नवरात्रि 2025: शक्ति, भक्ति और उल्लास का पर्व: प्रथम दिन मां शैलपुत्री

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नवरात्रि 2025: शक्ति, भक्ति और उल्लास का पर्व: प्रथम दिन मां शैलपुत्री

– डॉ बिट्टो जोशी

भारतवर्ष में नवरात्रि का पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का उत्सव भी है। हर वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नव दिन तक चलने वाला यह पर्व, मां दुर्गा के नौ रूपों की आराधना का विशेष अवसर प्रदान करता है। नवरात्रि का अर्थ ही है- ‘नौ रातें’, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक हैं।

इस वर्ष नवरात्रि 21 सितंबर 2025 से प्रारंभ हो रही है, और इसका पहला दिन अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे विशेष रूप से मां शैलपुत्री की आराधना के नाम से जाना जाता है।

 

प्रथम दिन की पूजनीय देवी: मां शैलपुत्री

नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री का शाब्दिक अर्थ है- ‘पर्वत की पुत्री’। वे हिमालय की पुत्री हैं और भगवान शिव की प्रत्यक्ष पत्नी के रूप में प्रतिष्ठित हैं। उनके इस रूप में शांति, स्थिरता और अडिग शक्ति का अद्भुत संचार होता है।

 

*शैलपुत्री का स्वरूप और प्रतीक*

– साधारण विवरण: माँ शैलपुत्री एक सफेद वस्त्रधारी, शांत और दिव्य रूप वाली देवी हैं।

– सवारी: वे बैल पर सवार होती हैं, जिसे ‘नंदी’ के नाम से जाना जाता है।

– हाथ में प्रतीक: एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे में कमल धारण करती हैं।

– प्रतीकार्थ: त्रिशूल से बुराई का नाश और कमल से आत्मिक शुद्धि का संदेश मिलता है।

*पूजा और महत्व*

शैलपुत्री की पूजा से भक्तों को आध्यात्मिक शुद्धि, मानसिक स्थिरता और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।

इस दिन उपवास रखने और ध्यान व भक्ति में लीन होने से मानसिक तनाव दूर होता है और जीवन में नई शुरुआत का संचार होता है।

*विशेष मंत्र:*

“ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः” का जाप करके भक्त उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

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*नवरात्रि में विशेष बातें*

आराधना के नौ रूप: नवरात्रि के प्रत्येक दिन मां दुर्गा के अलग रूप की पूजा की जाती है। प्रत्येक रूप जीवन में विशेष शक्ति, साहस और सृजनात्मक ऊर्जा का संचार करता है।

सांस्कृतिक रंग: इस पर्व में व्रत, पूजा, हवन, भजन, और गरबा-डांडिया जैसे सांस्कृतिक उत्सव पूरे भारत में मनाए जाते हैं।

*आध्यात्मिक संदेश:* नवरात्रि हमें बुराई पर अच्छाई की विजय, आत्मा की शुद्धि और जीवन में अनुशासन का महत्व समझाती है।

आज से आरंभ हो रही नवरात्रि हमें आत्मा की गहराई में झांकने, जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और मां दुर्गा की कृपा से शक्ति और साहस प्राप्त करने का अवसर देती है। प्रथम दिन की पूजा से हम अपने जीवन में स्थिरता, शांति और नए उत्साह का संचार कर सकते हैं।

इस नवरात्रि, आइए हम अपने हृदय में भक्ति का दीप जलाएं और मां दुर्गा के आशीर्वाद से अपने जीवन को समृद्ध और उज्जवल बनाएं।