
Embezzlement: 90 लाख की गड़बड़ी के मामले में 9 वेंडर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर
बड़वानी : मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के पाटी विकासखंड क्षेत्र में ग्राम पंचायतों के कार्यों में लगभग 90 लाख रुपए के गबन के मामले में आरोपी नौ वेंडर अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं।
अधिकृत जानकारी के अनुसार, जनसुनवाई में प्राप्त शिकायतों के आधार पर एक जांच दल गठित किया गया था। इस दल ने पाटी विकासखंड की सेमलेट, लिम्बी, कंडरा, वेरवाडा, ओसाडा और आंवली ग्राम पंचायतों के निर्माण कार्यों की जांच की। जांच दल की रिपोर्ट में अधिकांश कार्यों को गुणवत्ताहीन पाया गया तथा कई स्थानों पर राशि आहरण किए जाने के बावजूद निर्माण कार्य स्थल पर कोई कार्य नहीं मिला।
ग्राम पंचायतों द्वारा पोर्टल पर बिना जीएसटी/टीआईएन नंबर के अपूर्ण और कोरे बिल अपलोड कर राशि निकाली गई। इसके बाद सरपंचों, सचिवों और सहायक सचिवों ने शासकीय राशि वेंडरों के खातों में भुगतान कर दी।

इस पर जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) काजल जावला के निर्देश पर संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों, सचिवों, सहायक सचिवों और वेंडरों के विरुद्ध पाटी थाने में 25 मई को विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया गया। इसके बाद सरपंचों, सचिवों और सहायक सचिवों ने प्राथमिकी के विरुद्ध कोर्ट से यह स्टे आदेश प्राप्त किया कि जांच पूर्ण होने तक उनके विरुद्ध बलपूर्वक कार्रवाई न की जाए।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी काजल जावला ने बताया कि पाटी थाने द्वारा इस मामले में अतिरिक्त जानकारी मांगी गई थी, जो 25 अगस्त को उपलब्ध करा दी गई है। उन्होंने अपने पत्र में उल्लेखित किया कि ग्राम पंचायतों में बिना निर्माण कार्य किए शासकीय राशि खर्च करने की प्रवृत्ति को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि नौ वेंडरों की भी शीघ्र गिरफ्तारी की जाए।
उन्होंने यह भी बताया कि इन नौ वेंडरों के विरुद्ध आयुक्त, वाणिज्य कर वृत्त, इंदौर को पत्र लिखा गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि वेंडरों ने बिना जीएसटी के अस्पष्ट, फर्जी और एक ही सामग्री के अलग-अलग दरों से बिल प्रस्तुत कर ग्राम पंचायत से भुगतान प्राप्त किया है। इसलिए, उनके विरुद्ध मध्य प्रदेश जीएसटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।
बड़वानी के पुलिस अधीक्षक जगदीश डाबर ने कहा कि मामले की विवेचना चल रही है और तथ्य सामने आने पर वेंडरों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कुछ और दस्तावेज भी मांगे गए हैं।
निमाड़ रेंज के डीआईजी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कहा कि वह इस मामले में आवश्यक कार्यवाही के निर्देश देंगे।
उधर, पंचायत सचिवों ने पाटी के तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, नीलेश नाग पर इन्हीं जांचों में कार्रवाई न करने के एवज में रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था। इसके चलते उन्हें कलेक्ट्रेट में अटैच कर दिया गया। बाद में लोकायुक्त ने भी नाग के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया।





