Navratri में भाजपा का भव्य आयोजन: अखोली वन माता से शीतला माता मंदिर तक विशाल चुनरी (आराधना) यात्रा

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Navratri में भाजपा का भव्य आयोजन: अखोली वन माता से शीतला माता मंदिर तक विशाल चुनरी (आराधना) यात्रा

Udaygarh-Alirajpur: नवरात्रि में अलीराजपुर जिले में भारतीय जनता पार्टी द्वारा सेवा पखवाड़े अंतर्गत लगातार अलग-अलग स्थानो पर माता की आराधना यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में उदयगढ़ मंडल में एक भव्य चुनरी यात्रा का आयोजन किया गया। ग्राम अखोली स्थित प्राचीन वनदेवी माता मंदिर से निकली 51 मीटर लंबी चुनरी यात्रा में सैकड़ों श्रद्धालु महिला-पुरुष और बच्चों ने माता के जयकारों के साथ लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पैदल तय की। यात्रा प्रताप फलिया स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर पहुंची, जहां मां चामुंडा को चुनरी समर्पित की गई। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री, पूर्व विधायक, जिलाध्यक्ष, विधानसभा नेता सहित अनेक जनप्रतिनिधि और भक्तगण शामिल हुए। पूरे रास्ते में पुष्प वर्षा कर यात्रा का स्वागत किया गया।

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वनदेवी माता मंदिर

वनदेवी माता मंदिर उदयगढ़ से करीब 10 किलोमीटर दूर चंद्रशेखर आजाद मार्ग पर ग्राम अखोली के वन क्षेत्र में स्थित एक अति प्राचीन मंदिर है। मंदिर अखोली गांव के नाम से जाना जाता है, जबकि वहां विराजित माता वनदेवी के नाम से विख्यात हैं। घने वृक्षों और चट्टानों के बीच स्थित इस मंदिर के पास प्राकृतिक रूप से एक जलधारा हमेशा प्रवाहित होती है। नारियल पानी की तरह मिठास लिए इसी जल से माता का अभिषेक होता है और प्रसादस्वरूप भक्तजन इसे ग्रहण करते हैं।

खेत-खलिहान, पशुधन और वनों की रक्षा करने वाली यह वनदेवी ग्रामीण आस्था का बड़ा केंद्र हैं। वर्षा नहीं होने पर ग्रामीण यहां आकर दाल, बाटी, चूरमा बनाकर माता को भोग अर्पित करते हैं और चमत्कारिक रूप से माता प्रसन्न होकर वरदान देती हैं। नवरात्रि में यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है।

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शीतला माता मंदिर

प्राचीन शीतला माता मंदिर उदयगढ़ से 1 किलोमीटर आगे जोबट रोड पर ग्राम प्रताप फलिया में स्थित है। मंदिर में विराजित मां चामुंडा क्षेत्र की सबसे बड़ी संरक्षक देवी मानी जाती है। दूर-दूर से यहां भक्तजन देवी के दर्शन और मनोकामना पूर्ण होने पर मन्नत उतारने के लिए आते हैं।

रियासत काल में इसे कनास के नाम से जाना जाता था। लगातार आगजनी और अन्य प्राकृतिक आपदाओं को देवीय प्रकोप मानकर बाद में जगह बदली गई और कनास का नाम बदलकर उदयगढ़ रखा गया। स्थान और नाम बदलने के बाद भी तब से आज तक नगर सहित क्षेत्रवासी अपने प्रत्येक शुभ काम की शुरुआत इसी मंदिर से करते हैं। नवरात्रि में यहां नित्य नया श्रृंगार होता है और वैसे भी यहां दिन में तीन बार माता के अलग-अलग रूप नजर आते हैं।

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चुनरी यात्रा का विधि विधान

चुनरी यात्रा से पहले अखोली वनदेवी माता मंदिर में विधानसभा नेता विशाल रावत, जिला पंचायत सदस्य मांगीलाल चौहान, जिला महामंत्री राजू मुवेल, मंडल अध्यक्ष जितेंद्र गुजराती, जनपद सदस्य प्रकाश जमरा आदि ने माता का अभिषेक व पूजा की। पं. गोविंद जी शर्मा ने अनुष्ठान संपन्न कराया।

इसके बाद माता के जयकारों और भक्तिमय वातावरण के बीच चुनरी यात्रा निकली। यात्रा 10 किलोमीटर की दूरी तय कर शीतला माता मंदिर पहुंची। यहां मां चामुंडा और शीतला माता विग्रह का पूजन कर उन्हें 51 फुट लंबी चुनरी अर्पित की गई और क्षेत्र की सुख-समृद्धि की कामना की गई।

 

जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

चुनरी यात्रा में मध्यप्रदेश शासन के कैबिनेट मंत्री नागरसिंह चौहान, जिलाध्यक्ष संतोष (मकु) परवाल, पूर्व विधायक माधौसिंह डावर, प्रतिनिधि गोविंद गुप्ता, रिंकेश तंवर, महिला मोर्चा से कोकिला बेन, भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष गौरव जैन सहित अनेक जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। आयोजन में सरपंच हीरा मुवेल, कलमसिंह अजनार, धन्नालाल राठौड़, कैरम डामोर, हिमांशु सोनी आदि की विशेष भूमिका रही।

चुनरी यात्रा में पार्टी कार्यकर्ताओं सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण महिला, पुरुष और बच्चे शामिल हुए।