
ED’s Big Action: शराब फर्जी चालान घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इंदौर से दो आरोपी गिरफ्तार, 8 अक्टूबर तक रिमांड पर भेजे गए
INDORE: शराब फर्जी चालान घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED), ने इंदौर में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों- अंश त्रिवेदी और राजू दशवंत को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA), 2002 के तहत की गई।
ED सूत्रों के अनुसार, दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी 03 अक्टूबर 2025 को की गई। इसके बाद उन्हें माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से दोनों को 08 अक्टूबर 2025 तक ED की हिरासत (रिमांड) में भेजने के आदेश दिए गए हैं।
ED, Indore has arrested Ansh Trivedi and Raju Dashwant on 03.10.2025 under the PMLA, 2002 in the case of Liquor Fake Challan Scam. Both the accused were produced before the Hon’ble Court, and the Hon’ble Court has granted ED custody of the both accused till 08-10-2025.
— ED (@dir_ed) October 6, 2025
*घोटाले की पृष्ठभूमि*
बताया जा रहा है कि यह मामला मध्यप्रदेश के शराब ठेकों और ट्रांसपोर्ट चालानों में कथित फर्जीवाड़े से जुड़ा हुआ है, जिसके माध्यम से करोड़ों रुपये के अवैध वित्तीय लेनदेन किए जाने की आशंका है।
ED ने यह कार्रवाई राज्य में चल रही शराब फर्जी चालान नेटवर्क की जांच के दौरान की है, जिसमें कई ट्रेडिंग फर्मों, ट्रांसपोर्ट कंपनियों और सरकारी रिकॉर्ड्स की पड़ताल की जा रही है।
*ED जांच के दायरे में कई और नाम*
ED सूत्रों के मुताबिक, जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ निजी कंपनियों और आपूर्तिकर्ताओं ने फर्जी बिलिंग और परिवहन दस्तावेजों के माध्यम से अवैध रूप से धन अर्जित किया।
एजेंसी अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस राशि को किन माध्यमों से मनी लॉन्ड्रिंग चैनल्स के जरिए घुमाया गया और इससे जुड़े राजनीतिक अथवा प्रशासनिक संबंध कितने गहरे हैं।
*कानूनी कार्यवाही*
दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के दौरान ED को इस घोटाले से जुड़े मुख्य वित्तीय प्रवाह (financial trail) और सहयोगी व्यक्तियों/संस्थाओं की जानकारी मिलने की उम्मीद है।
एजेंसी के अधिकारियों ने संकेत दिया है कि आने वाले दिनों में अन्य लोगों की गिरफ्तारी और संपत्ति कुर्की की कार्रवाई भी संभव है।
यह मामला राज्य के हालिया वर्षों में सामने आए सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक माना जा रहा है, जिसमें फर्जी चालानों के माध्यम से राजकोष को भारी नुकसान पहुंचाने के आरोप हैं।





