबर समृद्ध, प्रोबायोटिक आहार खून, रक्तचाप, इन्फ्लेमेशन और हृदय स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं ।

अच्छा माइक्रोबायोम → बेहतर पोषकता, कम सूजन, और बेहतर हृदय स्वास्थ्य।

संक्षिप्त सारणी:तत्व लाभ

योग–प्राणायाम तनाव नियंत्रण, रक्तप्रवाह सुधार NO-समृद्ध फल रक्तचाप कम, धमनियों का संरक्षण,हरे घास पर चलना प्राकृतिक ऊर्जा, circulation सुधार,फर्मेंटेड/ अंकुरित खाद्य गट–माइक्रोबायोम पोषण, इम्युनिटी,आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियाँ सूजन, तनाव नियंत्रण, चयापचय सुधार,इंद्रधनुषी भोजन विविध एंटीऑक्सीडेंट, हृदय रक्षा,जीरा–सौंफ़ पानी पाचन सुधार, सूजन कम,ओमेगा-3 नट्स कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित, सूजन कम,गुणवत्तापूर्ण नींद हार्मोन संतुलन, तनाव कम,खुशी हार्मोंस मानसिक स्थिति, तनाव मुक्त ,Gut–Heart Axis गट स्वास्थ्य से हृदय स्वास्थ्य में सुधार, तैलीय, मसालेदार और जंक फूड से दूरी बनाएँ। धूम्रपान और शराब पूरी तरह छोड़ें।नमक का सेवन सीमित करें।हर साल नियमित स्वास्थ्य जांच कराएँ।

समाधान हमारे हाथ में है

हृदय रोग भाग्य नहीं, जीवनशैली का परिणाम है।
यदि हम अभी से अनुशासित और जागरूक जीवन अपनाएँ, तो भारत स्वस्थ हृदय वाला राष्ट्र बन सकता है।

राष्ट्रीय जागरण का संदेश

आज यह सिर्फ चिकित्सा का विषय नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतावनी है। भारत की युवा पीढ़ी को बचाने के लिए परिवार, समाज और सरकार—सभी को आगे आना होगा। यदि हम सतर्क नहीं हुए तो भारत “युवा राष्ट्र” से “हृदय रोग राष्ट्र” में बदल जाएगा।

यह भी पढ़े -Silent Heart Attack के लक्षण और संकेत,जानें क्यों है ये सबसे ज्यादा खतरनाक 

* राष्ट्रीय संकल्प पत्र

हृदय की सुरक्षा – जीवन की सुरक्षा

हम भारतवासी यह शपथ लेते हैं कि :

✅ 1. प्रतिदिन 30 minutes व्यायाम / योग / पैदल चलना अपनाऊँगा।
✅ 2. जंक फूड, तैलीय और मसालेदार भोजन से दूर रहकर संतुलित आहार लूँगा।
✅ 3. धूम्रपान, तंबाकू और शराब से सदा दूर रहूँगा।
✅ 4. प्रतिदिन 7-8 घंटे की पर्याप्त नींद लूँगा।
✅ 5. ध्यान और प्राणायाम से तनाव, चिंता और क्रोध को नियंत्रित रखूँगा।
✅ 6. अपने परिवार और समाज को हृदय रोग के लक्षण व बचाव की जानकारी दूँगा।
✅ 7. यदि परिवार में हृदय रोग का इतिहास है तो हर वर्ष नियमित स्वास्थ्य जांच करवाऊँगा।
✅ 8. अत्यधिक नमक व चीनी से परहेज़ करूँगा और फल-सब्ज़ियों को प्राथमिकता दूँगा।
✅ 9. युवाओं में यह जागरूकता फैलाऊँगा कि हार्ट अटैक किसी भी उम्र में हो सकता है।
✅ 10. अपने हृदय की सुरक्षा को ही राष्ट्र की शक्ति और समृद्धि मानूँगा।

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हमारा प्रण

स्वस्थ हृदय – स्वस्थ भारत
2030 तक भारत “हार्ट अटैक की राजधानी” नहीं, बल्कि
स्वस्थ हृदय वाला राष्ट्र कहलाएगा।

निष्कर्ष

हृदय केवल शरीर का अंग नहीं है, यह जीवन का केंद्र है। आइए, हम सब संकल्प लें कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और तनावमुक्त जीवनशैली को अपनाएँ। यही हमारे हृदय की सच्ची सुरक्षा है।

डॉ. तेज प्रकाश पूर्णानंद व्यास
Global Happiness Ambassador, Anti-Aging Scientist, Neuroendocrinologist
Global Counseller For Human health care with Phytonutrients and Life Support System
B 12, Vistara Township, AB Bypass, Near Eva World School, Opposite Grand Sheraton Palace, Indore,
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