भोपाल। राज्यसभा की एक सीट के लिए मध्यप्रदेश में होने वाले चुनाव से भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि मैं लोकसभा चुनाव लड़कर संसद में जाऊंगा, राज्यसभा के जरिए नहीं! उनके इस बयान से अनुमान लगाया जा रहा है कि वे खड़वा से लोकसभा का उपचुनाव लड़ सकते हैं। खंडवा उपचुनाव और राज्यसभा की खाली सीट को लेकर कैलाश विजयवर्गीय का नाम लम्बे समय से चर्चा में है। लेकिन, उनके राज्यसभा से इंकार के बाद अब कयास लोकसभा उपचुनाव के लिए लगाए जाने लगे।
भाजपा में उम्मीदवार को लेकर मंथन का दौर चल रहा है। पहले कैलाश विजयवर्गीय और उमा भारती का नाम लिया जा रहा था। लेकिन, कैलाश विजयवर्गीय के दौड़ से हटने के बाद रास्ता साफ़ हो गया। जबकि, उमा भारती के नाम के सिर्फ कयास लगाए जा रहे थे, उनका नाम किसी भी स्थिति में लिया नहीं गया। पूर्व मंत्री लालसिंह आर्य का नाम भी चर्चा में है। लेकिन, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल का नाम लगभग तय माना जा रहा है। डेढ़ महीने पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार में तीन ऐसे मंत्री शामिल किए गए थे, जो किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। ऐसे में मध्य प्रदेश से सर्वानंद सोनोवाल को राज्यसभा सदस्य बनाकर भेजे जाने की संभावना है। इससे प्रदेश के भाजपा नेताओं में भी असंतोष नहीं पनपेगा।
थावरचंद गहलोत के इस्तीफे के बाद अनुसूचित जाति वर्ग से आने वाले नेताओं में मध्य प्रदेश से कोई राज्यसभा सदस्य इस वर्ग से नहीं है। इस दृष्टि से अजा वर्ग के किसी नेता को राज्यसभा में भेजे जाने की प्रबल संभावना समझी जा रही है। इसमें मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री रहे लालसिंह आर्य का नाम भी सामने आया है। वे पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है।
दौड़ से कांग्रेस बाहर
राज्यसभा की मध्यप्रदेश सीट के लिए चुनाव थावरचंद गहलोत के राज्यपाल बनने के बाद त्यागपत्र के कारण खाली हुई है। कांग्रेस ने हार की प्रबल आशंका को देखते हुए अपना उम्मीदवार चुनाव में नहीं उतारने का फैसला पहले ही कर लिया। प्रदेश कांग्रेस के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर के हवाले से कांग्रेस ने कहा कि विधानसभा में भाजपा की विधायक संख्या ज्यादा है। इसलिए कांग्रेस ने इस चुनाव से अलग रहने का फैसला किया है।
114 सदस्यों की जरुरत
राज्यसभा चुनाव में जीत के लिए किसी भी पार्टी को 114 विधायकों की जरूरत है। जबकि, भाजपा के पास वर्तमान में विधायक संख्या 125 है। उसे सपा, बसपा और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है। जबकि, कांग्रेस के पास 95 विधायक हैं। जीत के लिए जरूरी आंकड़े तक पहुंचने के लिए यदि उन्हें सपा, बसपा और निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी प्राप्त हो, तो 114 के आंकड़े तक पहुंचना मुश्किल है। चुनाव आयोग ने पांच राज्यों की 6 राज्यसभा सीटों के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर दी। इसके मुताबिक 16 से 22 सितंबर तक विधान सभा सचिवालय में रिटर्निंग ऑफिसर के सामने अपना नामांकन दाखिल करना होगा। नाम वापस लेने की आखिरी 27 सितंबर है। यदि उम्मीदवारों संख्या एक से ज्यादा हुई और निर्विरोध निर्वाचन के आसार नहीं बने तो 4 अक्टूबर को मतदान किया जाएगा।