
चौसठ योगिनियां : तांत्रिक परंपरा की दिव्य देवियां
– डॉ बिट्टो जोशी

भारतीय तांत्रिक साधना और शक्ति-उपासना में चौसठ योगिनियों का विशेष स्थान है। ये योगिनियां देवी शक्ति की अद्भुत, रहस्यमयी और बहुआयामी रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं। इनके नाम और मंत्र न केवल साधक को शक्ति, समृद्धि और कल्याण प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मज्ञान और मोक्ष की ओर भी मार्गदर्शन करते हैं। हर योगिनी का एक विशिष्ट स्वरूप, साधना और महत्व है। परंपरा के अनुसार, इनका स्मरण और मंत्र-जप साधक को सिद्धियों, सुरक्षा और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।
कुछ योगिनियों के मंत्र शास्त्रों में प्रमाणित हैं, जबकि कुछ के लिए मंत्र लोक या गुरु परंपरा से प्राप्त होते हैं। इस लेख में आपको 64 योगिनियों के नाम और उनके मंत्र क्रमबद्ध रूप में प्रस्तुत किए जा रहे हैं।

आइए जानते हैं चौसठ योगिनियों के नाम और उनके मंत्र—
1. काली योगिनी-
ॐ क्रीं कालिकायै नमः
2. तारा योगिनी-
ॐ ह्रीं स्त्रीं ह्रीं तारे नमः।
3. छिन्नमस्ता योगिनी-
ॐ ह्रीं छिन्नमस्तिकायै नमः।
4. बगलामुखी योगिनी-
ॐ ह्लीं बगलामुख्यै नमः।
5. धूमावती योगिनी-
ॐ धूं धूमावत्यै नमः।
6. वाराही योगिनी-
ॐ वां वाराह्यै नमः।
7. महालक्ष्मी योगिनी
ॐ श्रीं महालक्ष्म्यै नमः।
8. महामाया योगिनी-
ॐ ह्रीं महामायायै नमः।
9. कामेश्वरी योगिनी-
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं कामेश्वर्यै नमः।
10. भुवनेश्वरी योगिनी
ॐ ह्रीं भुवनेश्वर्यै नमः।
11. तारा महाविद्या रूपिणी-
ॐ तारे तुत्तारे तुरे स्वाहा।
12. चामुण्डा योगिनी-
ॐ ऐं ह्रीं चामुण्डायै नमः।
13. महाकाली योगिनी-
ॐ ऐं ह्रीं श्रीं महाकालिकायै नमः।
14. सर्वमंगला योगिनी-
ॐ श्रीं सर्वमङ्गलायै नमः।
15. कौमारी योगिनी-
ॐ कौमार्यै नमः।
16. वैष्णवी योगिनी-
ॐ वैष्णव्यै नमः।
17. महेश्वरी योगिनी-
ॐ महेश्वर्यै नमः।
18. ब्रह्माणी योगिनी-
ॐ ब्रह्मण्यै नमः।
19. इन्द्राणी योगिनी (ऐन्द्रि)
ॐ ऐं ऐन्द्र्यै नमः।
20. नारसिंही योगिनी-
ॐ नारसिंह्यै नमः।
21. काली (कालरात्रि रूपा)-
ॐ कालरात्र्यै नमः।
ये मंत्र तंत्रसार, नित्यदेवी-चक्र और महाविद्या तंत्र में प्रमाणित हैं।

**अन्य योगिनियां**
शेष योगिनियां जिनके मंत्र शास्त्रों में सार्वभौमिक रूप से उपलब्ध नहीं हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं-
बहुरूप, नर्मदा, यमुना, शांति, वारुणी, वानरमुखी, वैद्यरूपा, चर्चिका, बेतली, वृषवाहन, ज्वालाकामिनी, कराकाली, बिरूपा, कौवेरी, भलुका, बिरजा, विकतांना, रति, करकरी, सर्पश्या, यक्षिणी, विनायकी, विंध्यवासिनी, वीरकुमारी, अम्बिका, कामिनी, घटाबरी, स्तुति, उमा, नारायणी, समुद्र, ज्वालामुखी, आग्नेयी, अदिति, चन्द्रकान्ति, वायुवेगा, मूरति, गंगा, गांधार, अजिता, सूर्यपुत्री, वायु वीणा, अघोर, भद्रकाली।
नोट: इन योगिनियों के मंत्र स्थानीय या गुरु परंपरा में प्रचलित हैं। साधक अपने गुरु/परंपरा अनुसार मंत्रों का उपयोग करें।
64 योगिनियां शक्तिशाली देवी रूप हैं जो साधना और भक्ति से साधक के जीवन में आध्यात्मिक जागरण और सुरक्षा प्रदान करती हैं।
शास्त्र-सम्मत मंत्र वाले योगिनियां सीधे ग्रंथों से प्रमाणित हैं।
अन्य योगिनियां केवल परंपरा और गुरु-दिक्षा से जुड़े मंत्रों से पूजी जाती हैं।





