
पेंशनरों द्वारा छठवें वेतनमान के बकाया 32 माह की याचिका दायर, हाई कोर्ट ने किया शासन को नोटिस जारी
जबलपुर: छठवें वेतनमान के बकाया 32 माह के एरियर्स का भुगतान करने दिए गए ज्ञापनों पर शासन की लगातार उपेक्षा से त्रस्त होकर पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा दायर याचिका को संज्ञान में लेते हुए उच्च न्यायालय जबलपुर ने शासन को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 25 अक्टूबर 2025 नियत की है । एसोसिएशन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के सी घिल्डियाल ने पैरवी की ।
एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आमोद सक्सेना ने बताया कि मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 2009 के अंतर्गत राज्य के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनरों को भी 1 जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय राज्य शासन ने लिया था किंतु पेंशनरों को इसका लाभ 1 सितंबर 2008 से दिया गया । 1 जनवरी 2006 से 31 अगस्त 2008 तक के बकाया 32 माह के एरियर्स का आज तक भुगतान नहीं किया गया । सक्सेना ने बताया कि 1 जनवरी 2006 से छठवें वेतनमान का लाभ पेंशनरों को देने के संबंध में छत्तीसगढ़ 2010 में ही अपनी स्पष्ट सहमति दे चुका है ।
एसोसिएशन के संरक्षक गणेश दत्त जोशी ने मध्यप्रदेश शासन पर अपने ही निर्णय का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है एवं बताया कि छठवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2006 से दिए जाने के संबंध में मंत्रि- परिषद का निर्णय, गजट नोटिफिकेशन एवं तत्कालीन मुख्य सचिव श्री राकेश साहनी के स्पष्ट निर्देश होने के बाद भी आदेश जारी नहीं करने से स्पष्ट है कि प्रदेश का वित्त विभाग विगत 25 वर्षों से लगातार आर्थिक रूप से प्रताड़ित कर प्रदेश के उम्र दराज पेंशनरों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है ।
भोपाल के जिला अध्यक्ष सुरेश शर्मा ने आरोप लगाया है की वृद्ध पेंशनरों पर लगातार आर्थिक अत्याचार कर उन्हें न्यायालय की शरण में जाने को सरकार विवस कर रही है । एसोसिएशन के प्रांतीय उपाध्यक्ष संतोष ठाकुर, शंभूनाथ मुखर्जी, सचिव यशवंत सिंह बेस, शैलेंद्र श्रीवास्तव एवं महिला संयोजक रेणु गव्हाड ने कहा है कि सरकार स्व विवेक से लंबित समस्याओं के शीघ्र निराकरण की पहल कर वृद्ध पेंशनर्स के प्रति संवेदनशीलता का परिचय दे ।





