
“I Love Mahakal- I Love Mohammad” : नफरत के बीच सद्भावना का संदेश: महिलाओं ने साथ-साथ उठाए महाकाल और मोहम्मद के पोस्टर
UJJAIN :मध्यप्रदेश के उज्जैन में कुछ महिला कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से एक साथ कई धार्मिक-पारंपरिक संदेश लिए पोस्टर पकड़े और सोशल मीडिया पर फैल रहे तनाव के बीच सौहार्द का संदेश दिया। इस प्रदर्शन में महिलाओं ने हाथों में “I Love Mahakal”, “I Love Mohammad”, “I Love Jesus”, “I Love Constitution” और “I Love India” जैसे तख्ते रखकर कहा कि विविधता में भी एकता बनी रहनी चाहिए।
कांग्रेस की स्थानीय महिला नेता नूरी खान सहित कुछ महिला नेत्रियों ने बताया कि यह पहल बढ़ती सांप्रदायिकता और नफरत के माहौल का जवाब है और हमारा उद्देश्य लोगों के बीच सहिष्णुता और आपसी सम्मान का संदेश फैलाना है। नूरी खान ने कहा कि “मेरे लिए आई लव मोहम्मद है, किसी की बहन के लिए आई लव महाकाल — देश सबका है” — और इस तरह के संयुक्त पोस्टरों से यह दिखाने की कोशिश की गई कि हर धर्म के लोग इस देश के हिस्से हैं।
पिछले दिनों कुछ स्थानों पर “I Love Mohammad” वाले पोस्टरों और स्टिकर के कारण विवाद और पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई की खबरें आई थीं; उसी संदर्भ में उज्जैन में भी सोशल मीडिया पर दोनों तरह के पोस्टरों को लेकर बहस सामने आई। प्रशासन ने कुछ स्थानों से विवादित पोस्टरों को हटाने की कार्रवाई की खबरें भी रही हैं, जबकि स्थानीय राजनीतिक और सामाजिक नेता घटनाक्रम पर अलग-अलग बयान दे रहे हैं। यह प्रदर्शन उसी पृष्ठभूमि में हुआ और इसमें सामाजिक शांति की अपील को प्रमुख रखा गया।
स्थानीय लोगों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने कहा कि ऐसी पहलें—जहां विभिन्न धार्मिक भावनाओं के प्रति सम्मान दिखाया जाता है—स्थानीय स्तर पर तनाव को कम करने में मदद कर सकती हैं, बशर्ते प्रशासन और समुदाय संयम और कानून का पालन सुनिश्चित करें। कुछ मीडिया कवरेज में यह भी दिखा कि उज्जैन के टावर चौक पर छोटे-छोटे समूहों ने मिलकर पोस्टर पकड़े और शांति का संदेश दिया।
बता दें कि बीते दिनों में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में “I Love Mohammad” स्टिकर/पोस्टर के कारण विवाद छिड़ा, जिसके बाद “I Love Mahakal” और इसी तरह के अन्य पोस्टर भी दिखाई देने लगे। घटनाओं पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समुदायों के प्रतिक्रिया के साथ-साथ पुलिस सतर्कता बढ़ाने की रिपोर्टें भी आईं। उज्जैन में महिलाओं का यह संदेश उसी राष्ट्रीय परिवेश में स्थानीय स्तर पर शांति- और सहराणुता-प्रवर्तन का प्रयास माना जा रहा है।





