Ahmedabad Blast Case : अहमदाबाद ब्लास्ट में 38 लोगों को मौत की सजा, देश के इतिहास में सर्वाधिक

70 मिनट के सिलसिलेवार विस्फोटों में 56 लोग मारे गए और 200 से ज्यादा घायल हुए

1361

Ahmedabad Blast Case : अहमदाबाद ब्लास्ट में 38 लोगों को मौत की सजा, देश के इतिहास में सर्वाधिक

Ahmedabad : स्पेशल कोर्ट ने अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट केस में 38 को फांसी की सजा सुनाई। अहमदाबाद ने की विशेष अदालत ने 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था, जबकि 28 अन्य को बरी कर दिया था। 26 जुलाई 2008 को 70 मिनट में हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में 56 लोग मारे गये थे और 200 से अधिक लोग घायल हो गये थे।                            IMG 20220218 WA0027

ये देश के इतिहास का पहला मौका है जब एक बार में सबसे ज्यादा लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है। इससे पहले राजीव गांधी हत्या केस में लोअर कोर्ट ने 26 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई थी।

एक रिपोर्ट के अनुसार लगभग 488 लोग भारत की अलग-अलग जेलों में बंद हैं। वर्ष 2021 में 144 और 2020 में 77 और 2019 में 104 लोगों को देश के अलग अलग राज्यों में फांसी की सजा हुई। 2021 में फांसी की सजा पाए लोगों में 62 मर्डर के और 48 रेप आदि मामलों के दोषी थे।

एक साथ इतने लोगों को मौत की सजा होने को लेकर कानून विशेषज्ञों का कहना है कि बम ब्लास्ट जैसे मामलों के अधिकांश अपराधी समय पर नहीं पकड़ाते। कई आरोपी देश से बाहर भाग जाते हैं। अहमदाबाद बम ब्लास्ट मामले में इतने बड़े पैमाने पर फांसी की सजा के दो पहलू हैं। पहला यह कि एक साथ इतने सारे लोगों को फांसी की सजा हाल के मामलों में नहीं हुई। दूसरा यह कि इन्हें सजा आतंकवाद वाले मामले में हुई है।

कानून के अनुसार फांसी की सजा के मामलों की पुष्टि हाईकोर्ट द्वारा करना जरूरी है। उसके बाद ही दोषी लोगों को फांसी की सजा दी जा सकेगी। सुप्रीम कोर्ट में 2021 में फांसी की सजा के 9 मामले आए, जिनमें से 5 की सजा को कम करके उम्रकैद में बदल दिया गया और 4 लोगों की सजा को खत्म कर दिया गया।

पिछले 16 साल में 1300 से अधिक दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 1947 के बाद से देश में अब तक कुल (निर्भया के दोषियों को मिलाकर) 61 लोगों को फांसी दी गई।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, साल 2004 से 2013 के बीच भारत में 1303 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई। लेकिन, इस दौरान केवल 3 लोगों को फांसी दी गई। देश में UP अकेला ऐसा राज्य है, जहां अभी तक सबसे ज्यादा फांसी दी गई। देश को आजादी मिलने के बाद से अभी तक UP में 390 दोषियों को फांसी दी गई।