
किसानों से 1544 करोड़ नहीं वसूल पाए जलसंसाधन विभाग के अफसर, EnC से जताई नाराजगी
भोपाल: जलसंसाधन विभाग के मैदानी अफसर किसानों से 1544 करोड़ रुपए की वसूली नहीं कर पा रहे है। कुल 1738 करोड़ 43 लाख रुपए की वसूली की जाना है उसमें से अभी तक केवल 194 करोड़ 33 लाख रुपए की वसूली हो पाई है।
जलसंसाधन विभाग को अपने पंद्रह कार्यालयों के अंतर्गत एक अप्रैल 2025 तक की स्थिति में बकाया ब्याज और अन्य राशि सहित 1215 करोड़ 76 लाख 44 हजार रुपए की वसूली करना बाकी थी। वहीं इस वर्ष के 522 करोड़ 66 लाख रुपए की वसूली और बाकी हो गई। इस तरह से कुल 1738 करोड़ 43 लाख रुपए की वसूली बाकी है।
जलसंसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता विनोद कुमार देवड़ा ने बकाया वसूली नहीं हो पाने पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होेंने चंबल बेतवा, गंगा एवं बाणसागर परियोजना, नर्तदा ताप्ती कछार, यमुना कछार, जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम, राजघाट नहर परियोजना दतिया, धसान केन कछार, वेन गंगा कछार, जलसंसाधन विभाग उज्जैन, मुख्य अभियंता बोधि के मुख्य अभियंताओं को निर्देश जारी कर बकाया वसूली में तेजी लाने को कहा है।
सभी मुख्य अंभियंताओं को कहा गया है कि हर माह दस तारीख तक राजस्व वसूली के आंकड़े उनके कार्यालय को संभागवार, लक्ष्य और प्रयोजनवार उपलब्ध्ज्ञ कराएं ताकि कछारवार की जाने वाली प्रगति का मूल्यांकन हो सके। मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल को प्रदाय जल की जलदर प्राप्ति के अवशेष और अनुबंध की जानकारी भी दें। उद्योगों, निजी पावर प्लांट और एनटीपीसी राजस्व वसूली की जानकारी अलग अलग भेजें, उद्योगोें और नगरीय निकायों को दिए जा रहे जल के स्रोत अनुबंध की स्थिति और जलप्रदाय की स्थिति की जानकारी भी भेजें।अधिकांश अधिकारी राजस्व वसूली की जानकारी निर्धारित फार्मेट में समय सीमा में भेजने पर ध्यान नहीं दे रहे है इस पर ध्यान देकर वसूली बढ़ाएं और समय पर जानकारी दें।
इन पर सर्वाधिक बकाया-
गंगा कछार रीवा पर 501 करोड़ 41 लाख, जलसंसाधन विभाग नर्मदापुरम पर 306 करोड़ 68 लाख, यमुना कछार ग्वालियर, राज नहर सिंध परियोजना दतिया, बेनगंगा कछार सिवनी पर भी करोड़ों रुपए की वसूली की जाना बाकी है।





