
एयर इंडिया क्रैश पर नया विवाद: पायलट के पिता ने रिपोर्ट को बताया अधूरी और भ्रामक
अहमदाबाद/मुंबई। गत 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में 260 लोगों की मौत हो गई थी और विमान का मलबा चारों ओर बिखर गया था। इस हादसे के बाद विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की थी, लेकिन अब इस रिपोर्ट को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। मृत पायलट कैप्टन सुमित सभरवाल के 91 वर्षीय पिता पुष्कराज सभरवाल ने केंद्र सरकार से औपचारिक और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और चुनिंदा लीक से उनके बेटे की छवि को धक्का पहुंचा है।
“बेटे की प्रतिष्ठा को ठेस”
पुष्कराज सभरवाल ने नागरिक उड्डयन सचिव और एएआईबी प्रमुख को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि मीडिया में लीक की गई जानकारी बेबुनियाद और भ्रामक है। इन लीक में यह दावा किया गया कि कैप्टन सुमित मानसिक दबाव में थे और आत्महत्या की सोच रहे थे। पिता ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह उनके परिवार के लिए बेहद पीड़ादायी है और बेटे की छवि को धूमिल करने की कोशिश है। सभरवाल ने कहा कि उनके बेटे का तलाक करीब 15 साल पहले हो चुका था और मां के निधन के बाद भी उन्होंने सौ से अधिक सुरक्षित उड़ानें पूरी की थीं। ऐसे में यह कहना कि वह अवसाद में थे या आत्महत्या करना चाहते थे, पूरी तरह निराधार है।
“रिपोर्ट को बताया अधूरी और भटकाने वाली”
29 अगस्त को लिखे अपने पत्र में पुष्कराज सभरवाल ने जोर देकर कहा कि केंद्र सरकार को विमान (दुर्घटनाओं और घटनाओं की जांच) नियम, 2017 के तहत इस मामले की औपचारिक जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि AAIB द्वारा 12 जुलाई को जारी की गई प्रारंभिक रिपोर्ट अधूरी, भटकाने वाली और गलत है। उनका आरोप है कि यह रिपोर्ट विमान निर्माता कंपनी को बचाने की कोशिश करती है, जबकि हादसे के वास्तविक कारणों को नजरअंदाज किया गया है। पिता ने कहा कि रिपोर्ट में सिर्फ इधर-उधर की बातें की गईं और दुर्घटना के मूल कारणों पर कोई ठोस जानकारी नहीं दी गई।
“तकनीकी खामियों पर सवाल”
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि विमान के दोनों इंजनों में एक सेकंड के भीतर ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी, जिससे उड़ान भरते ही कॉकपिट में भ्रम की स्थिति पैदा हो गई। रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है कि उसने ईंधन क्यों बंद कर दिया, जबकि जवाब मिलता है कि उसने ऐसा नहीं किया। इस तकनीकी खामी को लेकर भी पुष्कराज ने सवाल उठाए हैं और कहा कि रिपोर्ट स्पष्ट निष्कर्ष देने में नाकाम रही है।

“निष्पक्ष जांच की मांग”
पायलट के पिता का कहना है कि 25 साल के करियर में कैप्टन सभरवाल के साथ कभी कोई हादसा नहीं हुआ और उनकी पेशेवर छवि बेदाग रही। उन्होंने सरकार से अपील की है कि न केवल हादसे की निष्पक्ष जांच कराई जाए बल्कि उन चुनिंदा जानकारियों पर भी रोक लगाई जाए जिन्हें मीडिया में लीक कर परिवार को बदनाम किया जा रहा है। उनका कहना है कि यह केवल बेटे की प्रतिष्ठा पर हमला नहीं बल्कि उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन भी है।
“सरकार से निष्पक्ष जांच की मांग”
पुष्कराज सभरवाल ने केंद्र सरकार से अपील की है कि इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप कर निष्पक्ष, पारदर्शी और औपचारिक जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि जब तक यह जांच पूरी सच्चाई सामने नहीं लाती, तब तक न केवल पीड़ित परिवार बल्कि पूरे देश को संतोष नहीं मिलेगा। वहीं, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की ओर से अब तक उनके पत्र का कोई औपचारिक जवाब नहीं आया है।
यह विवाद स्पष्ट करता है कि अहमदाबाद विमान हादसे की जांच अब केवल तकनीकी सवालों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें पारदर्शिता, निष्पक्षता और मृत पायलट बेटे की छवि बचाने जैसे संवेदनशील मुद्दे भी शामिल हो गए हैं।





