Big Action of ED: दिल्ली-हिमाचल में छापे, 80 करोड़ की विदेशी बेनामी संपत्ति का भंडाफोड़

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Big Action of ED: दिल्ली-हिमाचल में छापे, 80 करोड़ की विदेशी बेनामी संपत्ति का भंडाफोड़

New Delhi/Shimla : प्रवर्तन निदेशालय ED ने 19 और 20 सितंबर को दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में एक व्यापक छापेमारी अभियान चलाकर इंपीरियल ग्रुप के चेयरमैन मनविंदर सिंह, उनकी पत्नी सगरी सिंह और सहयोगियों से जुड़े छह ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई में लगभग 80 करोड़ रुपये की संदिग्ध विदेशी बेनामी संपत्ति जब्त की गई। यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (FEMA), 1999 के तहत की गई है।

*कार्रवाई का उद्देश्य और जांच का दायरा*

ED के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, छापेमारी का मुख्य उद्देश्य इंपीरियल ग्रुप के कथित अवैध विदेशी निवेश और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों की जांच करना था। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मनविंदर सिंह और उनके सहयोगियों ने विदेशों में शेल कंपनियों और फ्रंट फर्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये का निवेश किया। ईडी के अनुसार यह निवेश गैर-कानूनी और बेनामी तरीके से किया गया था।

अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी के दौरान डिजिटल डेटा, वित्तीय दस्तावेज, संपत्तियों से संबंधित कागजात और लेन-देन के सबूत जब्त किए गए हैं। इनसे ईडी को विदेशी खातों और निवेश नेटवर्क तक पहुंचने में मदद मिलेगी।

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*करोड़ों की विदेशी संपत्ति का खुलासा*

ED ने छापेमारी में निम्नलिखित संपत्तियां और धनराशि जब्त की है:

– हिमाचल प्रदेश के नलधेरा में फ्लैट बिक्री से ₹29 करोड़ नकद।

– दुबई की United Aerospace DWC LLC और सिंगापुर की Aerostar Venture Pte Ltd में निवेश।

– थाईलैंड की विलासिता संपत्ति “Villa Samayra” जिसकी अनुमानित कीमत ₹16 करोड़ है।

– दुबई से लाया गया Robinson-66 हेलिकॉप्टर जिसकी कीमत लगभग ₹7 करोड़ है।

– ₹50 लाख नकद (पुराने ₹500 के नोट भी शामिल)।

– लगभग $15,000 अमेरिकी डॉलर।

– तीन बैंक लॉकर फ्रीज।

इन संपत्तियों और धनराशि से यह स्पष्ट होता है कि विदेशी निवेश और धन का प्रवाह अवैध और बेनामी तरीके से किया गया।

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*विदेशी निवेश और शेल कंपनियों का नेटवर्क*

जांच में यह सामने आया कि मनविंदर सिंह और उनके सहयोगियों ने विदेशी शेल कंपनियों और फ्रंट फर्मों के माध्यम से अवैध निवेश किया। इनमें प्रमुख हैं:

– United Aerospace DWC LLC (दुबई)

– Aerostar Venture Pte Ltd (सिंगापुर)

– विलासिता संपत्ति “Villa Samayra” (थाईलैंड)

इन कंपनियों के माध्यम से किए गए निवेशों में अवैध लेन-देन, शेल कंपनियों के माध्यम से धन का प्रवाह और विदेशी खातों में धन की निकासी शामिल है।

*नकद लेन-देन और हवाला नेटवर्क*

ईडी ने नलधेरा में स्थित Auramah Valley प्रोजेक्ट साइट पर फ्लैट बिक्री से जुड़े नकद लेन-देन के सबूत पाए। छापेमारी में ₹29 करोड़ नकद जब्त किया गया। जांच में यह भी सामने आया कि यह राशि हवाला नेटवर्क और अन्य अनौपचारिक चैनलों के माध्यम से विदेशों में भेजी गई, जिससे बेनामी संपत्तियां खरीदी गईं।

*दस्तावेज और अन्य सामग्री जब्त*

छापेमारी के दौरान ईडी ने नकद के अलावा महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा जब्त किए, जिनमें बैंक पासबुक, वित्तीय लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड और डिजिटल फाइलें शामिल हैं। यह सामग्री आगे की जांच के लिए महत्वपूर्ण सबूत साबित होगी।

*आगे की जांच और संभावित कार्रवाई*

ईडी की जांच जारी है। एजेंसी ने संकेत दिए हैं कि मामले में कई और बड़े कारोबारी और वित्तीय संस्थान जांच के दायरे में आ सकते हैं। संबंधित संपत्तियों को अटैच किया जा सकता है और आरोपितों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

*कॉरपोरेट जगत में प्रभाव*

ईडी की इस कार्रवाई के बाद कॉरपोरेट जगत में हलचल मच गई है। इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि अवैध विदेशी निवेश और बेनामी संपत्तियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। सरकार और एजेंसियाँ मनी लॉन्ड्रिंग और काले धन के खिलाफ सख्त हैं।

*निष्कर्ष*

ईडी की यह कार्रवाई विदेशी मुद्रा नियंत्रण और पैसों की धोखाधड़ी को रोकने में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे यह संदेश भी गया कि किसी भी स्तर पर अवैध विदेशी निवेश और बेनामी संपत्ति को बख्शा नहीं जाएगा।