देहरादून। नैनीताल हाईकोर्ट ने उत्तराखंड की चार धाम यात्रा को सशर्त मंजूरी दी। कोर्ट ने निगेटिव रिपोर्ट के साथ ही फुल वैक्सीनेशन का प्रमाण पत्र लाने का भी आदेश दिया। नैनीताल हाई कोर्ट का कहना है कि केदारनाथ धाम में 800, बद्रीनाथ धाम में 1200, गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 भक्तों को ही एक दिन में अनुमति दी जाएगी। आदेश के मुताबिक चार धाम यात्रा के यात्रियों को 72 घंटे पहले कराए कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट लाना होगी। साथ ही देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल और देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के पोर्टल पर पंजीकरण कराना भी जरूरी होगा। चार धाम यात्रा कोरोना के चलते स्थगित थी, जिससे उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ा था।
इस यात्रा पर रोक लगाए जाने से लोगों में काफी नाराजी थी। कांग्रेस ने भी लगातार सरकार को इस मामले में आड़े हाथ लिया था। नैनीताल हाईकोर्ट ने सशर्त यात्रा खोलने की अनुमति देकर लोगों को भावनाओं का सम्मान किया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि वे नैनीताल हाईकोर्ट का को धन्यवाद देते हैं। राज्य सरकार ने पहले सही तरीके से पैरवी नहीं की। इस वजह से हजारों लाखों लोग बेरोजगार हो गए। उनके काम धंधे भी बंद हो गए हैं। इस यात्रा पर कोरोना के चलते 28 जून को रोक लगाई गई थी। राज्य के महाधिवक्ता एस एन बाबुलकर भी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के सामने पेश हुए और मौखिक रूप से चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा से हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है।
राज्य सरकार ने उत्तराखंड हाईकोर्ट से चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था। इससे पहले चारधाम यात्रा में पड़ने वाले जिलों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कोविड महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी।