
CG Police News: रायपुर में 1 नवंबर से लागू होगा पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 1 नवंबर से पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने जा रही है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर इसकी आधिकारिक घोषणा की थी, और अब इसे लागू करने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इस प्रणाली का मसौदा तैयार करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADG) की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया है।
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली क्या है और इसका क्या महत्व है?
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें पुलिस अधिकारियों को कुछ न्यायिक शक्तियां (magisterial powers) मिल जाती हैं। वर्तमान में, पुलिस को किसी भी आपराधिक मामले में कार्रवाई करने से पहले मजिस्ट्रेट की अनुमति लेनी होती है, जिससे प्रक्रिया में देरी होती है। नई प्रणाली में, वरिष्ठ पुलिस अधिकारी जैसे कि पुलिस कमिश्नर, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) के तहत सीधे कार्रवाई कर सकेंगे।
इस प्रणाली के मुख्य फायदे इस प्रकार हैं:
- त्वरित निर्णय: पुलिस को छोटे-मोटे मामलों में तुरंत कार्रवाई करने का अधिकार मिलेगा, जिससे आपराधिक घटनाओं पर तेजी से काबू पाया जा सकेगा।
- अपराध नियंत्रण: पुलिस को अधिक अधिकार मिलने से वे अपराधियों पर बेहतर तरीके से नकेल कस सकेंगे, जिससे अपराध दर में कमी आने की उम्मीद है।
- प्रशासनिक दक्षता: इस प्रणाली से पुलिस और प्रशासन के बीच तालमेल बेहतर होगा, जिससे कानून-व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ बनाया जा सकेगा।
रायपुर में क्यों हो रही है यह शुरुआत?
रायपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू करने का निर्णय शहर की बढ़ती आबादी और अपराधों को देखते हुए लिया गया है। यह छत्तीसगढ़ का पहला शहर होगा जहां यह प्रणाली लागू होगी। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहा, तो इसे बिलासपुर, दुर्ग, और अन्य बड़े शहरों में भी लागू किया जा सकता है।
इस नई व्यवस्था के तहत, आईजी या एडीजी रैंक के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया जाएगा। शहर को अलग-अलग जोन में बांटा जाएगा, जहां संयुक्त कमिश्नर, उपायुक्त (DCP), और अन्य अधिकारी तैनात किए जाएंगे।
यह फैसला छत्तीसगढ़ पुलिस और राज्य की कानून-व्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।





