
अधेड़ प्राचार्य ने भेजे शिक्षिका को कई अभद्रता पूर्ण प्रेम संदेश ,शिकायत के बाद जांच टीम ने दर्ज किए 10 के बयान
चंद्रकांत अग्रवाल की विशेष रिपोर्ट
पिपरिया। एक स्कूल शिक्षिका ने अपने शासकीय एकीकृत स्कूल हथवांस के ही अधेड़ उम्र प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव के विरुद्ध कई अभद्र प्रेम संदेश भेजने की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी से की है।
उक्त शिक्षिका की शिकायत के उपरांत कल जिला शिक्षा अधिकारी की एक तीन सदस्यीय टीम ने पूरे प्रकरण की जांच शुरू भी कर दी है। इस टीम ने स्कूल स्टाफ के करीब 10 अन्य शिक्षकों और शिक्षिकाओं के बयान भी दर्ज किए हैं.सूत्रों केअनुसार जांच में आरोप सही पाए गए, जिसमें आठ अन्य महिला शिक्षकों ने भी प्रताड़ना की शिकायत की। जिला शिक्षा अधिकारी ने अब प्राचार्य के निलंबन का प्रस्ताव भेजा है।

प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव पर यह आरोप है कि उन्होंने शिक्षिका को व्हाट्सएप पर कई आपत्तिजनक संदेश भेजे हैं। इन संदेशों में “फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है। तुम बहुत अच्छी लगती हो हां या ना में जवाब दो” जैसे संदेश शामिल हैं। हालांकि शिक्षिका ने इनका कड़ा प्रतिवाद कर तुरंत जवाब देते हुए प्राचार्य को अपने पिता के समान बताया था। उक्त शिक्षिका के अनुसार, इन आपत्तिजनक संदेशों का सिलसिला उसके जवाब देने के बाद भी बंद नहीं हुआ और उन्हें किसी न किसी स्कूली कार्य के नाम पर प्रताड़ित भी किया जाने लगा। तब परेशान होकर उन्होंने 17 सितंबर को पिपरिया के बी ई ओ और जिला शिक्षा अधिकारी से इसकी लिखित शिकायत की।

पर शिकायत के एक सप्ताह बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर कल जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देश पर एक जांच टीम गठित की गई। इस टीम में पिपरिया संदीपनी के प्राचार्य संजीव दुबे, सोहागपुर पीएमश्री की प्रभारी प्राचार्य सुनीता गढ़वाल और सेमरी शासकीय बालक उमावि की प्राचार्य शीला चौकसे शामिल हैं। टीम ने कल दोपहर से लेकर शाम तक,6 घंटे, शिकायत की जांच की और करीब 10 शिक्षकों, शिक्षिकाओं के बयान दर्ज किए।
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प्राचार्य ने सफाई में कहा- ‘धोखे से हुए मैसेज’
इस मामले में प्राचार्य सुरेश श्रीवास्तव ने अपनी सफाई दी है। उन्होंने बताया- ‘धोखे से मैसेज हो गया था। मैंने बीपी की दवा नहीं ली थी। फेसबुक का मैसेज था वो हाथ टच होने से सेंड हो गया था।’ प्राचार्य की हरकतों को लेकर अन्य शिक्षकों ने भी 17 सितंबर को BEO पिपरिया को लिखित शिकायत की थी। इस शिकायत में शिक्षकों ने आरोप लगाया था कि ‘प्राचार्य शिक्षा मंत्री का डर दिखाकर ट्रांसफर करने की धमकी देते हैं।’ शिक्षकों ने यह भी बताया कि प्राचार्य के क्लास में जाने पर महिला शिक्षिका असहज महसूस करती हैं। शिकायत के बावजूद BEO पिपरिया ने मामले में गंभीरता नहीं दिखाई थी।





