Teacher’s Day : एक शिक्षक होने के नाते मुझे भी इंतजार रहता है पांच सितंबर का!

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Teacher’s Day : एक शिक्षक होने के नाते मुझे भी इंतजार रहता है पांच सितंबर का!

इन दिनों मैं भी जनगणना , पशुगणना , परिवार नियोजन , निर्वाचन , थोड़ी बहुत ट्यूशन के साथ-साथ अन्य आदेशित सरकारी कार्यक्रमों में खपकर कर रहा हूं … निरंतर अपने अस्तित्व को साकार ।

– डॉ . श्रीकांत द्विवेदी

Teacher’s Day: पांच सितंबर , यानी शिक्षक दिवस । शिक्षकों के सम्मान का , यशोगान का दिवस । शिक्षण संस्थाओं में पूर्व राष्ट्रपति डॉ . राधाकृष्णनजी के चित्र पर माल्यार्पण । विद्यार्थियों या किसी प्रायोजक संस्था द्वारा शिक्षकों को सम्मान स्वरूप पेन- डायरी भेंट । अखबारों में राज्यपाल / राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का विशेष उल्लेख । कुल मिलाकर साल का एक मात्र यह दिन शिक्षकों के लिए होली – दिवाली से कम नहीं होता है ।

एक शिक्षक होने के नाते मुझे भी इंतजार रहता है पांच सितंबर का । क्योंकि इसी दिन मुझे मिलते हैं – मंच , शाल , मालाएं , अभिनंदन पत्र और पेटभर तालियां । हां ! इसी दिन मुझे मिलता है – राष्ट्रनिर्माता तथा गोविन्द से बड़ा होने का गौरव । यह जानते हुए भी कि , मैं वह नहीं हूं । जबकि मुझे भी अच्छे से पता है कि मैं वह नहीं हूं । कारण मैंने ही तो छलपूर्वक कटवाया था अंगूठा एकलव्य का । मैं भी शामिल था उस भीड़ में , जहां चक्रव्यूह में घेरकर निर्दयतापूर्वक मारा था – वीर बालक अभिमन्यु को । इतना ही नहीं , मैं साक्षी भी हूं भरी सभा में पांचाली के अपमान का ।

बदलाव के दौर में मैंने बदल डाली वेद की ऋचाएं कुंजी और गाइडों में , और गुरुकुल – आश्रम सारे बदल डाले अखाड़ों में , राजनीति की प्रयोगशालाओं में । जहां मेरे अर्जुन लड़खड़ाते हैं , चाकू चलाते हैं , मगर चिड़िया की आंख में बाण नहीं लगाते हैं । कारण , तमाम चिड़ियाएं अब पेड़ों से नीचे उतर आई है , और अर्जुन हैं कि आंखों से ही आंखों का संधान कर रहे हैं । मैं पूरी तरह से आश्वस्त हूं अपने शिष्यों की योग्यताओं से । इसीलिए बांटता हूं / बेचता हूं प्रमाण पत्र और उपाधियां । यहां तक कि जरूरत पड़ने पर मैं स्वयं भी बिक जाने को तैयार रहता हूं ।

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मेरी वजह से ही मेरे अश्वत्थामा घूमते हुए देखे जा सकते हैं …. सड़क से संसद तक अजर-अमर , किसी का लम्बा – चौड़ा कारोबार तो कोई पूरी तरह से बेकार । वहीं इन दिनों मैं भी जनगणना , पशुगणना , परिवार नियोजन , निर्वाचन , थोड़ी बहुत ट्यूशन के साथ-साथ अन्य आदेशित सरकारी कार्यक्रमों में खपकर कर रहा हूं … निरंतर अपने अस्तित्व को साकार ।

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* डॉ . श्रीकांत द्विवेदी
* 6 , महावीर मार्ग , धार

* 9406835883

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