
Indore’s Truck Mishap: हाई कोर्ट ने स्वतः लिया
संज्ञान,जब नो एंट्री थी तो ट्रक शहर में घुसा कैसे..? पुलिस कमिश्नर को 23 सितंबर को देना होगा जवाब!
जबलपुर । मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने इंदौर में हुए भीषण ट्रक हादसे में स्वत संज्ञान लेते हुए पुलिस प्रशासन से पूछा है कि जब नो एंट्री थी तो ट्रक अंदर घुसा कैसे..?
हाई कोर्ट ने मामले में पुलिस कमिश्नर को 23 सितंबर को वर्चुअल हाजिरी में जवाब देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने प्रश्न उठाया है कि जब शहर में स्पष्ट रूप से ‘नो एंट्री’ जोन था, तो ट्रक कैसे बिना रोक-टोक के अंदर घुस गया और इतनी दूर तक जा पहुंचा? यह सवाल प्रशासन की बड़ी लापरवाही और सुरक्षा नियमों की अनदेखी की ओर इशारा करता है।
मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने बताया कि अगर नियमों का कड़ाई से पालन होता, तो शायद सोमवार शाम को ट्रक द्वारा किए गए जानलेवा हादसे को टाला जा सकता था। इस दुर्घटना में तेज रफ्तार ट्रक ने करीब एक किलोमीटर तक वाहन टक्कर मारे, जिससे दो लोगों की मौके पर मृत्यु हो गई जबकि एक घायल व्यक्ति ने इलाज के दौरान दम तोड़ा। इस सड़क हादसे में 12 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं।
हाई कोर्ट ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की है। उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कोर्ट को जानकारी दी कि राज्य सरकार ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए आवश्यक कार्रवाई शुरू कर दी है। आगामी सुनवाई के दौरान सरकार से उम्मीद की जा रही है कि पूरे मामले में उठाए गए कदमों का विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत किया जाएगा।
कोर्ट ने अधिकारियों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि सड़क सुरक्षा नियमों का उल्लंघन गंभीर अपराध है और प्रशासन की लापरवाही सीधे लोगों के जीवन को खतरे में डालती है। प्रशासन की यह विफलता बड़े हादसे की वजह बनी है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इंदौर के इस दर्दनाक हादसे ने न केवल परिवारों को अपूरणीय क्षति पहुंचाई है, बल्कि पूरे सिस्टम की जवाबदेही पर भी सवाल उठा दिए हैं।





